Crop Loss Compensation: क‍िसानों ने बाढ़ से बर्बाद फसलों का 50 हजार रुपये एकड़ की दर से मांगा मुआवजा

Crop Loss Compensation: क‍िसानों ने बाढ़ से बर्बाद फसलों का 50 हजार रुपये एकड़ की दर से मांगा मुआवजा

Farmers Protest in Haryana: भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) ने हर‍ियाणा सरकार से फसल नुकसान मुआवजा को लेकर लगाई गई 5 एकड़ की शर्त को हटाए जाने की मांग की है. एमएसपी की लीगल गारंटी देने की मांग को लेकर क‍िसानों ने प्रदर्शन कर राज्य सरकार के नाम सौंपा ज्ञापन. 

Advertisement
Crop Loss Compensation: क‍िसानों ने बाढ़ से बर्बाद फसलों का 50 हजार रुपये एकड़ की दर से मांगा मुआवजा भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) ने क‍िया प्रदर्शन, ज्ञापन सौंपा (Photo-BKU).

कृषि और क‍िसानों के मुद्दों को लेकर भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) ने अपने पहले से तय क‍िए गए कार्यक्रम के तहत सूबे के कई ज‍िला मुख्यालयों पर प्रदर्शन कर अध‍िकार‍ियों को राज्य सरकार के नाम ज्ञापन सौंपा. ज‍िसमें स्थानीय मुद्दों के अलावा राष्ट्रीय मसले भी शाम‍िल गए गए. एमएसपी की लीगल गारंटी देने, खेती की लागत कम करने के लिए कॉपरेटिव सोसायटी के माध्यम से क‍िसानों को फ्री में कृषि यंत्र उपलब्ध करवाने और बाढ़ से बर्बाद फसलों का 50 हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से मुआवजा दिए जाने की मांग प्रमुखता से उठाई गई. इसी कड़ी में कैथल की हनुमान वाटिका में संगठन के जिला अध्यक्ष महावीर चहल नरड की अध्यक्षता में बैठक हुई. इसमें क‍िसान मोटर साइकिल व ट्रैक्टरों से पहुंचे.

युवा व‍िंग के प्रदेश अध्यक्ष विक्रम कसाना के नेतृत्व में सरकार विरोधी नारेबाजी करते हुए क‍िसानों ने अपनी मांगों को पूरा करने के ल‍िए आवाज बुलंद की. उन्होंने कहा कि मेहनत कर देश की जनता का पेट पालने वाला अन्नदाता आज विभिन्न समस्याओं से जूझ रहा है. सरकार की अनदेखी के चलते अन्नदाताओं के समक्ष समस्याओं का पहाड़ खड़ा होता जा रहा है. उन्होंने बाजरे की सरकारी खरीद शुरू करवाने और फसल नुकसान मुआवजा को लेकर लगाई गई 5 एकड़ की शर्त हटाए जाने की मांग उठाई. इसी तरह बाढ़ के कारण खराब हुए ट्यूबवेलों माल‍िकों को 2 लाख रुपये तथा मोटर के लिए 3 लाख रुपये का मुआवजा देने की मांग की गई.

इसे भी पढ़ें: Mustard Procurement: सरसों क‍िसानों की दर‍ियाद‍िली पर सरकारी 'कंजूसी' ने फेरा पानी  

क‍िसानों के ये मुद्दे कब हल होंगे? 

क‍िसान नेताओं ने बाढ़ के कारण खेतों में चढ़ी रेत को बिना शर्त बेचे जाने की अनुमति देने का मुद्दा भी उठाया. इस पर कुछ शर्तें लगाई गई हैं. मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर जिन किसानों ने अब तक अपनी फसल का ब्यौरा दर्ज नहीं करवाया है, उनकी फसल रजिस्टर्ड करने के ल‍िए पोर्टल दोबारा खोलने की मांग भी की गई. गन्ने व पापुलर की फसल की मुआवजा राशि घोषित करने और गन्ना का दाम 450 रुपये प्रति क्विंटल देने की मांग की गई. 

सालाना 12000 रुपये सब्स‍िडी दे सरकार 

एक और बड़ा मुद्दा है 15 सितंबर से धान की सरकारी खरीद शुरू करवाने का. ज‍िस पर कृष‍ि मंत्री ने कहा है क‍ि 20 स‍ितंबर से खरीद शुरू करवाने के ल‍िए केंद्र सरकार को पत्र ल‍िखा गया है. क‍िसानों ने तेलंगाना सरकार की तर्ज पर किसानों को 12 हजार रुपये प्रति वर्ष सब्सिडी दिए जाने की मांग भी की. किलोमीटर के आधार पर किसानों के वाहनों का रजिस्ट्रेशन रद्द करने के फैसले को वापिस लेने और किसानों के वाहनों की उम्र को 10 वर्ष का आधार मानकर रजिस्ट्रेशन के फैसले को वापिस लेने की मांग भी उठाई गई. 

इसे भी पढ़ें: ओपन मार्केट सेल स्कीम के बावजूद क्यों नहीं घटी गेहूं-आटा की महंगाई?


 

POST A COMMENT