आपने फलों और सब्जियों पर स्टीकर देखे होंगे. इन स्टिकर पर उत्पाद के बारे में जानकारी होती है, जैसे कि यह कहां से आया है, इसकी गुणवत्ता क्या है और इसकी कीमत क्या है. लेकिन ज़्यादातर लोगों को यह नहीं पता कि फलों और सब्जियों पर लगे ये स्टिकर स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं.
इतना ही नहीं, कई बार दुकानदार अपने खराब उत्पादों को बेचने के लिए उन पर स्टीकर चिपका देते हैं ताकि वे ग्राहकों को गुमराह कर सकें. इन स्टीकर को चिपकाने के लिए बहुत सारे गोंद का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें कई बार ऐसे रसायन होते हैं जो हमारे शरीर को नुकसान पहुंचा सकते हैं.
इस फल और सब्जियों को खाने वक्त लोग इसे हटा देते हैं. लेकिन उन्हें यह नहीं पता होता कि स्टिकर के पीछे लगा गोंद फलों की सतह पर रह जाता है. फलों और सब्ज़ियों की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए FSSAI ने व्यापारियों को दिशा-निर्देश दिए हैं. इन दिशा-निर्देशों में स्टीकर से होने वाले नुकसान से बचने की जानकारी दी गई है.
दूसरे देशों में फलों और सब्जियों पर स्टीकर इसलिए लगाए जाते हैं ताकि उनके बारे में जानकारी मिल सके जैसे कि यह कहां से आया है, इसकी गुणवत्ता क्या है और इसकी कीमत क्या है. इन स्टीकर पर एक कोड भी होता है जो बताता है कि यह कौन सा फल या सब्जी है.
FSSAI ने व्यापारियों को सलाह देते हुए कहा है कि फलों और सब्जियों पर स्टीकर न लगाएं और इससे जितना हो सके उतना बचें. जब तक कि उस पर जरूरी जानकारी जैसे कि कहां से आया है, बार कोड और कीमत न हो तब तक न लगाएं.
व्यापारियों को फलों और सब्जियों पर सीधे स्टीकर नहीं लगाना चाहिए. उनके बीच में कुछ रखकर फिर स्टीकर लगाना चाहिए. खाने की चीजों के लिए इस्तेमाल होने वाले रंगों का ही इस्तेमाल करना चाहिए. स्टीकर चिपकाने के लिए जो चिपचिपा पदार्थ इस्तेमाल होता है, वह सेहत के लिए हानिकारक नहीं होना चाहिए.
खुले बाजार में बिकने वाले फलों और सब्जियों पर लगे स्टीकर से निकलने वाले रसायन फलों और सब्जियों में अधिक तेजी से अवशोषित हो जाते हैं, क्योंकि ये रसायन गर्मी और धूप के कारण तेजी से फैलते हैं.