
राजस्थान सरकार के 2 साल पूरे होने पर अलवर में जिला स्तर पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें राज्य के कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा पहुंचे. मीडिया से बातचीत के दौरान किरोड़ी लाल मीणा ने हनुमानगढ़ की घटना पर बोलते हुए कहा कि बातचीत से ही समस्या का समाधान निकलेगा. उन्होंने कहा कि किसान अपनी जगह पर ठीक हैं, लेकिन उनको गलत तरह से उकसाया जा रहा है. उन्होंने पूर्व गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. उस समय किसानों से सलाह नहीं ली गई और आज खुद ही वो लोग किसानों को उकसाने में लगे हुए हैं.
कृषि मंत्री ने हनुमानगढ़ की घटना को लेकर किसानों को संदेश दिया. उन्होंने कहा कि 2022 में यह एमओयू हुआ था. इस प्रोजेक्ट में 500 करोड रुपये का इन्वेस्टमेंट है. यह एशिया की सबसे बड़ी इथेनॉल फैक्ट्री है. इसमें हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा. प्रधानमंत्री की सोच के आधार पर उसका मॉडल तैयार किया गया है. उन्होंने कहा कि किसानों का सोचना सही है. किसानों को लगता है कि वहां से गंदा पानी निकलेगा और केमिकल से उनके फसलें खराब होंगी और उनकी जमीन बंजर होगी. लेकिन इस समस्या का समाधान एक बड़ा एसटीपी प्लांट है, जो वहां लगेगा. इससे पहले भी भिवाड़ी, बालोतरा हो या जोधपुर हो. सभी जगह पर औद्योगिक इकाइयों द्वारा गंदा पानी छोड़े जाने की शिकायतें लगातार मिली है, इसलिए किसान का प्रदर्शन करना सही है. इस पूरे मामले में पिछली सरकार की गलती रही कि उन्होंने किसानों को विश्वास में नहीं लिया और भूमि पूजन नहीं करवाया.
उन्होंने कहा कि व्यक्ति को अपनी बात रखने का अधिकार है. लेकिन देश में कानून व्यवस्था भी है. अगर कोई शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन नहीं करेगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई भी होगी. उन्होंने खुद का उदाहरण देते हुए कहा कि मेरे ऊपर भी 138 मामले दर्ज हैं. कांग्रेसी नेताओं पर निशाना साधते हुए भी उन्होंने कहा कि इस घटना के बाद पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और सचिन पायलट जैसे नेताओं की बयान और प्रतिक्रिया सामने आई. लेकिन यह प्रोजेक्ट तो खुद कांग्रेस सरकार प्रदेश लेकर आई थी. आज वही इसके खिलाफ खड़े होकर बयान बाजी कर रहे हैं और किसानों को उकसाने का काम कर रहे हैं.
किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि उनकी सरकार किसानों को समझाएगी और उनसे बात करेगी. साथ ही उन्होंने विपक्ष से भी किसानों को समझने की अपील की. उन्होंने कहा कि यह एशिया का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट है. इससे लोगों को रोजगार मिलेगा और क्षेत्र का विकास होगा. लेकिन विपक्ष किसानों को भड़काने का काम कर रहा है. उन्होंने हनुमानगढ़ के किसानों को अलवर से संदेश देते हुए कहा कि संवाद से ही रास्ता निकलेगा. उन्होंने कहा कि मैं चार बार हनुमानगढ़ गया, उस दौरान किसानों का धरना चल रहा था. मैंने किसानों को बुलाया लेकिन वो नहीं आए, उन्होंने कहा कि वो किसानों से बातचीत के लिए तैयार हैं. किसानों का प्रतिनिधिमंडल जयपुर आए और बातचीत करें.
कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों की मुख्यमंत्री के साथ बैठकर बातचीत कराई जाएगी. उनकी जो मांगे हैं, उन पर चर्चा होगी. अगर किसान अपनी जिद पर अड़े हुए हैं और वो चाहते हैं कि सरकार उनसे बात करने आए, तो मुख्यमंत्री के कहने पर सरकार उनसे बात करने के लिए जाएगी. लेकिन प्रदेश में लायन आर्डर बिगड़ने नहीं दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार को पता है कि कौन लोग हैं, जो इन घटनाओं के पीछे हैं और उनके खिलाफ सख्त कदम भी उठाए जाएंगे. कृषि मंत्री ने कहा कि किसान हमारे भाई हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों के लिए सबसे ज्यादा योजनाएं दी हैं और उनका साथ लेकर सरकार चल रही है और आगे भी चलेगी. उनको समझा कर उनसे बातचीत की जाएगी और किसी भी तरह का उन पर फोर्स इस्तेमाल नहीं किया जाएगा.