शंभू और खनौरी बॉर्डर पर बीते 10 महीनों से किसानों का आंदोलन जारी है. किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) दोनों मोर्चों पर आंदाेलन का नेतृत्व कर रहे हैं. इस बीच अब किसान आंदोलन को गति देने के लिए महापंचायत बुलाई गई है, लेकिन किसान संगठनों में अलगाव जैसी स्थिति देखी जा रही है. दरअसल, केएमएम शंभू बॉर्डर पर 6 जनवरी को गुरु गोविंद सिंह जी की जयंती पर सभा आयोजित कर आंदोलन को गति देने की तैयारी में हैं. लेकिन, इससे पहले 4 जनवरी को खनौरी बॉर्डर और हरियाणा के टोहाना में किसानों की दो महापंचायतें बुलाई गई हैं, जिससे किसानों की एकजुटता पर एक बार फिर सवाल खड़े हो रहे हैं.
एसकेएम (गैर राजनीति) ने खनौरी बॉर्डर पर 4 जनवरी को किसान महापंचायत बुलाई है. वहीं, संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने हरियाणा के टोहाना में 4 जनवरी को किसान महापंचायत बुलाई है, जिसमें राकेश टिकैत समेत कई किसान नेता शामिल हो सकते हैं. ‘दि ट्रिब्यून’ की रिपोर्ट के मुताबिक, एक ही दिन दो किसान महापंचायतों को लेकर किसान नेताओं के अलग-अलग बयान सामने आ रहे हैं. कुछ का कहना है कि खनौरी बॉर्डर पर 4 जनवरी के बाद कार्यक्रम होना चाहिए तो वहीं कुछ किसान नेताओं का कहना है कि टोहाना की महापंचायत को कुछ दिन के लिए टाल दिया जाना चाहिए.
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने 4 जनवरी को खनौरी बॉर्डर पर किसान महापंचायत का कायक्रम रखते हुए इसमें पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश के किसानों को शामिल होने का आमंत्रण दिया है. इस महापंचायत में डल्लेवाल किसानों को संबोधित करना चाहते हैं.
वहीं, संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने 4 जनवरी को हरियाणा के फतेहाबाद जिले के टोहाना शहर में महापंचायत रखते हुए देशभर से किसानों को शामिल होने का आमंत्रण दिया है. इसमें 400 से ज्यादा किसान संगठनों के शामिल होने की संभावना है, जिसमें जोगिंदर सिंह उग्राहां, दर्शन पाल, राकेश टिकैत और अलग-अलग राज्यों के कई अन्य किसान नेता जुटेंगे.
बुधवार को किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने पंजाब सरकार से केंद्र की नई कृषि मार्केटिंग पॉलिसी को खारिज करने और किसानों की मांगों का समर्थन करने के लिए विधानसभा में प्रस्ताव पारित करने की मांग की. पंढेर ने कहा कि हम कृषि मंडियों के निजीकरण समेत किसान विरोधी नीतियों को वापस लेने की मांगों पर अडिग हैं. पंजाब सरकार को आने वाले विधानसभा सत्र में किसानों के समर्थन में कोई ठोस फैसला लेना चाहिए.
किसान नेता ने कहा कि जल्द ही दिल्ली मार्च की घोषणा की जाएगी. केएमएम ने पटियाला और फतेहगढ़ साहिब के आस-पास के गांवों के लोगों को 6 जनवरी को शंभू मोर्च पर बड़ी संख्या जुटने का आह्वान किया है. किसान संगठन ने कहा कि हम 6 जनवरी को सभा के सामने अपने सभी मुद्दे उठाएंगे.