कृषि में तकनीक का इस्तेमाल अब बढ़ गया है. इसके इस्तेमाल के साथ ही कृषि में किसानों की मेहनत और लागत दोनों ही कम हुई है. कृषि यंत्रों के इस्तेमाल से किसानों के खेतों में फसलों की पैदावार भी बढ़ी है. इसलिए आज के दौर में कृषि उपकरणों के इस्तेमाल में तेजी आई है. किसान इसके इस्तेमाल को बढ़ावा दे रहे हैं. साथ ही सरकार भी किसानों को कृषि उपकरणों के इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहित कर रही है. इसके तहत किसानों को कृषि उपकरणों की खरीद पर सब्सिडी दी जा रही है. साथ ही कृषि उपकरण बैंक जैसी योजनाएं भी चलाई जा रही हैं. जो किसान महंगे कृषि उपकरण नहीं खरीद सकते हैं, वे सरकारी मदद से या किराए पर लेकर उसका इस्तेमाल कर सकते हैं.
कृषि यंत्र महंगे होते हैं. इसके कारण अधिकांश किसानों की पहुंच से यह बाहर होते हैं. हमारे देश में छोटे और सीमांत किसानों की संख्या अधिक है. ऐसे किसान भी कृषि यंत्र खरीद सकें और उनका इस्तेमाल कर सकें, इसके लिए राज्य सरकारों की तरफ से किसानों को सब्सिडी दी जाती है. उत्तर प्रदेश सरकार किसानों को कृषि यंत्रों की खरीद करने पर 50 प्रतिशत की सब्सिडी देती है. सरकार की इस योजना का उद्देश्य कृषि में आधुनिक उपकरणों के इस्तेमाल को बढ़ावा देना है और किसानों को कृषि उपकरणों के इस्तेमाल को लेकर जागरूक करना है.
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यूपी सरकार की तरफ से किसानों को कृषि यंत्र जैसे पावर थ्रेशर, ट्रैक्टर, ट्रैक्टर माउंटेड स्प्रेयर, रोटावेटर, कल्टीवेटर, पावर टिलर, आलू खुदाई मशीन, डिस्क जुताई मशीन और हल समेत कई कृषि उपकरणों की खरीद पर सब्सिडी दी जाती है. इनके इस्तेमाल से किसानों की उत्पादकता बढ़ती है. कृषि लागत में भी कमी आती है. इससे किसानों की आय बढ़ती है. किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से भी यूपी सरकार की तरफ से इस योजना की शुरुआत की गई है. इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को यह जानना जरूरी है कि इसके लिए क्या-क्या दस्तावेजों की जरूरत होती है.
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