
सोनीपत के गांव जाटी कलां में उस समय सनसनी फैल गई जब गांव के रहने वाले पिता पुत्र की गांव के खेतो में करंट लगने से मौत हो गई. हादसे की सूचना गांव और आसपास के इलाके में आग की तरह फैल गई. मृतक प्रेम सिंह उम्र 46 साल और उसका बेटा मनोज उम्र 26 साल बताए जा रहे हैं और पुलिस ने प्रेम सिंह के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल भिजवाया तो ग्रामीण मनोज को लेकर दिल्ली के निजी में लेकर पहुंचे, जहां उसकी भी सांसे थम चुकी थी. सोनीपत कुंडली थाना पुलिस हादसे की जांच कर रही है.
मिली जानकारी के अनुसार, सोनीपत के गांव जाटी कलां का रहने वाला 46 साल का किसान प्रेम सिंह अपने इकलौते बेटे मनोज (26 साल) के साथ अपने खेत में पानी देने गया था, लेकिन वहां पर लगे ट्रांसफार्मर के सपोर्टिंग तार (केबल) में करंट था. जिसकी चपेट में दोनों पिता-पुत्र आ गए. जैसे ही दोनों उसकी चपेट में आए तो आसपास के खेतो में काम कर रहे ग्रामीणों ने यह घटनाक्रम देखा और इसकी सूचना गांव में पहुंची.
जानकारी मिलते ही भारी संख्या गांव के लोग उन्हें बचाने के लिए वहां पहुंचे. लेकिन तब तक प्रेम सिंह ने दम तोड़ दिया था, जबकि मनोज की सांसे चल रही थी. जब तक ग्रामीण उसे दिल्ली के एक निजी अस्पताल में लेकर पहुंच पाते उसकी भी सांसे थम गईं. वहीं, पुलिस ने प्रेम सिंह के शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया है, जबकि मनोज के शव का पोस्टमार्टम दिल्ली में कराया जाएगा.
हादसे की जानकारी देते हुए पुलिस प्रवक्ता रविंद्र कुमार ने बताया कि गांव जाटी कलां में खेत में काम करने गए पिता-पुत्र की करंट लगने से मौत की सूचना पुलिस को मिली थी. मृतक पिता-पुत्र प्रेम सिंह और मनोज कुमार के शवों का पोस्टमार्टम कराया गया है और परिजनों की शिकायत पर 194 की कार्रवाई की गई है.
उधर, सोनीपत अनाज मंडी में किसानों का रोष एक बार फिर उभरकर सामने आया. पीआर धान की फसल की खरीद केंद्र सरकार द्वारा तय एमएसपी पर न होने के कारण किसान मंडी सचिव कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए. उन्होंने कहा कि जब तक फसल की उचित कीमत नहीं दी जाती, उनका विरोध जारी रहेगा. किसानों ने मिल मालिकों पर मनमानी और फसल में कटौती का आरोप लगाया.
किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने सरकार के वादों पर सवाल उठाते हुए बताया कि 22 सितंबर से सरकारी खरीद शुरू होने के बावजूद किसानों को एमएसपी नहीं मिल रहा. उन्होंने कहा कि किसानों की उपज में 5 से 15 किलो तक कटौती की जा रही है. किसानों ने साफ कहा कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होगी, वे धरना जारी रखेंगे.