NMNF: नेचुरल फार्मिंग मिशन का लाभ कैसे उठाएं किसान, आसान भाषा में समझें

NMNF: नेचुरल फार्मिंग मिशन का लाभ कैसे उठाएं किसान, आसान भाषा में समझें

प्राकृतिक खेती के प्रति किसानों को जागरूक करने के लिए 30,000 कृषि सखी या सीआरपी लगाए जाएंगे जो किसानों का क्लस्टर बनाएंगे और उन्हें इस खेती के लिए जागरूक और तैयार करेंगे. इससे ग्रामीण क्षेत्रों में हजारों कृषि सखियों की नियुक्ति बढ़ेगी.

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क‍िसान तक
  • Noida,
  • Nov 27, 2024,
  • Updated Nov 27, 2024, 7:20 PM IST

केंद्र सरकार ने हाल में 'नेशनल मिशन ऑन नेचुरल फार्मिंग' की शुरुआत की. दो दिन पहले ही इसकी घोषणा हुई है. इस मिशन में देश के 1 करोड़ किसान जोड़े जाएंगे और उन्हें प्राकृतिक खेती की ट्रेनिंग दी जाएगी. इस मिशन पर सरकार 2481 करोड़ रुपये खर्च करेगी. इसके लिए देश की ग्राम पंचायतों का चयन किया जाएगा जहां यह स्कीम चलेगी. कृषि संस्थानों के माध्यम से किसानों को ट्रेनिंग देकर उन्हें प्राकृतिक खेती के लिए तैयार किया जाएगा. इस मिशन की और भी कई विशेषताएं हैं जिनके बारे में जानना चाहिए. आइए बेहद आसान भाषा में इसके बारे में समझ लेते हैं.

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किसानों को क्या होगा फायदा

  1. इस मिशन के अंतर्गत सरकार देश के कृषि विज्ञान केंद्र, कृषि विश्वविद्यालय और किसानों के खेतों में 2000 नेचुरल फार्मिंग मॉडल डेमोंस्ट्रेशन फार्म बनाए जाएंगे. इस तरह के फार्म को फार्मर मास्टर ट्रेनर्स चलाएंगे. इससे नए तरह के रोजगार पैदा होंगे और ग्रामीण इलाकों में इस मिशन से अधिक लोग जुड़ेंगे.
  2. जिन किसानों की दिलचस्पी प्राकृतिक खेती में होगी, वे इस मॉडल फार्म में ट्रेनिंग ले सकेंगे. ट्रेनिंग पूरी तरह से फ्री होगी और इसमें अलग-अलग तरह की बातें सिखाई जाएंगी. जैसे, किस तरह प्राकृतिक खेती करनी है, उसका इनपुट कैसे तैयार करना है आदि.
  3. इस तरह के ट्रेनिंग फार्म किसान के गांव के नजदीक होंगे ताकि उसे बहुत दूर न जाना पड़े. फार्म दूर होग तो किसान इससे बचने की कोशिश करेंगे. मिशन के तहत 18.75 लाख इच्छुक किसानों को जीवामृत, बीजामृत आदि बनाने की ट्रेनिंग दी जाएगी. इसका कच्चा माल किसान खुद के मवेशियों से लेंगे या कम रेट पर सरकारी केंद्र से खरीदेंगे.
  4. प्राकृतिक खेती के प्रति किसानों को जागरूक करने के लिए 30,000 कृषि सखी या सीआरपी लगाए जाएंगे जो किसानों का क्लस्टर बनाएंगे और उन्हें इस खेती के लिए जागरूक और तैयार करेंगे. इससे ग्रामीण क्षेत्रों में हजारों कृषि सखियों की नियुक्ति बढ़ेगी.
  5. जो किसान नेचुरल फार्मिंग से जुड़ेंगे और खेती करेंगे उन्हें सर्टिफिकेट दिया जाएगा. इससे उनके कृषि उत्पाद की ब्रांडिंग होगी. इस ब्रांडिंग की मदद से किसान अच्छी कीमतों पर बाजार में अपने उत्पाद को बेच सकेंगे. किसानों की प्राकृतिक खेती और उनके खेत को जियो टैग किया जाएगा और उसकी रियल टाइम मॉनिटरिंग होगी. इसके लिए ऑनलाइन पोर्टल शुरू किया जाएगा.

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