अनानास के उत्पादन के मामले में त्रिपुरा के किसानों ने रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन किया है. यहां के किसानों ने अब तक की सबसे बड़ी खेप 30 मीट्रिक टन भेजकर नया रिकॉर्ड बनाया है. यह अनानास घरेलू बाजार में ही भेजी गई है. त्रिपुरा के अनानास किसानों के लिए यह बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है. इस उपलब्धि को हासिल करने में त्रिपुरा राज्य जैविक खेती विकास एजेंसी (TSOFDA) का योगदान महत्वपूर्ण है क्योंकि इसके सहयोग से शील बायोटेक की टीम ने कृषि के क्षेत्र में यह बड़ा कदम उठाया है. एमओवीसीडी-एनईआर चरण 3 के तत्वाधान में धलाई जिले में स्थित थलाईथर ऑर्गेनिक प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड के साथ साझेदारी में की गई है.
एएनआई के अनुसार त्रिपुरा राज्य जैविक खेती विकास एजेंसी के प्रवक्ता ने कहा कि अनानास को अच्छे तरीके से पैक करके रेफ्रिजरेटेड वाहनों में ले जाया गया और बेंगलुरु के लिए भेजा गया है. बेंगलुरु के बाजारों में अनानास की आपू्र्ति सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक सप्ताह त्रिपुरा से दो रेफ्रिजेरेटेड ट्रक भरकर वहां भेजे जाएंगे. इसकी शुरुआत हो चुकी है. उन्होंने कहा कि यह इस साल अब तक अनानास की सबसे बड़ी खेप है. आगे उन्होंने कहा कि इससे पता चलता है कि अनानास की खेती करने वाले किसानों ने कितनी मेहनत की है और उनकी मेहनत अब दिखाई दे रही है.
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अनानास की नई बड़ी खेप बेंगलुरु भेजे जाने से किसान भी काफी खुश हैं. किसानों के अंदर अब उम्मीद जगी है कि अगर इसी तरीके से उन्हें अपने अनानास के लिए बेहतर बाजार मिलता है तो यह उनके लिए रोजगार के नए अवसर मिलेंगे. उन्हें इसकी अच्छी कीमत मिलेगी और अच्छी कमाई भी होगी. विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह से रणनीतिक उपायों को अपना कर सरकार किसानों की आय को दोगुनी करने में मदद कर सकते हैं. शील बायोटेक की टीम और TSOFDA की तरफ से किए जा रहे यह प्रयास से ना सिर्फ राज्य के किसान समृद्ध होंगे बल्कि जैविक खेती के विकास के रास्ते भी खुलेंगे.
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त्रिपुरा में दुनिया के सबसे सर्वोत्तम किस्म के अनानास रानी अनानास उगाए जाते हैं. हाल ही में त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा की पहल पर बागवानी विभाग के सहायक निदेशक दीपक बैद्य ने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को 100 पैकेटों में 500 किलोग्राम रानी अनानास भेजा था. प्रत्येक पैकेट में 750 ग्राम वजन के 6 अनानास हैं. बता दें कि त्रिपुरा के अनानास की मिठास सिर्फ देश ही नहीं पूरे दुनिया में मशहूर हैं. यहां से अनानास की खेप दुबई, बांग्लादेश और कतर भेजे जाते हैं. यहां पर लगभग हर साल 1.28 लाख टन से अधिक अनानास का उत्पादन किया जाता है.