भारतीय किसान यूनियन ( टिकैत )के किसानों का महाकुंभ आज यानी सोमवार से हरिद्वार में लाल कोठी पर शुरू हो गया है. इससे पहले वीआईपी घाट पर मेरठ मंडल के किसानों की मीटिंग हुई. बैठक में देश भर से बड़ी संख्या में किसान शामिल होने आए है. इस महाकुंभ में शामिल होकर किसानों की कई समस्याओं को लेकर विचार व्यक्त किया. इस दौरान राकेश टिकैत ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उनके मुद्दे सरकार के 11 साल और हमारे 11 सवाल हैं. इनमें एमएसपी की गारंटी को लागू करना, बिजली को प्राइवेट किये जाने, बेरोजगारी, शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट लागू करना, दूध पालन किसान की समस्या, भूमिहीन होते किसान की समस्या, बीजेपी सरकार की भूमि छीनने की पॉलिसी का स्पष्टीकरण, इंडस्ट्रीज के नाम पर रोड के नाम पर डेवलपमेंट के नाम पर किसान की जमीन छीनकर व्यापारी को देने आदि मुद्दों पर विचार कर फैसला किया जाएगा.
भारतीय किसान यूनियन टिकैत के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत का कहना है कि महाकुंभ में 'सरकार के 11 साल और हमारे 11 सवाल' उसकी घोषणा लाल कोठी पर की जाएगी. उनका कहना था कि बिजली का प्राइवटाइजेशन हो रहा है, वह सबसे बड़ा इश्यू है. इसके अलावा एमएसपी गारंटी कानून एक बड़ा सवाल है, बेरोजगारी का बड़ा सवाल देश में है, शिक्षा, स्वास्थ्य, यह सबसे बड़ा सवाल है. वहीं, स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट भी एक मसला है. साथ ही दूध पालन करने वाला किसानों की देश में क्या हालत है, भूमिहीन किसानों की स्थिति, साथ ही बीजेपी सरकार की भूमि छिनने की पॉलिसी, उस पर भी हम सरकार की सफाई मांगेंगे. टिकैत का आरोप है कि बीजेपी की सरकार इंडस्ट्रीज के नाम पर रोड के नाम पर डेवलपमेंट कर रही है. सरकार किसानों की जमीन छीन रही है और व्यापारी को जमीन दे रहे हैं. ऐसे बहुत से सवाल हैं जिनका जवाब सरकार से मांगा जाएगा.
राकेश टिकैत का कहना है कि 11 साल में सरकार ने लूटने का प्लान बनाया. उनका कहना था कि किसानों के आंदोलन के बाद किए गए वादे सरकार ने कोई वादा पूरा नहीं किया है. उनका कहना था कि यह सरकार, पूंजीपतियों की सरकार है. जिस तरह से सरकार बन रही है और काम कर रही है, वह लोगों को दूसरे मसलों में उलझा रही है. साथ ही पीछे से पूंजीपतियों का माल बेचने का काम कर रही है. उनका कहना था कि यह आंदोलन ही है और पूरे देश में सरकार के खिलाफ माहौल बना हुआ है. पैसे लेकर सरकार जिस तरीके से फाइनेंशियल कमजोर करना चाहती है. सरकार हजार साल पुराने मध्य प्रदेश बेल्ट में, उनको काट रही है, वहां पर पूंजीवाद को सरकार बढ़ावा दे रही है. इन सब पर आम जनता को सब पर ध्यान देना पड़ेगा.
राकेश टिकैत का कहना है कि चीनी मिलों पर किसानों का बकाया है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में इकबालपुर शुगर मिल पर बकाया है. हरियाणा के किसानों के करीब 50 करोड़ बकाया है. पिछले करीब 7-8 साल का यहां के किसानों का भी बकाया है. उत्तर प्रदेश में भी किसानों का बकाया है. उन्होंने बताया कि कुछ शुगर फैक्ट्रियों ने किसानों का बकाया अदा कर दिया गया है. जबकि कुछ शुगर फैक्ट्री पर अभी तक बकाया है.
(मुदित अग्रवाल की रिपोर्ट)
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