हरियाणा में अलर्ट जारी, सरसों की फसल में दिखी नई बीमारी, 40 फीसदी तक उत्पादन हो सकता है प्रभावित

हरियाणा में अलर्ट जारी, सरसों की फसल में दिखी नई बीमारी, 40 फीसदी तक उत्पादन हो सकता है प्रभावित

हाल ही में सरसों की बुआई वाले जिलों के लगभग 153 गांवों में एक सर्वेक्षण के दौरान सफेद रतुआ की उपस्थिति देखी गई है. एक कृषि वैज्ञानिक ने कहा कि हम बीमारी को नियंत्रित करने और फैलने से रोकने के लिए एक मिश्रण का छिड़काव करने की सिफारिशें जारी कर रहे हैं.

क्या होता है सफेत रतुआ रोग? (सांकेतिक फोटो)क्या होता है सफेत रतुआ रोग? (सांकेतिक फोटो)
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Feb 09, 2024,
  • Updated Feb 09, 2024, 11:33 AM IST

हरियाणा के सिरसा और फतेहाबाद जिल के सरसों उत्पादक किसानों को सफेद रतुआ रोग से सतर्क रहने की जरूरत है. हरियाणा कृषि विभाग और चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय ने सिरसा और फतेहाबाद जिले के किसानों के लिए अलर्ट जारी किया है. अलर्ट में कहा गया है कि इन दोनों जिलों में सरसों के पौधों में सफेद रतुआ रोग लग सकता है. इससे सरसों की फसल को नुकसान पहुंचने की संभावना है. खास कर देर से बोई गई फसलों की औसत उपज 30 से 40 प्रतिशत तक कम हो सकती है.

द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, हाल ही में सरसों की बुआई वाले जिलों के लगभग 153 गांवों में एक सर्वेक्षण के दौरान सफेद रतुआ की उपस्थिति देखी गई है. एक कृषि वैज्ञानिक ने कहा कि हम बीमारी को नियंत्रित करने और फैलने से रोकने के लिए एक मिश्रण का छिड़काव करने की सिफारिशें जारी कर रहे हैं. कहा जा रहा है कि 15 नवंबर के आसपास सफेद रतुआ देखा गया था, लेकिन यह शुरुआती चरण में था. लेकिन दिसंबर और जनवरी में तापमान गिरा तो बीमारी स्वाभाविक रूप से नियंत्रित हो गई.

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क्या कहते हैं वैज्ञानिक

एचएयू के डॉ. राकेश पुनिया ने कहा कि लेकिन 20 डिग्री सेल्सियस से 25 डिग्री सेल्सियस के आसपास तापमान के साथ, देर से बोई गई फसलों में कवक सामने आ गया है. उन्होंने कहा कि हालांकि इसे अनुशंसित दवा के स्प्रे से नियंत्रित किया जा सकता है. लेकिन किसान आमतौर पर सरसों की फसल की परवाह नहीं करते हैं और विशेषज्ञों की सलाह को नजरअंदाज कर देते हैं. उन्होंने कहा कि देर से ठंड की स्थिति के कारण इस रबी सीजन में इसकी शुरुआत हुई है.

2 लाख एकड़ में सरसों की बुवाई

सिरसा के कृषि उपनिदेशक डॉ. सुखदेव कंबोज ने कहा कि उन्होंने एक सर्वेक्षण भी किया है. यह हर साल होता है और छिड़काव द्वारा इसे नियंत्रित किया जा सकता है. यह प्रारंभिक चरण में है और अगर किसान समय पर उपाय करते हैं तो इससे बड़ी क्षति होने की संभावना नहीं है. सिरसा जिले में लगभग 2 लाख एकड़ में सरसों की बुवाई की गई है, जबकि फतेहाबाद जिले में 60,000 एकड़ में सरसों लगा हुआ है.

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देश में सरसों का रकबा

बता दें कि इस साल देश में पिछले साल के मुकाबले अधिक रकबे में सरसों की बुवाई की गई है. साल 2022-23 में सरसों का रकबा 97.97 लाख हेक्टेयर था. लेकिन इस साल 100.44 लाख हेक्टेयर से अधिक रकबे में बुवाई की गई है. सभी रबी तिलहनों का रकबा 110.96 लाख हेक्टेयर बताया गया है, जो एक साल पहले 109.76 लाख हेक्टेयर था. ऐसे में कहा जा रहा है कि इस साल सरसों की बंपर पैदावार होगी.

 

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