भारतीय मेट्रोलॉजिकल विभाग (आईएमडी) ने सोमवार को राज्य में 13 सितंबर के बाद भारी बारिश और भूस्खलन कि भविष्यवाणी की है. आईएमडी ने राज्य में 13 सितंबर के बाद तीन दिनों के लिए ऑरेंज और येलो अलर्ट भी जारी किया है. आईएमडी, हिमाचल प्रदेश के प्रमुख सुरेंद्र पॉल ने कहा है, ''पिछले 24 घंटों के दौरान राज्य में कम बारिश हुई है. जहां तक अनुमान की बात है तो 13 सितंबर के बाद मॉनसून कमजोर रहेगा और भारी बारिश की आशंका है. ऐसे में आज देशभर में कैसा रहेगा मौसम/Latest Weather News, प्याज की कीमत/Onion Price, चावल की कीमत/Rice Price, मंडी समाचार/ Mandi News, पीएम-किसान की किस्त/PM-Kisan, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना/PMFBY और खेती-किसानी से जुड़ी हर अपडेट जानने के लिए पढ़ते रहें आज का हमारा लाइव अपडेट्स (Live Updates)-
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा है कि किसान जैव विविधता के सच्चे अभिभावक हैं. आप लोगों ने अपनी मेहनत से कई लुप्तप्राय किस्मों को बचाया है. उन्होंने कहा कि हमारे किसान रीयल इंजीनियर और साइंटिस्ट हैं. यही नहीं भारत के किसान कई मामलों में वैज्ञानिकों से बेहतर हैं. मैं इस कथन से बिल्कुल सहमत हूं. जैव विविधता और वैश्विक खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में किसान महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. राष्ट्रपति मंगलवार को प्लांट वैराइटी और किसान अधिकार संरक्षण प्राधिकरण (PPVFRA) द्वारा किसानों के अधिकारों पर भारत में पहली बार आयोजित वैश्विक संगोष्ठी की शुरुआत कर रही थीं. उन्होंने देसी और परंपरागत किस्मों के संरक्षण और संवर्द्धन के लिए काम करने वाले किसानों और कृषक समुदायों को अवार्ड दिया.
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पौधा किस्म और कृषक अधिकार संरक्षक प्राधिकरण द्वारा तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन 12 से 15 सितंबर 2023 का उद्घाटन महामहिम भारत के राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू के द्वारा किया गया . इस अवसर पर राष्ट्रपति द्वारा देश के विभिन्न राज्यों से आए किसानों को प्लांट जीनोम सेवियर पुरस्कार समारोह में 6 एफपीओ ग्रुप तथा 19 व्यक्तिगत किसानों को सम्मानित किया गया. जिसमें बिहार से दो ग्रुप लीची फार्मर्स ग्रोवर समूह और भागलपुर कतरनी राइस फार्मर समूह को सम्मानित किया गया. इसमें किसानों को ग्रुप फार्मर्स को 10 लाख रुपए तथा व्यक्तिगत किसानों को एक-एक लाख रुपए का पुरस्कार के साथ प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए. साथ ही साथ व्यक्तिगत किसानों में जमुई से अर्जुन मंडल को औषधीय पौधों की खेती का संरक्षण करने के लिए, मुंगेर से आए सत्यदेव सिंह जी को चना, तीसी प्रभेद के संरक्षण हेतु, रोहतास जिले से आए दो किसान दिलीप कुमार सिंह को बैगन, टमाटर ,करेला एवं धनिया के सफेद प्रभेद को संरक्षित करने तथा अर्जुन सिंह को चावल, हल्दी एवं लौकी के संरक्षण हेतु पुरस्कार से नवाजा गया.
नई दिल्ली के पूसा में भारत सरकार के कृषि मंत्रालय द्वारा "किसानों के अधिकारों को लेकर वैश्विक संगोष्ठी" (global symposium on farmers right) का आयोजन आज से किया जा रहा है, इस संगोष्ठी का उद्घाटन भारत की राष्ट्रपति महामहिम द्रौपदी मुर्मू ने किया. इस संगोष्ठी में दुनियाभर के 150 देशों के किसान और ख्याति प्राप्त कृषि वैज्ञानिक हिस्सा ले रहे है, किसानों के हितों को लेकर ये अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी भारत में पहली बार आयोजित की जा रही है,
यूपी कैबिनेट ने मंडी शुल्क में एक प्रतिशत की कटौती करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी. अब यूपी में 2 प्रतिशत के स्थान पर एक प्रतिशत मंडी शुल्क लगेगा. यूपी के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कैबिनेट की बैठक के बाद यह जानकारी देते हुए बताया कि इस फैसले से लघु एवं कुटीर उद्योग से जुड़े उत्पादों को लाभ मिलेगा.
प्लांट वैराइटी और किसान अधिकार संरक्षण प्राधिकरण (PPVFRA) द्वारा किसानों के अधिकारों पर भारत में पहली बार वैश्विक संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है. नई दिल्ली स्थित नेशनल अकेडमी ऑफ एग्रीकल्चरल साइंसेज (NAAS) कांप्लेक्स में 12 से 15 सितंबर तक चलने वाले इस कार्यक्रम में दुनिया के 150 देशों के कृषि वैज्ञानिक शामिल होंगे. इसमें संयुक्त राष्ट्र संघ का कृषि और खाद्य संगठन (FAO) भी बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहा है. मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु इसकी शुरुआत करेंगी. जी-20 की बैठक खत्म होने के बाद अब कृषि क्षेत्र में एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित होने जा रहा है. भारत ने किसानों के अधिकारों पर सबसे पहले एक्ट बनाकर दुनिया को नई राह दिखाई है.
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हरियाणा के किसान राज्य सरकार पर 15 सितंबर से धान खरीदने के लिए दबाव बना रहे हैं. इस बीच सूबे के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने इस मसले को लेकर बड़ी बात कही है. दलाल ने बताया कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर धान खरीद के लिए हरियाणा सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है. सामान्य तौर पर 1 अक्टूबर से सरकारी खरीद की शुरुआत होती है. लेकिन हमने भारत सरकार से अनुमति मांगी है कि राज्य में 20 सितंबर से ही खरीद शुरू की जाए. ताकि जल्दी आवक होने की सूरत में किसानों को कोई नुकसान न हो. उन्हें कम दाम पर न बेचना पड़े. दलाल ने उम्मीद जाहिर की है कि राज्य की मंशा के अनुसार केंद्र जल्दी खरीद करने के लिए परमिशन दे देगी.
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केंद्र सरकार ने कहा है कि जमाखोरी से बचने के लिए, बड़े व्यापारियों को ओएमएसएस (डी) के तहत गेहूं बिक्री के दायरे से बाहर रखा गया था. योजना के तहत गेहूं खरीदने वाले प्रोसेसर्स की आटा मिलों पर नियमित जांच की जा रही है. हालांकि, चावल की कीमतों में नहीं आई है कमी. बढ़ती कीमतों को कम करने के लिए भारत सरकार की ओर से कई प्रयास किए जा रहे हैं. खुदरा कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकारी स्वामित्व वाली भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने ओपन मार्केट सेल स्कीम (OMSS), घरेलू के तहत पिछले सप्ताह 11वीं ई-नीलामी के जरिए केंद्रीय पूल से 1.66 लाख टन गेहूं और केवल 17,000 टन चावल बेचा है. पिछले महीने ही सरकार ने घोषणा की थी कि वह अनाज की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए केंद्रीय पूल से अतिरिक्त 50 लाख टन गेहूं और 25 लाख टन चावल को थोक खरीदारों के लिए खुले बाजार में उतारेगी.
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प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत फसलों का बीमा करने वाली एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी (AIC) ने हरियाणा के सात जिलों से अपना बोरिया-बिस्तर समेट लिया है. जबकि, किसान उसको प्रीमियम जमा कर चुके थे. कंपनी के इस फैसले से किसान चिंता में पड़ गए हैं कि वो करें तो क्या करें. अब अगर किसी प्राकृतिक आपदा से फसलों का नुकसान हो जाएगा तो क्या होगा. मुआवजा कैसे मिलेगा? अब इस मसले पर सूबे के कृषि मंत्री जेपी दलाल का बयान आया है, जिससे परेशान किसानों को कुछ राहत मिलने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा कंपनी द्वारा जिन किसानों का बीमा नहीं किया गया है, अब उनका बीमा प्रदेश सरकार करेगी.
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किसान अधिकार यात्रा के समापन पर गोहाना की नई अनाज मंडी में सोमवार को किसानों की महापंचायत हुई. जिसमें कई राज्यों से किसान नेताओं ने शिरकत की. इस मौके पर किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा कि एक तरफ केंद्र सरकार "1 देश, 1 कानून" की बात करती है लेकिन दूसरी तरफ किसानों की जमीन लूटने के लिए 2021 में हरियाणा विधानसभा में 2013 के केंद्र सरकार के भूमि अधिग्रहण कानून को बदल दिया गया. जबकि 2013 के भूमि अधिग्रहण कानून में किसानों की जमीन लेने से पहले 70 फीसदी किसानों की लिखित सहमति लेने और कलेक्टर रेट से 4 गुणा मुआवज़ा देने जैसे किसान हितैषी प्रावधान थे.
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कृषि और किसानों के मुद्दों को लेकर भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) ने अपने पहले से तय किए गए कार्यक्रम के तहत सूबे के कई जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन कर अधिकारियों को राज्य सरकार के नाम ज्ञापन सौंपा. जिसमें स्थानीय मुद्दों के अलावा राष्ट्रीय मसले भी शामिल गए गए. एमएसपी की लीगल गारंटी देने, खेती की लागत कम करने के लिए कॉपरेटिव सोसायटी के माध्यम से किसानों को फ्री में कृषि यंत्र उपलब्ध करवाने और बाढ़ से बर्बाद फसलों का 50 हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से मुआवजा दिए जाने की मांग प्रमुखता से उठाई गई. इसी कड़ी में कैथल की हनुमान वाटिका में संगठन के जिला अध्यक्ष महावीर चहल नरड की अध्यक्षता में बैठक हुई. इसमें किसान मोटर साइकिल व ट्रैक्टरों से पहुंचे.
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