क्या है विश्वकर्मा कामगार कल्याण योजना, इस तरह मिलेगा आपको फायदा?

क्या है विश्वकर्मा कामगार कल्याण योजना, इस तरह मिलेगा आपको फायदा?

सीएम अशोक गहलोत ने विश्वकर्मा कामगार कल्याण योजना को शुरू करने की घोषणा की थी. इसका मुख्य उद्देश्य निम्न आय वर्ग की महिलाओं, श्रमिकों, अनुसूचित वर्ग के हस्तशिल्प कलाकारों, युवाओं को खुद के रोजगार शुरू करने के लिए आर्थिक सहायता देना है. इसके तहत सरकार युवाओं को पांच हजार रुपये की सहायता स्वरोजगार के लिए देती है.

विश्वकर्मा कामगार कल्याण योजना में मिलेगी कामगारों को टूल किट. फोटो- DIPRविश्वकर्मा कामगार कल्याण योजना में मिलेगी कामगारों को टूल किट. फोटो- DIPR
माधव शर्मा
  • Jaipur,
  • Aug 18, 2023,
  • Updated Aug 18, 2023, 4:00 PM IST

राजस्थान सरकार ने इस साल के बजट में विश्वकर्मा कामगार कल्याण योजना शुरू करने की घोषणा की थी. अब इस घोषणा को जमीन पर उतारने का काम शुरू हो गया है. इसीलिए योजना की क्रियान्विति की तैयारियों को लेकर उद्योग भवन में एक समीक्षा मीटिंग भी रखी गई. योजना के पहले चरण में 20 हजार कामगारों को टूल किट बांटी जाएंगी.

इस मीटिंग में और कौन-कौन से निर्णय लिए गए, यह जानने से पहले आप यह जान लें कि आखिर ये योजना है क्या? 

क्या है विश्वकर्मा कामगार कल्याण योजना?

इस साल 10 फरवरी को पेश हुए बजट में सीएम अशोक गहलोत ने इस योजना को शुरू करने की घोषणा की थी. इसका मुख्य उद्देश्य निम्न आय वर्ग की महिलाओं, श्रमिकों, अनुसूचित वर्ग के हस्तशिल्प कलाकारों, युवाओं को खुद के रोजगार शुरू करने के लिए आर्थिक सहायता देना है. इसके तहत सरकार युवाओं को पांच हजार रुपये की सहायता स्वरोजगार के लिए देती है. इसके अलावा 30 हजार रुपये हस्तशिल्प और कामगारों को अपने प्रोडक्ट्स की बिक्री के लिए 10 हजार रुपये की सहायता दी जाती है. इस योजना के शुरू होने से पारंपारिक कलाकारों की कला का संरक्षण होगा और राज्य में रोजगार को बढ़ावा मिलेगा.

सरकार का मानना है कि इस योजना से आदिवासी समुदाय और पिछड़े वर्ग की महिलाओं के जीवन स्तर में सुधार आएगा. साथ ही उनमें अपने पारंपरिक कामों को करने की इच्छाशक्ति बढ़ेगी और अपनी कला को वे एक मंच पर ला सकते हैं. 

इन समुदायों के कामगारों को मिलेगा योजना का लाभ

विश्वकर्मा कामगार कल्याण योजना की लाभ समाज की निम्न आय वर्ग की महिलाओं और हस्तशिल्प से जुड़े कलाकारों को मिलेगा. इनमें लुहार, हलवाई, सुनार, कुम्हार, हस्तशिल्प कारीगर, केश कला, माटी कला, टोकरी बनाने वाले, बढ़ई, दर्जी, मोची और महिलाएं शामिल हैं. 

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पहले चरण में 20 हजार को मिलेगी टूल किट 

योजना का लाभ देने के लिए और उसे सही तरीके से लागू करने के लिए उद्योग एवं वाणिज्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव वीनू गुप्ता ने एक मीटिंग ली. इसमें उद्योग विभाग, श्रम विभाग, राजीविका, शिल्प एवं माटी कला बोर्ड, केश कला बोर्ड, राज्य विमुक्त घुमंतू एवं अर्ध घुमंतु कल्याण बोर्ड के अधिकारी भी शामिल हुए. 

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योजना के पहले चरण की शुरूआत में 20 हजार लाभार्थियों को उनके काम से संबंधित टूल किट दी जाएगी. इस टूल किट का पैसा किट खरीदने के बाद में किया जाएगा. साथ ही इसमें शामिल समुदायों को योजना में आवेदन करने के लिए कहा गया है. वीनू गुप्ता ने योजना के क्रियान्वयन से संबंधित विभाग एवं बोर्ड के पोर्टल के जरिए इसकी प्रक्रिया को जल्दी पूरा करने के निर्देश दिए. 


 

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