संसद से लेकर सड़क तक किसानों के मुद्दे पर हंगामा, हर तरफ सुनाई दी MSP की गूंज

संसद से लेकर सड़क तक किसानों के मुद्दे पर हंगामा, हर तरफ सुनाई दी MSP की गूंज

कांग्रेस के रणदीप सुरजेवाला ने किसानों के मुद्दे पर चर्चा के लिए नियम 267 के तहत नोटिस दिया था. अपने नोटिस में उन्होंने देश में कृषि संकट का जिक्र किया, जो ग्रामीण और कृषि लोन के साथ मिलकर भारत के ग्रामीण इलाकों में चिंताजनक स्थिति पैदा कर रहा है. उन्होंने कहा कि वे किसानों को उनकी उपज पर एमएसपी नहीं दिए जाने के मुद्दे को भी उठाना और चर्चा करना चाहते हैं.

क‍िसान तक
  • Noida,
  • Dec 04, 2024,
  • Updated Dec 04, 2024, 7:42 PM IST

कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों के सांसदों ने बुधवार को सरकार की कथित किसान विरोधी नीतियों और अलग-अलग फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बढ़ाने के वादे को पूरा नहीं करने के विरोध में राज्यसभा से वॉकआउट किया. सभापति जगदीप धनखड़ ने किसानों के मुद्दे पर चर्चा के लिए दिन के कामकाज को अलग रखने की मांग करने वाले प्रस्तावों को खारिज कर दिया. इसके बाद कांग्रेस सांसदों ने नारेबाजी की. धनखड़ ने उनके बर्ताव की आलोचना करते हुए कहा कि "नारेबाजी और मगरमच्छ के आंसू बहाने से किसानों का हित नहीं सधता".

संसद में हुआ हंगामा

उन्होंने हंगामा करने वाले कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टी के सांसदों से कहा, "आप केवल इसका राजनीतिकरण कर रहे हैं. आप समाधान नहीं चाहते. किसान आपकी अंतिम प्राथमिकता है." नारेबाजी के बीच अध्यक्ष ने शून्यकाल में चर्चा शुरू की. शुरू में उन्होंने विपक्षी सांसदों को मुद्दा उठाने की अनुमति नहीं दी, लेकिन बाद में उन्होंने कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी को एक मिनट बोलने की अनुमति दी. तिवारी ने कहा कि सरकार ने एमएसपी बढ़ाने का अपना वादा पूरा नहीं किया है. उन्होंने कहा कि इसके कारण किसानों ने फिर से आंदोलन शुरू कर दिया है.

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कुछ अन्य लोग बोलना चाहते थे, लेकिन धनखड़ ने इसकी अनुमति नहीं दी. इसके तुरंत बाद, कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (एसपी) के अलावा आरजेडी के कुछ सदस्यों ने वॉकआउट कर दिया. इससे पहले, धनखड़ ने कहा कि उन्हें नियम 267 के तहत दिए गए पांच नोटिस सही नहीं लगे, इसलिए उन्हें स्वीकार नहीं किया गया. नोटिस में किसानों के मुद्दों, तमिलनाडु में हाल ही में आए चक्रवात, अडानी समूह के खिलाफ भ्रष्टाचार और गलत कामों के आरोपों और उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा पर चर्चा के लिए दिन का कामकाज अलग रखने की मांग की गई थी.

कांग्रेस ने उठाया मुद्दा

कांग्रेस के रणदीप सुरजेवाला ने किसानों के मुद्दे पर चर्चा के लिए नियम 267 के तहत नोटिस दिया था. अपने नोटिस में उन्होंने देश में कृषि संकट का जिक्र किया, जो ग्रामीण और कृषि लोन के साथ मिलकर भारत के ग्रामीण इलाकों में चिंताजनक स्थिति पैदा कर रहा है. उन्होंने कहा कि वे किसानों को उनकी उपज पर एमएसपी नहीं दिए जाने के मुद्दे को भी उठाना और चर्चा करना चाहते हैं.

कांग्रेस सांसद ने अपने नोटिस में कहा, "यहां तक ​​कि जनप्रतिनिधियों और संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों ने भी ग्रामीण और कृषि संकट के बारे में सार्वजनिक रूप से चिंता व्यक्त की है. इस पर सदन में सभी अन्य कामकाज को स्थगित करके तत्काल चर्चा की आवश्यकता है." 

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विपक्ष की यह चिंता उस समय सामने आई जब एक दिन पहले ही राज्यसभा के सभापति धनखड़ ने मुंबई में किसानों के मुद्दे पर चिंता व्यक्त की थी और कृषि मंत्री से प्रदर्शनकारी किसानों से बातचीत करने का आग्रह किया था. पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों के किसानों ने हाल के दिनों में दिल्ली-नोएडा बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन करने के लिए जुटने के बाद 2 दिसंबर को दिल्ली की ओर मार्च शुरू किया था. हालांकि प्रशासन ने एक हफ्ते का समय लेकर मार्च को रोक दिया था.

नोएडा के किसानों को राहत

इस बीच नोएडा और ग्रेटर नोएडा के किसानों की समस्या को सुलझाने के लिए यूपी सरकार ने 5 सदस्यी कमेटी बनाने की घोषणा कर दी है. इस कमेटी से एक महीने के अंदर रिपोर्ट मांगी गई है. औद्योगिक विकास विभाग के सचिव अभिषेक प्रकाश ने यह निर्देश जारी किया. पुलिस आयुक्त लक्ष्मी सिंह के अनुसार, मंगलवार को गौतम बुद्ध नगर में किसान यूनियनों के नेताओं सहित सौ से अधिक प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने हिरासत में लिया. सिंह ने कहा कि विरोध प्रदर्शन के दौरान हिरासत में ली गई महिलाओं और बुजुर्गों को बाद में रिहा कर दिया गया.


 

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