केंद्रीय रेल एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने किसान आंदोलन को लेकर बहुत बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार किसान नेताओं से मिलने और उनसे बातचीत करने के लिए तैयार है. इसके लिए किसानों को भी आगने आना होगा. बिट्टू ने कहा कि केंद्र सरकार पंजाब से सभी तरह का अनाज खरीद रही है. फिर भी राज्य के कुछ किसान विरोध कर रहे हैं और राजमार्ग को जाम कर रहे हैं. बिट्टू ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानूनी गारंटी की मांग पर चिंता व्यक्त की और कहा कि इस तरह के कदम से राज्य में मंडी (बाजार) का बुनियादी ढांचा कमजोर हो सकता है.
द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने कहा कि सरकार सालाना फसल खरीद पर 4 से 5 लाख करोड़ रुपये खर्च करती है. बिट्टू के अनुसार, यदि एमएसपी पर कानूनी गारंटी लागू की जाती है, तो खरीद में पंजाब का हिस्सा कम हो सकता है, जिससे राज्य की मंडी प्रणाली पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है. अपने संबोधन में बिट्टू ने पंजाब में आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार की नीतियों और कार्यों की भी आलोचना की.
साथ ही उन्होंने कहा कि किसानों को दिल्ली आने से कोई नहीं रोक रहा है. क्योंकि आंदोलनकारी किसान नेताओं ने हाल ही में दिल्ली का दौरा किया था और कुछ दिन पहले संसद परिसर में विपक्ष के नेता राहुल गांधी से मुलाकात भी की थी.
दरअसल, बिट्टू रविवार को संगरूर रेलवे स्टेशन पर अमृत भारत स्टेशन परियोजना के तहत चल रहे विकास कार्यों का निरीक्षण करने के लिए यहां पर आए थे. इस दौरान उन्होंने ये बातें कहीं. साथ ही पंजाब को फंड आवंटित करने के संबंध में उन्होंने आप सरकार पर आरोप लगाया कि बजट से पहले फंड प्राप्त करने के लिए प्रधानमंत्री या किसी अन्य केंद्रीय मंत्री के साथ कोई बैठक नहीं की गई. सीएम ने अब नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार किया है. उन्होंने कहा कि अगर वे बैठक में शामिल होते, तो राज्य की आवश्यकताओं को आयोग के समक्ष रखा जा सकता था.
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वहीं, केंद्र द्वारा ग्रामीण विकास निधि और एनआरएचएम निधि रोके जाने के संबंध में उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को इन योजनाओं के तहत पहले खर्च की गई धनराशि का विवरण देने के लिए केंद्र के पास जाना चाहिए, ताकि रोकी गई राशि जारी की जा सके. रेल मंत्रालय के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र ने बजट में पंजाब की रेलवे परियोजनाओं के लिए 5,147 करोड़ रुपये निर्धारित किए हैं. बाद में पटियाला में मीडिया को संबोधित करते हुए बिट्टू ने केंद्र के व्यापक खरीद प्रयासों के बारे में भी बात की और किसानों के एक वर्ग द्वारा जारी नाकेबंदी के पीछे की मंशा पर सवाल उठाया.
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