विपक्ष के हंगामे के बाद संसद से कुल 92 नेता सस्पेंड, कमेटी की रिपोर्ट आने तक जारी रहेगा सांसदों का निलंबन

विपक्ष के हंगामे के बाद संसद से कुल 92 नेता सस्पेंड, कमेटी की रिपोर्ट आने तक जारी रहेगा सांसदों का निलंबन

सभापति की बात नहीं मानने पर राज्यसभा से विपक्ष के 34 सांसदों को सस्पेंड कर दिया गया है. ये सांसद पूरे शीतकालीन सत्र में भाग नहीं ले सकेंगे. जबकि, 11 सांसदों को प्रिवलेज कमेटी की रिपोर्ट आने तक के लिए सस्पेंड किया गया है.

MPs suspended from Rajya Sabha MPs suspended from Rajya Sabha
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Dec 18, 2023,
  • Updated Dec 18, 2023, 7:09 PM IST

सभापति की बात नहीं मानने पर राज्यसभा के 34 सांसदों को सोमवार को सस्पेंड कर दिया गया है. ये सांसद पूरे शीतकालीन सत्र में भाग नहीं ले सकेंगे. जबकि, 11 सांसदों को प्रिवलेज कमेटी की रिपोर्ट आने तक के लिए सस्पेंड किया गया है. इस तरह आज कुल 45 सांसदों को राज्यसभा से निलंबित किया गया है. वहीं, 33 लोकसभा के सांसदों को भी निलंबित किया गया है. बता दें कि इससे पहले 14 दिसंबर को भी 14 सांसदों को सस्पेंड किया गया था, जिसमें 13 सांसद लोकसभा के थे और 1 सांसद राज्यसभा का था. दोनों सदनों से निलंबित सांसदों की कुल संख्या 92 हो गई है. उधर, राज्यसभा से निलंबित कई विपक्षी सांसदों ने संसद के बाहर मकर द्वार पर विरोध प्रदर्शन किया. 

राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल ने कहा कि 34 सांसदों को निलंबित कर दिया गया है. 11 सांसदों का मामला विशेषाधिकार समिति को भेजा गया है. आज कुल 45 राज्यसभा सांसदों को निलंबित कर दिया गया है. निलंबित सांसद नहीं चाहते थे कि सदन सुचारू रूप से चले, ये उनकी पूर्व नियोजित रणनीति थी.

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार शीतकालीन सत्र  से निलंबित सांसदों में कांग्रेस के जयराम रमेश, केसी वेणुगोपाल और रणदीप सिंह सुरजेवाला समेत कुल 34 विपक्षी सांसद शामिल हैं. जबकि, टीएमसी के सुखेंदु शेखर रे और शांतनु सेन और राजद के मनोज कुमार झा को आज शेष सत्र के लिए राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया है.

राज्यसभा से निलंबित किए जाने पर RJD सांसद मनोज कुमार झा ने कहा कि "मैं भी उनमें शुमार हूं. इसे गर्व की तरह ले रहा हूं कि मैं निलंबित हूं. जब काला दौर होता है ना तब तानाशाहों को ऐसी ही संसद चाहिए.आपसे हम सवाल पूछ रहे हैं, मसला सिर्फ देश की सुरक्षा का है संसद की इमारत का नहीं है. एक आधिकारिक बयान नहीं दे सकते? आप क्या चाहते हैं? विपक्ष मुक्त संसद आपने बना लिया. जो बचे हैं उन्हें कल (निलंबित) कर देना. ये दौर याद रखा जाएगा कि जबसे प्रधानमंत्री मोदी अपने दूसरे कार्यकाल में आए हैं बहुत कमजोर हो गए हैं. कमजोर व्यक्ति ही संसदीय कार्य मंत्री द्वारा इस प्रकार की हरकतों को प्रोत्साहित करता है और करवाता है.

 

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