Jamin Adhigrahan: कर्नाटक सरकार को पसंद आया बिहार मॉडल, जमीन अधिग्रहण और पुनर्वास पर करेगी स्टडी

Jamin Adhigrahan: कर्नाटक सरकार को पसंद आया बिहार मॉडल, जमीन अधिग्रहण और पुनर्वास पर करेगी स्टडी

कर्नाटक सरकार बिहार के राजस्व और भूमि सुधार विभाग की ओर से भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनर्स्थापन से संबंधित मामलों में लागू किए गए मॉडल का अध्ययन करेगा. वहीं, इस मामले पर किसान नेता ने कहा बिहार में सही से पहले हो लागू.फिर किसी को बताएं अपना सफल मॉडल की सफलता.

बिहार मॉडल से प्रभावित कर्नाटक सरकारबिहार मॉडल से प्रभावित कर्नाटक सरकार
अंक‍ित कुमार स‍िंह
  • Patna,
  • Nov 13, 2025,
  • Updated Nov 13, 2025, 12:54 PM IST

बिहार में सरकार की ओर से विकास कार्यों के लिए ली जा रही ज़मीनों का उचित मुआवजा नहीं मिलने से राज्य के कई किसान एक ओर जहां नाखुश दिख रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर इन विरोधों के बीच राजस्व और भूमि सुधार विभाग की ओर से भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनर्स्थापन से संबंधित मामलों में लागू किए गए मॉडल का अध्ययन करने के लिए कर्नाटक सरकार ने एक अध्ययन दल का गठन किया है, जो अपर कृष्ण परियोजना (UKP-3) के कार्यों को लेकर अध्ययन करेगी. वहीं, बीते दिनों यह टीम पटना पहुंची और बिहार सरकार के राजस्व और भूमि सुधार विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विस्तृत विचार-विमर्श किया.

कर्नाटक के विकास कार्यों में ये मॉडल होगा लागू

पटना पहुंचे अध्ययन दल की टीम ने बताया कि बिहार मॉडल की पारदर्शी, त्वरित और न्यायसंगत प्रक्रिया से प्रेरित होकर इसे अपर कृष्ण परियोजना (UKP-3) में लागू करने की संभावना पर विचार किया जा रहा है. टीम इस अध्ययन के आधार पर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर कर्नाटक सरकार को प्रस्तुत करेगी, ताकि वहां भूमि अधिग्रहण प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और दक्षता को बढ़ावा दिया जा सके. वहीं, कर्नाटक सरकार की टीम ने विशेष रूप से बिहार सरकार द्वारा 2016 में गठित भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनर्स्थापन अपीलीय प्राधिकरणों की पारदर्शी व्यवस्था की सराहना की, जहां सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की अध्यक्षता में भूमि अधिग्रहण से जुड़े मामलों का समयबद्ध निपटारा किया जा रहा है.

भूमि अधिग्रहण मॉडल सुशासन की दिशा में बेस्ट उदाहरण

राजस्व और भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने कहा कि बिहार सरकार द्वारा विकसित भूमि अधिग्रहण मॉडल सुशासन और पारदर्शिता की दिशा में एक सशक्त उदाहरण है, जिसे अन्य राज्यों द्वारा अपनाया जाना पूरे देश के लिए गौरव की बात है. वहीं, कर्नाटक सरकार द्वारा गठित इस दल में के.पी. मोहनराज, प्रबंध निदेशक, कृष्णा भाग्य जल निगम लिमिटेड (KBJNL) सह आयुक्त, एलएक्यू और आरएंडआर, बागलकोट के नेतृत्व में के. मुरलीधर कामथ, सी.एस., आई. वीराबु, ई.ई., मारुति ब्याकोड, के.ए.एस., प्रकाश गोपु राजपत, के.ए.एस., एवं मोहन बी. नागथन, ए.एस.एल.ओ. शामिल हैं.

बिहार में भूमि अधिग्रहण की नीति किसान हित में नहीं

किसान नेता अशोक प्रसाद सिंह कहते हैं कि सरकार द्वारा जो जमीन किसानों से ली जा रही है, उसके मुआवजे को लेकर यह कहा गया था कि 2013 के सर्किल रेट के अनुसार 10 फीसदी चक्रवृद्धि ब्याज जोड़कर 2025 में जो जमीन की वास्तविक कीमत होगी, उसका चार गुना किसानों को भुगतान किया जाएगा. लेकिन अभी तक इस पर कोई काम नहीं हुआ है. हालांकि, कर्नाटक सरकार राज्य के भूमि अधिग्रहण सहित पुनर्वास और पुनर्स्थापन को लेकर अध्ययन करने आई है, तो उनका स्वागत है.

लेकिन बिहार में जो भूमि से जुड़े मामले हैं, उन्हें उचित मुआवजा नहीं मिलने से किसान काफी आक्रोशित हैं, जिसके कारण लगातार आंदोलन और विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं. अब कर्नाटक सरकार किन चीजों पर काम करेगी और क्या लागू करेगी, यह देखने वाली बात होगी. लेकिन फिलहाल बिहार में भूमि अधिग्रहण को लेकर स्थिति काफी संतोषजनक नहीं है.

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