खेती किसानी के लिए पानी सबसे महत्वपूर्ण चीज है. बिना पानी के खेती करना कल्पना से इतर है. वहीं अगर बात हो बिहार में खेती की तो वह एक ऐसा प्रदेश है जिसका एक हिस्सा बरसात के दौरान बाढ़ की चपेट में आ जाता है, तो वहीं दूसरे हिस्से में पानी की किल्लत हमेशा बनी रहती है. इससे हजारों हेक्टेयर में लगी फसलों को नुकसान होता है. उत्तरी बिहार के कई जिले अधिक बारिश होने पर बाढ़ की भेंट चढ़ जाते हैं. जबकि, गर्मी के मौसम में दक्षिण बिहार के कई जिलों में पानी की किल्लत रहती है. इन जिलों में गर्मी के मौसम में कुएं तक सूख जाते हैं.
ऐसे में किसानों को फसलों की सिंचाई करने में काफी परेशानी होती है. लेकिन अब किसानों को सिंचाई को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है. दरअसल, बिहार सरकार ने किसानों को व्यक्तिगत नलकूप लगाने के लिए सब्सिडी का ऐलान किया है. खास बात यह है कि सूक्ष्म सिंचाई योजना के तहत राज्य सरकार ने किसानों को सब्सिडी देने का ऐलान किया है.
बिहार सरकार सूक्ष्म सिंचाई योजना के तहत पानी की बचत और फसलों की सुचारू ढंग से सिंचाई के लिए किसानों को बंपर सब्सिडी दे रही है. राज्य सरकार हर खेत तक सिंचाई का पानी पहुंचाने के लिए व्यक्तिगत नलकूप लगाने पर किसान को अधिकतम 40,000 रुपये कि सब्सिडी दे रही है.
यदि आप भी बिहार के किसान हैं और अपने खेतों में फसलों की सिंचाई के लिए व्यक्तिगत नलकूप लगवाना चाहते हैं तो इसके लिए सरकार किसानों को सब्सिडी मुहैया करा रही है. इससे किसानों को ड्रिप सिंचाई तकनीक और माइक्रो स्प्रिंकलर तकनीक अपनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. सब्सिडी का लाभ उठाने वाले किसान उद्यान निदेशालय की आधिकारिक वेबसाइट के लिंक पर आवेदन कर सकते हैं.
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बिहार सरकार ने प्रदेश में पानी के बेहतर इस्तेमाल के लिए जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत सूक्ष्म सिंचाई पद्धति को लॉन्च किया है. इसको लेकर विशेषज्ञों का कहना है कि व्यक्तिगत नलकूप लगाने से करीब 60 प्रतिशत पानी की बचत होगी. साथ ही 25 से 30 प्रतिशत उर्वरक की खपत में भी कमी आएगी, जबकि उत्पादन बढ़ जाएगा. इससे किसानों की इनकम में भी बढ़ोतरी होगी और किसान खुशहाल होंगे.