लंबे इंतजार के बाद पहाड़ों पर बर्फबारी शुरू हो गई है और कश्मीर में हुई ताजा बर्फबारी की सैटेलाइट तस्वीरें ऐसी लग रही है जैसे धरती का स्वर्ग सफेद चादर से ढका हुआ है. बर्फबारी को लेकर मौसम विभाग ने पहले ही अनुमान लगाया था कि 30 जनवरी तक पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी शुरू होगी और अब इसको लेकर मौसम विभाग का कहना है कि अभी आने वाले कुछ दिनों तक पहाड़ों से इस तरह कि खूबसूरत तस्वीरें आती रहेंगी. पहाड़ों पर शुरू हुई बर्फबारी को लेकर मौसम वैज्ञानिक नरेश कुमार ने बताया कि लंबे समय से कोई भी एक्टिव वेस्टर्न डिस्टर्बेंस नही आ रहा था लेकिन इस हफ्ते एक साथ 3 वेस्टर्न डिस्टर्बेंस हिमालय तक पहुंच रहे है. अभी एक थोड़ा आगे जा चुका है और अब एक अफगानिस्तान के ऊपर है और उसके पीछे एक और एक्टिव वेस्टर्न डिस्टर्बेंस बना हुआ है जिसकी वजह से अगले 6 से 7 दिनों तक पहाड़ों पर बर्फबारी होने वाली है इसके साथ मैदानी इलाकों में भी बारिश होने के आसार है.
मौसम विभाग की माने तो 31 जनवरी और 1 फरवरी को जम्मू कश्मीर, हिमाचल, उत्तराखंड और हिमालयन रीजन में हेवी स्नोफॉल हो सकता है और ये सिलसिला आने वाले 6 से 7 दिनों तक चलेगा क्योंकि अभी 2 और वेस्टर्न डिस्टर्बेंस पहाड़ों पर असर डालने वाले हैं.पहाड़ों पर एक ओर जहां वेस्टर्न डिस्टरबेंस की वजह से बर्फबारी होने वाली है वहीं इसका कर मैदानी इलाकों पर भी देखने को मिलेगा मौसम विभाग की माने तो अगले 2 से 3 दिनों तक मैदानी इलाके जैसे पंजाब, वेस्टर्न यूपी हरियाणा और दिल्ली एनसीआर के इलाकों में बारिश हो सकती है.
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मौसम विभाग की माने तो वेस्टर्न डिस्टरबेंस और बारिश का असर तापमान पर कुछ ज्यादा नहीं पड़ने वाला है, हालांकि इस बीच राहत की सांस ली जा सकती है क्योंकि आने वाले चार से पांच दिनों तक किसी भी कोल्ड वेव और कोल्ड दे जैसी स्थिति का अलर्ट जारी नहीं किया गया है. वही बारिश होने से न्यूनतम तापमान में 2 से 3 डिग्री का इजाफा हो सकता है. मैदानी इलाकों में रह रहे लोगों को लंबे समय से फॉग काफी परेशान कर रहा है इस बीच मौसम विभाग का कहना है की मौसम में आए इस बदलाव के बावजूद अभी आने वाले 2 से 3 दिनों तक फॉग की स्थिति यूं ही बरकरार रहने वाली है खासतौर पर 31 जनवरी के दिन पंजाब और हरियाणा में डेंस फॉग को लेकर अलर्ट जारी किया गया है वही 31 जनवरी और 1 फरवरी को लेकर उत्तर प्रदेश के साथ दिल्ली एनसीआर के इलाकों में भी फॉग देखने को मिलेगा.
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मौसम विभाग की माने तो इस बार बर्फबारी लेट होने की वजह कोई भी एक्टिव वेस्टर्न डिस्टरबेंस का सामने नहीं आना रहा है, इसको लेकर मौसम में वैज्ञानिक डॉ नरेश कुमार बताते हैं की मौसम में बड़ा बदलाव तभी दर्ज किया जाता है जब कोई एक्टिव वेस्टर्न डिस्टरबेंस आता है, लेकिन इस साल दिसंबर आज जनवरी में किसी भी तरह का एक्टिव वेस्टर्न डिस्टरबेंस नही देखा गया यही वजह है कि बर्फबारी होने में काफी देर हो गई. (नीतू झा की रिपोर्ट)