Hartalika Teej 2024 Date: भाद्रपद शुक्ल तृतीया तिथि को हरतालिका तीज का व्रत रखा जाता है. यह त्योहार भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है. इस दिन सुहागन महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए निर्जला उपवास रखती हैं. कुंवारी कन्याओं के लिए यह पर्व मनचाहे और योग्य पति को प्राप्त करने का है. हालांकि इस व्रत का एक बार संकल्प लेने के बाद इसे आजीवन रखना पड़ता है. आइए जानते हैं कि हरतालिका तीज का व्रत कब रखा जाएगा. और इसकी पूजन विधि व शुभ मुहूर्त क्या है.
भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 5 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 21 मिनट पर प्रारंभ होगी. इस तिथि का समापन 06 सितंबर को दोपहर 03 बजकर 21 मिनट पर समाप्त होगा. उदिया तिथि के चलते हरतालिका तीज का व्रत 06 सितंबर को ही रखा जाएगा.
यह भी पढ़ें-पीएम फसल बीमा योजना के लिए 13 करोड़ रुपये जारी, किसानों को फसल नुकसान की भरपाई के रूप में मिलेंगे
वैसे तो हरितालिका पूजन किसी भी वक्त किया जा सकता है. लेकिन प्रातःकाल और प्रदोष काल में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा विशेष कल्याणकारी होती है. इस समय महिलाओं को विधिवत श्रृंगार कर पूजा, उपासना और प्रार्थना करनी चाहिए. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 02 से सुबह 08 बजकर 33 मिनट तक है.
यह भी पढ़ें-गुजरात-राजस्थान में जारी रहेगी भारी बारिश, एक हफ्ते तक राहत के आसार नहीं
हरतालिका तीज के दिन सुबह स्नानादि के बाद व्रत का संकल्प लें. यह उपवास निर्जला रखा जाता है. अगर स्वास्थ्य ठीक नहीं है तो फलाहार भी कर सकते हैं. शुभ मुहूर्त में भगवान शिव और पार्वती की संयुक्त उपासना करें. इस दिन सुहागनों को संपूर्ण श्रंगार करना चाहिए. मां पार्वती को सौभाग्य का सारा सामान अर्पित करें. उनसे अपनी मनोकामना की पूर्ति के लिए प्रार्थना करें.
यह भी पढ़ें-ये 5 काम भूले तो खाते में नहीं आएंगे PM Kisan के पैसे, अभी जान लें डिटेल्स
इस दिन शाम के समय प्रदोष काल में भी शिव-पार्वती का पूजन किया जाता है. उन्हें फल, फूल, मिठाई, धूप, कर्पूर अर्पित करें. फिर विवाहिता स्त्रियां अपनी सास को सौभाग्य की वस्तुं देकर उनसे आशीर्वाद लें. भगवान शिव और मां पार्वती की संयुक्त पूजा करने के बाद ही इस व्रत का पारायण करें. इस दिन रात्रि जागरण और भगवान शिव के मंत्रों का जाप करना भी श्रेष्ठ होता है.
यह भी पढ़ें-कम बजट में डेयरी खोलने के लिए इस बेहतर नस्ल की गाय पालें, कमाई का फार्मूला भी जान लें
हरतालिका तीज के दिन सुहागन स्त्रियां और बालिकाएं पूर्ण श्रृंगार करके ही पूजा करें. भगवान शिव को पीले वस्त्र और पीले फूल अर्पित करें. माता पार्वती को साड़ी और श्रृंगार की सामग्री अर्पित करें. महिलाएं माता पार्वती को विशेषकर बिछिया जरूर अर्पित करें. माता पार्वती और भगवान शिव से मनोकामना पूर्ण करने की प्रार्थना करें.