Asali-Nakli: किसान इन 5 खादों की ऐसे करें पहचान, नहीं होगा नुकसान

Asali-Nakli: किसान इन 5 खादों की ऐसे करें पहचान, नहीं होगा नुकसान

Fertilizer: वर्तमान समय में बाजारों में नकली खाद की बिक्री से किसानों को काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है. कई राज्यों से नकली खाद बेचने का मामला भी सामने आया है. ऐसे में किसानों को खाद की पहचान करना आना चाहिए, ताकि वे नुकसान से बच सकें.

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Asali-Nakli: किसान इन 5 खादों की ऐसे करें पहचान, नहीं होगा नुकसानअसली खाद की पहचान: Asali fertilizer

किसानों के लिए खाद खेती का सबसे महत्वपूर्ण साधन होता है. लेकिन मिलावट के इस दौर में किसानों के लिए ये जानना बेहद ही जरूरी है कि वो जिस खाद का इस्तेमाल कर रहे हैं वो असली है या नकली. ऐसा इसलिए जरूरी है क्योंकि किसी भी फसल के बेहतर उत्पादन के लिए अच्छे खाद की आवश्यकता होती है. यदि खाद नकली हुआ तो उससे फसल का उत्पादन तो घटता ही है, साथ ही उसकी क्वालिटी में भी कमी आती है. ऐसे में किसानों के लिए जरूरी हो जाता है कि वे फसलों में अलसी खाद का ही इस्तेमाल करें. ऐसे में अगर आप इन 5 खादों का इस्तेमाल कर रहे हैं तो ये जान लें कि वो नकली तो नहीं है. साथ ही इसकी पहचान आप बस कुछ मिनटों में कर सकते हैं. आइए जानते हैं कैसे.

असली यूरिया की पहचान

यूरिया की असली पहचान ये होती है कि इसके दाने सफेद चमकदार और लगभग एक सामान शेप में होते हैं. इसके अलावा असली यूरिया पानी में पूरी तरह घुल जाता है. वहीं, उस घोल को छूने पर ठंडे पन का अहसास होता है. इसके अलावा तवे पर गर्म करने से ये पिघल जाता है. साथ ही आंच तेज करने पर इसका कोई अवशेष नहीं बचता है.

असली पोटाश की पहचान

पोटाश की असली पहचान है उसका सफेद और कड़ा होना. ये नमक और लाल मिर्च जैसा मिश्रण होता है. साथ ही जांच के लिए पोटाश के कुछ दानों को नम करें. यदि ये आपस में नहीं चिपकते हैं तो समझ लें कि ये असली पोटाश है. एक बात और ध्यान रखें कि पोटाश पानी में घुलने पर लाल रंग को होकर ऊपर तैरता है.

जिंक सल्फेट को ऐसे पहचानें

जिंक सल्फेट की असली पहचान ये हैं कि इसके दाने हल्के सफेद पीले और भूरे होते हैं. यह बेहद बारीक होते हैं. जिंक सल्फेट में मैग्नीशियम सल्फेट मिलाया जाता है. हालांकि इसकी पहचान करना थोड़ा मुश्किल होता है. फिर भी डीएपी के घोल में जिंक सल्फेट का घोल मिलाने पर थक्केदार बन जाता है.

ऐसी होती है असली डीएपी

डीएपी की असली पहचान करने के लिए इसे तंबाकू की तरह चूना मिलाकर मलें. अगर इसमें से तेज गंध आती है तो वो असली है. वहीं, तेज आंच वाले तवे पर गर्म करने पर इसके दाने फूलने लगते हैं. इसके दाने कुछ कठोर, भूरे काले और बादामी रंग के होते हैं. यह नाखून से नोचने पर आसानी से टूटते नहीं हैं.

सुपर फास्फेट की पहचान

सुपर फास्फेट की असली पहचान ये होती है कि इसके सख्त दाने भूरे और काले बादामी रंग के होते हैं. वहीं, आप जांच करने के लिए इसके कुछ दानों को गर्म करें. यदि ये नहीं फूलते हैं तो समझ लें यही असली सुपर फास्फेट है. ध्यान रखें कि गर्म करने पर डीएपी और अन्य खाद के दाने फूल जाते हैं, जबकि सुपर फास्फेट के दाने नहीं फूलते हैं. इस प्रकार मिलावट की पहचान आसानी से की जा सकती है.

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