गरमा धान को पीला तना छेदक कीट से बचाने के लिए ये उपाय करें किसान, पढ़ें IMD की सलाह

गरमा धान को पीला तना छेदक कीट से बचाने के लिए ये उपाय करें किसान, पढ़ें IMD की सलाह

बारिश के कारण खेतों में जलजमाव हो सकता है. इससे फसलों को नुकसान हो सकता है. इसलिए किसानों को सलाह दी जाती है कि वे मूंग, उड़द, मक्का, सब्जियों और सूरजमुखी जैसी सभी फसलों से अतिरिक्त पानी निकाल दें. इसके साथ ही कहा गया है कि फिलहाल खेतों में किसी प्रकार की खाद और कीटनाशक का छिड़काव नहीं करें.

धान की खेती (फाइल फोटो)
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Mar 21, 2024,
  • Updated Mar 21, 2024, 5:25 PM IST

भारत मौसम विज्ञान विभाग यानी कि IMD ने ओडिशा के मौसम में फेरबदल होने का अनुमान लगाया है. इस दौरान हल्की से मध्यम दर्जे की बारिश हो सकती है और ओलावृ्ष्टि हो सकती है. साथ ही तेज हवाएं चलने की संभावना जताई गई है. इसे देखते हुए आईएमडी ने ओडिशा के किसानों के लिए कृषि सलाह जारी की है. इसमें कहा गया है कि तेज हवा और ओलावृष्टि के कारण बागवानी और तैयार खड़ी फसलों को नुकसान हो सकता है. इसलिए किसान इससे बचने के लिए कारगर उपाय करें. इसके तहत किसान पके हुए फसल और सब्जियों की जल्द से जल्द कटाई करें और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर रखें और तिरपाल या चादर से ढंक दें. 

बारिश के कारण खेतों में जलजमाव हो सकता है. इससे फसलों को नुकसान हो सकता है. इसलिए किसानों को सलाह दी जाती है कि वे मूंग, उड़द, मक्का, सब्जियों और सूरजमुखी जैसी सभी फसलों से अतिरिक्त पानी निकाल दें. आईएमडी ने कहा है कि फिलहाल खेतों में किसी प्रकार की खाद और कीटनाशक का छिड़काव नहीं करें. ऐसे मौसम में गरमा धान की खेती में तना छेदक कीट का प्रकोप होने की संभावना अधिक बढ़ जाती है. इसलिए किसानों को सलाह दी जाती है कि वे निरंतर खेत की निगरानी करें. 

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कीट को नियंत्रित करने का तरीका

ग्रीष्मकालीन धान में तना छेदक कीट का प्रकोप अधिक देखा जाता है. इसलिए किसानों को तना की गतिविधि पर नजर रखने की सलाह दी जाती है. धान के खेतों में पीला तना छेदक कीट को नियंत्रित करने के लिए धान के खेत में पानी का स्तर 2-3 सेमी तक बनाए रखें. इसके साथ ही खेतों में 0.4 जी या फ्लुबेन्डियामाइड 0.7 जी का 5 किग्रा प्रति की दर से छिड़काव करें. इसके अलावा फेरोमोन जाल खेतों में लगाएं. इसके अलावा 4 किलो रेनैक्सिपायर प्रति एकड़ की दर से इस्तेमाल करें. गरमा धान की खेती में धान में शीथ ब्लाइट और ब्लास्ट रोग के प्रबंधन के लिए टेबुकोनाज़ोल 50% और ट्राइफ्लोक्सीस्ट्रोबिन 25% का छिड़काव करें. चावल के खेत में कुछ स्थानों पर बीएलबी संक्रमण देखा गया है. इसलिए इस बीमारी को नियंत्रित करने के लिए 200 ग्राम प्लांटोमाइसिन का प्रयोग करें. 

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गन्ने में शॉट बोरर का प्रकोप

सूरजमुखी की खेती के लिए जारी सलाह में कहा गया है कि कॉलर रॉट से संक्रमित पौधों को खेत से हटा दें. इसके साथ ही तना सड़न और कॉलर सड़न को नियंत्रित करने के लिए मेटालैक्सिल और मैनकोजेब या साइमोक्सानिल और मैनकोजेब का 400 ग्राम प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें. साथ ही अगर जरूरत हो तो ही छिड़काव करें. गन्ने की फसल में शुरुआती दौर में प्रारंभिक शॉट बोरर को नियंत्रित करने के लिए फिप्रोनिल 5एससी का 400 मिलीलीटर प्रति एकड़ के दर से छिड़काव करें.

मौजूदा मौसम की स्थिति में चने की खेती में बालों वाले कैटरपिलर और तंबाकू कैटरपिलर का संक्रमण हो सकता है. इसके संक्रमण को कम करने के लिए खेत के मेंड़ के पास इपोमिया या जेट्रोफा की पत्तियों को लगाएं. इसके अलावा लैम्ब्डा साइहैलोथ्रिन 4.9 सीएस का 250 मि.ली. का प्रति एकड़ या इमामेक्टिन बेंजोएट का 100 ग्राम प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें. 

 

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