पंजाब से लेकर हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर से लेकर उत्तराखंड, देश इस वक्त तीनों छोर से बाढ़ की मार झेल रहा है. तमाम राज्यों में अत्यधिक बारिश, बाढ़, फ्लैश फ्लड, बादल फटने और भूस्खलन से भारी तबाही देखने को मिल रही है. अब इस नुकसान का आकलन करने के लिए केंद्र सरकार अपनी टीम बना रही है. एक सरकारी बयान में अधिकारियों ने बताया कि केंद्र सरकार ने इस नुकसान का आकलन करने के लिए हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब और जम्मू-कश्मीर के लिए अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीमों (IMCT) का गठन किया है.
अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीमें यानी IMCT, हालात और राज्य सरकारों द्वारा किए जा रहे राहत कार्यों का मौके पर ही आकलन करेंगी. एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि गृह मंत्रालय ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश पर IMCT का गठन किया है. बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित राज्यों के लोगों की कठिनाइयों को कम करने में उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है.
अगले सप्ताह की शुरुआत में, केंद्रीय टीमें हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब और जम्मू-कश्मीर के बाढ़/भूस्खलन प्रभावित जिलों का दौरा करेंगी, जो मौजूदा मानसून के दौरान भारी से अत्यधिक भारी वर्षा और अचानक बाढ़, बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. बयान में कहा गया है कि एक IMCT और एक बहु-क्षेत्रीय टीम पहले ही हिमाचल प्रदेश का दौरा कर चुकी है.
बयान में कहा गया है कि गृह मंत्रालय/राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) में एक संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी के नेतृत्व वाली केंद्रीय टीमों में व्यय, कृषि एवं किसान कल्याण, जल शक्ति, बिजली, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग और ग्रामीण विकास मंत्रालयों/विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं. गृह मंत्रालय (MHA) प्रभावित राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के वरिष्ठ अधिकारियों के संपर्क में है और उसने एनडीआरएफ, सेना और वायु सेना की आवश्यक संख्या में टीमों की तैनाती के माध्यम से सभी आवश्यक रसद सहायता प्रदान की है, जो राहत और बचाव कार्यों में उनकी मदद कर रही हैं.
अगस्त 2019 में केंद्रीय गृह मंत्री द्वारा लिए गए एक निर्णय के अनुसार, गृह मंत्रालय किसी भी गंभीर आपदा के तुरंत बाद, बिना किसी ज्ञापन की प्रतीक्षा किए, क्षति का मौके पर आकलन करने के लिए अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीमों का गठन करता है. बयान में कहा गया है कि आकलन पूरा होने के बाद, केंद्र स्थापित प्रक्रियाओं का पालन करते हुए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (एनडीआरएफ) से प्रभावित राज्यों को अतिरिक्त वित्तीय सहायता प्रदान करता है.
बयान में कहा गया है कि वित्तीय वर्ष 2025-26 के दौरान, केंद्र ने राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) में 24 राज्यों को 10,498.80 करोड़ रुपये जारी किए हैं, ताकि वे प्रभावित लोगों को राहत सहायता प्रदान कर सकें. साथ ही केंद्र सरकार ने एनडीआरएफ से 12 राज्यों को 1,988.91 करोड़ रुपये, राज्य आपदा न्यूनीकरण कोष (एसडीएमएफ) से 20 राज्यों को 3,274.90 करोड़ रुपये और राष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण कोष (एनडीएमएफ) से 9 राज्यों को 372.09 करोड़ रुपये जारी किए हैं.
(सोर्स- PTI)
ये भी पढ़ें-
स्मार्ट मीटर और कपास इंपोर्ट ड्यूटी के खिलाफ SKM, बड़े आंदोलन की दी चेतावनी
हरियाणा के हिसार में भारी बारिश का कहर, 80,000 एकड़ जमीन जलमग्न, नहरें भी टूटीं