Women's SHGs : एमपी में स्वयं सहायता समूह की महिलाएं करेंगी टोल प्लाजा का संचालन

Women's SHGs : एमपी में स्वयं सहायता समूह की महिलाएं करेंगी टोल प्लाजा का संचालन

मध्य प्रदेश सरकार ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए एक नई पहल की है. राज्य की श‍िवराज सिंह चौहान सरकार ने राजमार्गों पर मौजूद टोल प्लाजा के संचालन की जिम्मेदारी उसी गांव की महिलाओं के स्वयं सहायता समूह को सौंपने का फैसला किया है, जिस ग्राम पंचायत क्षेत्र में टाेल प्लाजा स्थ‍ित है.

Advertisement
Women's SHGs : एमपी में स्वयं सहायता समूह की महिलाएं करेंगी टोल प्लाजा का संचालनएमपी के सीएम श‍िवराज सिंह चौहान स्वयं सहायता समूह की आदिवासी महिलाओं से संवाद करते हुए, फोटो: साभार, एमपी सरकार

 मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य में ऐसे सभी टोल प्लाजा का संचालन ग्रामीण महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों को सौंपने का फैसला किया है जिनकी सालाना कारोबार दो करोड़ रुपये है. एमपी के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अनूपपुर जिले के जनजातीय बहुलता वाले विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ के ग्राम पोडकी में आयोजित खटिया चौपाल में यह घोषणा की. इस दौरान उन्होंने आदिवासी समूहों के कल्याण की अन्य योजनाओं का आगाज किया. इस क्षेत्र की ग्रामीण आबादी में बैगा जनजाति के समुदायों की बहुलता है. खटिया चौपाल में स्थानीय ग्रामीणों, लाडली बहनों तथा मुख्यमंत्री लाड़ली बहना सेना के सदस्यों, स्व-सहायता समूह की महिलाओं और जन सेवा मित्रोँ ने भाग लिया. चौहान ने लाड़ली बहनों एवं लाड़ली सेना के सदस्यों से बात करते हुए कहा कि इस योजना को लागू करने के पीछे मंशा यह थी कि महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त बनकर अपनी और अपने परिवार की रोजमर्रा की जरूरतें पूरी कर सकें. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने हर महिला को आजीविका स्व-सहायता समूह से जोड़ने का अभियान चलाया है. 

लाड़ली बहना योजना का बढ़ाया दायरा

चौहान ने कहा कि ग्रामीण महिलाओं, खासकर दलित एवं जनजातीय महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए एमपी में दो करोड़ रुपये तक के वार्षिक व्यवसाय वाले टोल प्लाजा के संचालन की जिम्मेदारी सौपी जाएगी. उन्होंने कहा कि इसके अलावा लाड़ली बहना योजना का दायरा भी बढ़ाने का सरकार ने फैसला किया है.

ये भी पढ़ें, Kisan Vikas Patra: इस स्कीम में केवल 115 महीने में पैसे हो जाएंगे डबल, जानिए लाभ लेने का तरीका और जरूरी डॉक्यूमेंट 

आत्मनिर्भर बनी महिलाओं ने सीएम के साथ साझा किए अनुभव

खटिया चौपाल में शामिल हुई महिलाओं ने लाड़ली बहना योजना से उनके जीवन स्तर में आए सुधार का हवाला देते हुए सीएम चौहान के साथ अपने अनुभव साझा किए. इस मौके पर अमगवा गांव के स्व-सहायता समूह की सदस्य लल्ली बाई श्याम ने बताया कि उन्होंने समूह से लोन लेकर पहले किराना और फिर मनिहारी की दुकान से छोटा व्यवसाय शुरू किया. इसके बाद आत्मनिर्भरता का अहसास करके मुख्यमंत्री स्व रोजगार योजना के तहत सरकारी सहायता से मालवाहक गाड़ी बोलेरो पिकअप खरीदी. अब उनको 50 हजार की मासिक आय होने लगी है.

इस दौरान हर्रा टोला गांव की ममता चंद्रवंशी ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि आजीविका मिशन ने उनकी जिन्दगी बदल दी है. वह स्वयं सहायता समूह का हिस्सा बन कर अब 20 हजार रुपये की मासिक आय प्राप्त कर रही है. कार्यक्रम में मौजूद बघरा गांव की सरस्वती पाटले ने बताया कि स्वयं सहायता समूह से मिली वित्तीय सहायता के बलबूते उन्हें 45 हजार रुपये की मासिक आय हो रही है.

रीपा योजना से निपुण के सपनों को मिली उड़ान, बनाया ‘राइस बाउल’ ब्रांड, कई उत्पादों को मार्केट में कर रहे हैं सेल

पेसा एक्ट ने बदली आदिवासियों की जिंदगी

मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी समुदायों के हितों की रक्षा के लिए राज्य में लागू किए गए पेसा एक्ट में जल, जंगल, जमीन का अधिकार ग्राम सभा को देकर गांव के लोगो को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने का कार्य किया जा रहा है. उन्होंने इस कानून के तहत ग्राम स्तर पर शांति विवाद निवारण समिति के माध्यम से छोटे मोटे आपसी झगड़ों का निराकरण भी  स्थानीय स्तर पर ही करने, तेंदू पत्ता एकत्र करने का काम ग्राम सभा के माध्यम से करके अधिक लाभ प्राप्त करने की बात कही.

इस कानून के तहत आदिवासी समुदायों के हित में काम करने वालों को पेसा मोबिलाइजर कहा जाता है.  पेसा मोबिलाइजर सुरभि टांडिया ने बताया कि उन्होंने आपसी झगड़ों का निराकरण ग्राम सभा के माध्यम से कराया है. ग्राम धीरू टोला की अमरवती खुराना ने बताया कि ग्राम सभा द्वारा तेंदू पत्ता बीनने का काम किया गया है. इस काम में विभाग एवं जिला प्रशासन पूरी तरह से मदद करता है.

POST A COMMENT