हरियाणा में बाढ़ से नुकसान के बाद मिले मुआवजे को लेकर भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने राज्य सरकार की आलोचना की है. शुक्रवार को फसल नुकसान पर मुआवजे की हालिया घोषणा को लेकर विपक्ष के नेता हुड्डा ने आलोचना करते हुए कहा कि ये मुआवजा किसानों के घावों पर नमक छिड़कने जैसा है. एक 'एक्स' पोस्ट में हुड्डा ने लिखा कि यदि खेती की लागत 30,000 से 35,000 रुपये प्रति एकड़ है और वार्षिक पट्टा 70,000 रुपये प्रति एकड़ है, तो मात्र 7,000 से 15,000 रुपये का मुआवजा किसानों के साथ अन्याय है.
बता दें कि 8 सितंबर को हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने राज्य में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए मुआवजे की घोषणा की थी. हरियाणा के CMO के अनुसार, मुख्यमंत्री ने भारी बारिश के कारण बाढ़ जैसी स्थिति से प्रभावित लोगों को तत्काल राहत देने के लिए जिलों के लिए आरक्षित निधि के रूप में 3.26 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं.
इस मुआवजे में मिलने वाली राशि का उपयोग भोजन, कपड़े, अस्थायी आश्रय, टेंट, पशुओं के लिए चारा, पेट्रोल-डीजल और ईंधन सहित अन्य आवश्यक वस्तुओं के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में राहत सामग्री के परिवहन और जल निकासी कार्यों के लिए किया जा रहा है. इसके अलावा इसमें अलग-अलग प्रकार के नुकसानों और क्षतियों पर भी चर्चा की गई. फसल नुकसान सब्सिडी क्षति के प्रतिशत के आधार पर 7,000 रुपये से लेकर 15,000 रुपये प्रति एकड़ तक है.
बाढ़ के कारण जानमाल के नुकसान पर 4,00,000 रुपये का मुआवजा दिया जाता है. विकलांगता के मामलों में, 40-60 फीसदी विकलांगता वाले पीड़ितों को 74,000 रुपये मिलते हैं, जबकि 60 फीसदी से अधिक विकलांगता वाले पीड़ितों को 2,50,000 रुपये मिलते हैं.
क्षतिग्रस्त घरों के लिए, मैदानी इलाकों में 1,20,000 रुपये और पहाड़ी इलाकों में 1,30,000 रुपये की राहत राशि दी जाती है. आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त पक्के घरों के लिए 10,000 रुपये (15 फीसदी क्षति) और आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त कच्चे घरों के लिए 5,000 रुपये की राहत राशि दी जाती है.
गांवों में दुकानों, प्रतिष्ठानों और उद्योगों को 100 फीसदी नुकसान होने पर मुआवजा दिया जाता है. 1 लाख से 2 लाख रुपये के बीच के नुकसान के लिए 1,75,000 रुपये, 2 लाख से 3 लाख रुपये के बीच के नुकसान के लिए 2,35,000 रुपये, 3 लाख से 4 लाख रुपये के बीच के नुकसान के लिए 2,75,000 रुपये, 4 लाख से 5 लाख रुपये के बीच के नुकसान के लिए 3,05,000 रुपये और 5 लाख रुपये से अधिक के नुकसान के लिए 3,05,000 रुपये के साथ अतिरिक्त नुकसान का 10 फीसदी दिया जाता है.
पशुधन के नुकसान के लिए भैंस, गाय या ऊंटनी जैसे दुधारू पशुओं को 37,500 रुपये का मुआवजा मिलता है, जबकि भेड़, बकरी या सूअर को 4,000 रुपये मिलते हैं. ऊंट, घोड़े या बैल जैसे गैर-दुधारू पशुओं के लिए 32,000 रुपये का मुआवजा दिया जाता है, और मुर्गी पालन के नुकसान के लिए 10,000 रुपये तक का कवर दिया जाता है. यह संरचित राहत बाढ़ से संबंधित अलग-अलग प्रकार के नुकसानों के लिए सहायता सुनिश्चित करती है. (ANI)