एग्री सेक्टर का प्रोडक्शन बढ़ाने पर सरकार का फोकस, कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा बोले- नई तकनीक से जोड़े जा रहे किसान

एग्री सेक्टर का प्रोडक्शन बढ़ाने पर सरकार का फोकस, कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा बोले- नई तकनीक से जोड़े जा रहे किसान

अर्जुन मुंडा ने कहा कि आज हम इस अवस्था में हैं कि अपनी खाद्यान्न जरूरतों को पूरा कर सकें, लेकिन हमें भविष्य के लिए भी तैयारी करना है, क्योंकि भूमि सीमित है

क‍िसान तक
  • Noida,
  • Feb 04, 2024,
  • Updated Feb 04, 2024, 12:21 PM IST

झारखंड समेत पूर्वी क्षेत्र के किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए खूंटी के तोरपा प्रखंड में किसान मेला का आयोजन किया गया. इस किसान मेले का उद्घाटन केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने किया. इस मौके पर कृषि मंत्री ने कहा कि यह मेला देश के पूर्वी क्षेत्र के किसानों के लिए काफी लाभदायक होगा, जिसकी सार्थकता खेतों में नजर आएगी. केंद्र सरकार की कोशिश है कि हर राज्य खेती में आत्मनिर्भर बनें और हमारे किसानों की आय बढ़े. किसानों को गर्व से यह कहने का मौका मिले कि हम किसी के मोहताज नहीं हैं, बल्कि हम मजबूत हैं और हमारे माध्यम से हमारा देश भी सशक्त है.

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के अंतर्गत राष्ट्रीय कृषि उच्चतर प्रसंस्करण संस्थान, रांची के तत्वावधान में कृषि विज्ञान केंद्र, तोरपा, खूंटी में आयोजित इस मेले में पूर्वी राज्यों के हजारों किसान शामिल हुए हैं. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पूर्वी क्षेत्र में किसानों को परंपरागत खेती के साथ तकनीक से कैसे जोड़ा जाएं, उनकी आय बढ़ाते हुए उन्हें आत्मनिर्भर कैसे बनाएं, कृषि संबंधी विभिन्न मुद्दों का समाधान कैसे हो, इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए इस वृहद मेले का आयोजन किया गया है. अर्जुन मुंडा ने कहा कि आज हम इस अवस्था में हैं कि अपनी खाद्यान्न जरूरतों को पूरा कर सकें, लेकिन हमें भविष्य के लिए भी तैयारी करना है, क्योंकि भूमि सीमित है व आबादी लगातार बढ़ रही है. ऐसे में उत्पादन के साथ-साथ उत्पादकता बढ़ाने पर भी ध्यान दिया जा रहा है.

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नई तकनीक से जोड़े जा रहे किसान

गुणवत्ता और पोषणयुक्त उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रबंधन व गवर्नेंस के माध्यम से कोशिश की जा रही है. विज्ञान और तकनीकी को जोड़ते हुए परंपरागत और पोषक तत्वों की उपलब्धता वाली खेती को बढ़ाकर किसानों के जीवन में खुशहाली व आत्मनिर्भरता की दिशा में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय लगातार कार्य कर रहा है. भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान व परिषद तथा मंत्रालय के माध्यम से नवाचारों के साथ किसानों को जोड़ा जा रहा है, ताकि लागत घटे, उत्पादकता बढ़े व नुकसान कम हो. साथ ही हमारा लक्ष्य पूरा हो सकें. उन्होंने कहा कि पूर्वी क्षेत्र में काम तो हो रहे हैं, लेकिन गतिशीलता बनाए रखने की जरूरत है. किसान अपने कल्चर व ट्रेडिशन के साथ विकास से जुड़ सकें, यह ध्यान रखा जाना चाहिए.

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सबका-साथ सबका विकास के मंत्र साथ आगे बढ़ रहे हैं

केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास-सबका प्रयास के मंत्र के साथ हम आगे बढ़ रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूर्वी क्षेत्र में जनजातीय समाज पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. देश का कोई भी हिस्सा जब पीछे रहता है, तो देश पीछे रह जाता है. यहां लाख उत्पादन बढ़ाने की काफी संभावनाएं हैं. विश्व जैविक खेती की तरफ लौट रहा है. टिकाऊ खेती और उत्पादन बढ़ाने पर दुनिया चिंता कर रही है.

जलवायु परिवर्तन, कार्बन उत्सर्जन को लेकर चिंता हो रही है. भारत के लिए तो खेती रीढ़ की तरह है. मिट्टी की उर्वरा शक्ति की चिंता करें और जल प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए भी काम करने की जरूरत है. इसके साथ ही भविष्य की जरूरतों के हिसाब से उत्पादन बढ़ाने की दिशा में काम करना चाहिए। गेहूं और चावल में हम आत्मनिर्भर बने है, अब तूर दाल में भी यहीं लक्ष्य रखा गया है. सरकार ने विशेष पोर्टल लांच करते हुए योजनाबद्ध ढंग से इस दिशा में तेजी से कार्य प्रारंभ किया है. केंद्र सरकार राज्यों के माध्यम से कृषि व किसानों के विकास के लिए अनेक योजनाएं चला रही है.


 

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