मौसम विभाग के अनुसार उत्तराखंड में 10 से 13 अगस्त, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और हरियाणा में 10 और 13 अगस्त, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 13 अगस्त, पूर्वी उत्तर प्रदेश में 10 और 13 अगस्त को भारी से भारी बारिश होने की संभावना है. इसके अलावा, बिहार और सब हिमालयी पश्चिम बंगाल में 10 से 13 अगस्त, झारखंड में 12 और 13 अगस्त, सिक्किम में 12 और 13 अगस्त को बहुत तेज बारिश होगी. ऐसे में आज देशभर में कैसा रहेगा मौसम/Latest Weather News, टमाटर की कीमतों में बढ़ोतरी/Tomato Prices Hike, मंडी समाचार/ Mandi News, पीएम-किसान की किस्त/PM-Kisan, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना/PMFBY और खेती-किसानी से जुड़ी हर अपडेट जानने के लिए पढ़ते रहें आज का हमारा लाइव अपडेट्स (Live Updates)-
बिहार सरकार ने राज्य की कई नदियों में जलस्तर बढ़ने के मद्देनजर संबंधित विभाग के अधिकारियों को सतर्क रहने का निर्देश दिया है. अधिकारियों ने बताया कि उत्तर बिहार में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है क्योंकि सोन, गंडक, पुनपुन, बागमती और गंगा सहित कई नदियां या तो खतरे के स्तर से ऊपर बह रही हैं या कई जिलों में खतरे के निशान के करीब हैं.
ऐसा माना जाता है कि सेब की खेती केवल ठंडे प्रदेशों में ही संभव है. लेकिन अब यह बात गलत साबित हो रही है. ऐसे ही सच को साबित किया है बिहार के कटिहार जिले के कोढ़ा प्रखंड के एक कंप्यूटर इंजीनियर ने. इन्होंने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़कर खेती शुरू की है. किसान बिहार जैसे सामान्य तापमान वाले क्षेत्र में सेब की खेती कर रहे हैं. उनके खेतों में सेब का फलन भी काफी अच्छा हुआ है. सेब टूट कर अब बाजार भी जाने लगा है. वहीं इस साल सेब की बेहतर कीमत और मांग होने की वजह से इंजीनियर किसान को बेहतर मुनाफा होने का अनुमान है.
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Monsoon: मॉनसून के दौरान पशुओं में रोग (Animal Diseases) का खतरा बढ़ जाता है. इस दौरान पशुओं का ध्यान कैसे रखें इस सवाल के जवाब के लिए किसान तक (Kisan Taj) की टीम ने कृषि विज्ञान केंद्र, चौमू (Krishi Vigran Kendra Choumu) के पशु वैज्ञानिक (Animal Scientist) से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने कहा कि पशुओं के रहने के लिए बेहतर आवास प्रबंधन होना चाहिए. पशुशाला में जल निकासी का भी उचित प्रबंध होना चाहिए. पशुशाला की जमीन को सूखा रखने की कोशिश करें.
उत्तर प्रदेश में बारिश के बाद नेहरों के द्वारा सिंचाई सबसे ज्यादा होती है. वहीं इस बार बारिश की कमी के चलते अब किसान धान की फसल को जिंदा रखने के लिए नहरों पर आश्रित है. लखनऊ के इंदिरा नहर से निकलने वाली माइनर की हालत अच्छी नहीं है. ज्यादातर माइनर सूखी पड़ी हैं. जबकि सिंचाई विभाग के आंकड़ों में नहरों से लेकर माइनर में पानी ही पानी है. किसान तोताराम बताते हैं कि पिछले 10 सालों से माइनर में पानी नहीं है जिसके चलते उन्हें डीजल के पंप से सिंचाई करनी पड़ती है.
मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य में ऐसे सभी टोल प्लाजा का संचालन ग्रामीण महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों को सौंपने का फैसला किया है जिनकी सालाना कारोबार दो करोड़ रुपये है. एमपी के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अनूपपुर जिले के जनजातीय बहुलता वाले विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ के ग्राम पोडकी में आयोजित खटिया चौपाल में यह घोषणा की. इस दौरान उन्होंने आदिवासी समूहों के कल्याण की अन्य योजनाओं का आगाज किया. इस क्षेत्र की ग्रामीण आबादी में बैगा जनजाति के समुदायों की बहुलता है. खटिया चौपाल में स्थानीय ग्रामीणों, लाडली बहनों तथा मुख्यमंत्री लाड़ली बहना सेना के सदस्यों, स्व-सहायता समूह की महिलाओं और जन सेवा मित्रोँ ने भाग लिया. चौहान ने लाड़ली बहनों एवं लाड़ली सेना के सदस्यों से बात करते हुए कहा कि इस योजना को लागू करने के पीछे मंशा यह थी कि महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त बनकर अपनी और अपने परिवार की रोजमर्रा की जरूरतें पूरी कर सकें. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने हर महिला को आजीविका स्व-सहायता समूह से जोड़ने का अभियान चलाया है.
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खाने का जायका बढ़ाने वाला टमाटर इन दिनों अपने रिकॉर्ड भाव की वजह से चर्चा में है. इसका दाम 200 रुपये प्रति किलो के पार हो चुका है. इसलिए ज्यादातर लोगों के किचन में इसका दिखना कम हो गया है. इसका दाम कंट्रोल करने में केंद्र सरकार भी अब तक फेल साबित हुई है. ताज्जुब की बात यह है कि मई में इसी टमाटर का रेट 2 रुपये किलो भी नहीं मिल रहा था. किसान मंडियों में फेंक कर जा रहे थे. हालांकि, तब किसानों के दर्द पर न तो सरकार ने मरहम लगाया और न तो इतने कम दाम पर कोई चर्चा ही हुई. बहरहाल, हम बात करते हैं भारत में इसकी खेती और एक्सपोर्ट की. टमाटर भी आलू की तरह भारतीय मूल की फसल नहीं है. लेकिन अब यह भारतीय लोगों के जीवन में इस तरह रच-बस गया है कि इसके बिना सब्जी अधूरी सी लगती है.
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संसद में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि अगले कुछ दिनों में तेजी से टमाटर के भाव में गिरावट देखने को मिलेगी. उन्होंने कहा कि दिल्ली एनसीआर में इसी हफ्ते से सब्सिडी के साथ टमाटर 70 रुपये किलो बेचे जाएंगे. वित्त मंत्री ने कहा कि 8 लाख किलो से ज्यादा टमाटर राजस्थान, यूपी, दिल्ली-एनसीआर में सस्ते दरों पर उपलब्ध कराए गए हैं. लोगों को राहत देने के लिए NCCF की ओर से मोबाइल वैन द्वारा दिल्ली-एनसीआर में सस्ते भाव पर टमाटर बेचे रहे हैं. इसके अलावा दिल्ली-एनसीआर वालों के लिए ONDC प्लेटफॉर्म पर भी सस्ते में टमाटर उपलब्ध हैं. उन्होंने बताया कि बिहार, पश्चिम बंगाल, यूपी और राजस्थान में सस्ते भाव पर टमाटर बेचे जा रहे हैं. पैदावार में कमी की वजह से टमाटर के भाव में उछाल देखने को मिला है. लेकिन अब तेजी से मंडियों में खेत से टमाटर पहुंच रहे हैं. इस बीच उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में टमाटर का होलसेल रेट 100 रुपये किलो से नीचे पहुंच चुका है. जल्द ही दूसरे बाजारों में भी पहुंचने की उम्मीद है. कोलार मंडी से दिल्ली टमाटर 85 रुपये किलो के भाव पर पहुंच रहा है. इसके अलावा नेपाल से टमाटर इंपोर्ट किए जा रहे हैं, जो वाराणसी, लखनऊ और कानपुर जैसे शहरों में शुक्रवार तक पहुंच जाएंगे. साथ ही देश में NCCF की ओर से सब्सिडाइज टमाटर मेगा सेल में 70 रुपये किलो बेचा जा रहा है. निर्मला सीतारमण ने कहा कि जहां तक प्याज का सवाल है तो देश में भरपूर स्टॉक है, इसके लिए लोगों को घबराने की जरूरत नहीं हैं. (इनपुट-मौसमी सिंह)
भारत ने अगर बैग बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया है तो इसके पीछे एक बड़ी वजह है. इसकी जानकारी खुद केंद्रीय राज्य मंत्री ने संसद में दी है. मंत्री के मुताबिक हाल के महीनों में देश से सफेद चावल का निर्यात बहुत तेजी से बढ़ा है जबकि घरेलू बाजार में इसके रेट तेजी से बढ़ रहे थे. इस महंगाई को रोकने के लिए सरकार ने गैर बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया. इस प्रतिबंध के पीछे का कारण बताते हुए केंद्र ने कहा है कि 2022-23 के पहले तीन महीनों में इस किस्म का निर्यात 34.54 प्रतिशत बढ़ गया.
बुधवार को लोकसभा में एक लिखित उत्तर में केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा कि अप्रैल-जून 2023-24 के दौरान चावल की सफेद किस्म (एचएस कोड 1006 30 90) का लगभग 15.54 लाख टन निर्यात किया गया था. पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि के दौरान 11.55 लाख टन चावल का निर्यात किया गया था. इस तरह निर्यात में 34.54 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है.
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एसी केबिन वाले ट्रैक्टर थोड़े महंगे होते हैं और कीमत करीब 10 लाख रुपये से शुरू है. महिंद्रा, न्यू हॉलैंड, सोनालिका और कई ट्रैक्टर कंपनी अब 60HP या इससे ज्यादा हॉर्सपावर वाले ट्रैक्टर में एसी केबिन का विकल्प किसानों को दे रही हैं. एसी वाले ट्रैक्टर में खेती के काम करने के लिए और कमर्शियल यूज के लिए महिंद्रा के ट्रैक्टर्स बेस्ट सेलिंग हैं. इस ब्रांड में ही AC केबिन वाले ट्रैक्टर का चुनाव करना है तो अर्जुन नोवा 605 DI-I-बेस्ट चॉइस है. इसके एसी केबिन को ऐसे डिजायन किया गया है जिससे ड्राइवर को कई घंटे ट्रैक्टर चलाने में कोई परेशानी ना आये. इसके एसी केबिन में ADDC हाइड्रॉलिक कंट्रोल दिया है जिससे ट्रैक्टर से जब कोई उपकरण अटैच होता है जो वो बेहतर लिफ्टिंग करता है. इसके केबिन में एडजस्टेबल सीट, हैडलैंप दिये हैं. इस ट्रैक्टर में पावर स्टेयरिंग का भी ऑप्शन है साथ ही इसमें USB केबल से फोन को चार्ज करने के लिए पॉइंट भी दिया है. ट्रैक्टर की कीमत 10.75-11.45 लाख रुपये के बीच है.
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राष्ट्रीय राजधानी में बृहस्पतिवार को हल्की बारिश की संभावना है. सुबह शहर का न्यूनतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. मौसम विभाग ने यह जानकारी दी। विभाग के अनुसार अधिकतम तापमान करीब 33 डिग्री सेल्सियस रह सकता है.
खरीफ सीजन और मॉनसून एक सिक्के के दो पहलू की तरह हैं. मसलन, मॉनसून की बारिश ही खरीफ सीजन की फसलों का मुख्य आधार है. असल में मॉनसून में बेहतर बारिश ही खरीफ फसलों का भविष्य तय करती है, लेकिन इस बार माॅनसून की बिगड़ी चाल ने खरीफ सीजन की फसलों को संकट में डाल दिया है. नतीजतन, इस बार दिल्ली-एनसीआर को गंभीर पराली प्रदूषण का सामना करना पड़ सकता है. सीधे से कहें तो इस बार धान की फसलों पर मॉनसून की मार पड़ी है, जिससे किसानों की मुश्किलें बढ़ी हैं, तो वहीं धान पर मॉनसून की ये मार पराली प्रदूषण को दावत देती हुई दिखाई दे रही हैं. आइए... भविष्य के गर्भ में उलझी हुई इस पहेली को समझने की काेशिश करते हैं.
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Uttarakhand Nashpati: जहां एक तरफ हिमाचली सेब के दाम आसमान पर हैं...वहीं नाशपाती कौड़ी के भाव बिक रही है. बागेश्वर के कत्यूर घाटी में नाशपाती का सबसे ज्यादा उत्पादन होता है. लेकिन नाशपाती के किसान इन दिनों बेहद परेशान हैं. वजह है कि इस साल नाशपाती एक दो रुपये किले की दर से बिक रही हैं. जिस कारण मुनाफा तो दूर किसानों की लागत तक नहीं निकल पा रही है. ऐसे में किसानों ने नाशपाती की बागवानी से दूरी बना ली है.
बारिश शुरू होते ही सांप काटने से कई लोगों की जान चली जाती है. हर वर्ष दर्जनों लोगों की जान सर्पदंश की वजह से हो रही है. ऐसे में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सर्पदंश से होने वाली मौतों को राज्य आपदा घोषित किया है. यानी अब सांप से काटने पर अगर किसी की मौत होती है, तो मृतक के परिवार को 4 लाख रुपए की आर्थिक मदद मिलेगी. लेकिन सवाल ये खड़ा होता है कि पीड़ित परिवार मुआवजे की रकम लेने के लिए उसे क्या करना पड़ेगा. गोरखपुर जिले में इस बार, बारिश के मौसम में सर्पदंश से करीब 10 मौते अबतक हो चुकी हैं. सांप काटने से हुई मौत के मुआवजे को लेकर गोरखपुर के सीएमओ डॉ. आशुतोष दुबे ने किसान तक से बातचीत में बताया कि मुआवजा लेने के लिए पीड़ित का पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सबसे जरूरी होता है. उसी के आधार पर पीड़ित परिवार को मदद का पैसा मिलता है. ऐसे में मौत के तुरंत बाद परिजनों को चाहिए कि वे पीड़ित का पोस्टमॉर्टम कराएं. उन्होंने बताया कि मुआवजा राशि पाने के लिए परिजनों को सिर्फ दो काम करने होते हैं, उसके बाद पूरी कार्रवाई प्रशासन करता है. पहला काम ये है कि अगर किसी की मौत सर्पदंश से हुई है तो उसके परिजन तत्काल लेखपाल को इसकी सूचना दें.
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मॉनसून (Monsoon) के तीसरे महीने अगस्त के शुरुआती सप्ताह से राज्य के करीब सभी जिलों में बारिश (Rain) हो रही है. जिसके बाद से किसान (Farmer) एकबार फिर धान की रोपनी (Dhaan Ki Ropai) करना शुरू कर चुके हैं. वहीं कृषि वैज्ञानिक खरीफ सीजन (Kharif Season) में धान की खेती सहित अन्य फसलों की खेती को लेकर किसानों को सलाह दे रहे है.जिसके तहत वे किसान को इस समय रोपनी के समय पौधों की संख्या से लेकर रोगों के बारे में जानकारी दिया. इसके साथ ही जहां सिंचाई की बेहतर सुविधा नहीं है वैसे जमीन में वैकल्पिक खेती करने की सलाह दे रहे हैं.
ये चौंकाने वाली खबर पंजाब की है. महज तीन साल में यहां पीएम किसान स्कीम (PM Kisan) के 63 परसेंट लाभार्थी घट गए हैं. ये वो किसान हैं जिन्हें केंद्र सरकार की ओर से हर साल तीन किस्तों में छह हजार रुपये मिलते थे. लेकिन अब इन किसानों में 63 फीसद लाभार्थी पीएम किसान की लिस्ट से बाहर हो गए हैं. इसकी वजह आपको भी जान लेनी चाहिए क्योंकि अगला नंबर आपका भी हो सकता है. एक छोटी गलती भी आपको पीएम किसान स्कीम की लिस्ट से बाहर कर सकती है. ये छोटी गलती है पीएम किसान की ई-केवाईसी (PM Kisan e-KYC) और जरूरी दस्तावेज जमा या अपलोड नहीं करना. इसी के चलते पंजाब के अधिसंख्य किसान पीएम किसान की किस्त नहीं ले पा रहे हैं.
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बिहार के सभी जिलों में बारिश हो रही है. वहीं कम दबाव और मॉनसून के सामान्य स्थिति में होने से पिछले दो से तीन दिनों से अच्छी बारिश हो रही है. इसके बाद किसानों ने एक बार फिर धान की रोपनी करना शुरू कर दी है. डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा, समस्तीपुर के कृषि मौसम परामर्श सेवा के अनुसार 54 साल के बाद आठ से नौ अगस्त के बीच 229.8 मिमी बारिश हुई है. वही कृषि वैज्ञानिक और भोजपुर जिले के कृषि विज्ञान केंद्र के प्रमुख डॉ. प्रवीण कुमार द्विवेदी खरीफ सीजन में धान की खेती को लेकर किसानों को सलाह देते हुए कहते हैं कि जिन किसानों ने धान की अभी तक रोपनी नहीं की है, वे खेत में एक पौधे की जगह कम से कम दो से तीन पौधों को कम दूरी पर लगाएं. वहीं लगी हुई धान की फसल में खरपतवार नियंत्रण को प्राथमिकता दें. इसके साथ ही फलदार और वानिकी पौधे लगाने का समय अनुकूल है.
Weather Today in UP: उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में पिछले कई दिनों से लगातार बारिश हो रही है. भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने ताजा पूर्वानुमान जारी करते हुए यूपी के 18 जिलों में मूसलाधार बारिश तथा 22 जिलों में गरज के साथ वज्रपात और 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तूफानी हवाएं चलने की संभावना जताई है. वहीं 11 और 12 अगस्त को भी राज्य के कुछ स्थानों पर बारिश और गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना जताई गई है. जबकि 14, 15 अगस्त तक प्रदेश में कही भी बहुत तेज बारिश का अलर्ट न के बराबर है. हालांकि इस दौरान कुछ जगह बारिश जरूर हो सकती है. आईएमडी के मुताबिक तराई इलाकों में तेज बारिश हो सकती है.
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केंद्र सरकार ने गेहूं और चावल के बढ़ते दाम पर रोक लगाने के लिए बुधवार को घोषणा की कि वह बढ़ती कीमत पर अंकुश लगाने के लिए केंद्रीय पूल से अतिरिक्त 50 लाख टन गेहूं और 25 लाख टन चावल खुले बाजार में बेचेगी. दरअसल, फूड सेक्रेटरी संजीव चोपड़ा ने बताया कि हाल में गेहूं और चावल की कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है. सरकार ने 50 लाख टन गेहूं और 25 लाख टन गेहूं ओपन मार्केट सेल स्कीम यानी ओएमएसएस के तहत बेचने का निर्णय किया है.