हरियाणा के हिसार में भारी बारिश का कहर, 80,000 एकड़ जमीन जलमग्न, नहरें भी टूटीं

हरियाणा के हिसार में भारी बारिश का कहर, 80,000 एकड़ जमीन जलमग्न, नहरें भी टूटीं

गांववालों के अनुसार शनिवार को पाटन और कैमरी गांवों के बीच घग्गर नाले में आई दरार के बाद 500 एकड़ में खड़ी फसलें जलमग्न हो गईं. सिंचाई अधिकारियों, मनरेगा मजदूरों और स्थानीय लोगों के सामूहिक प्रयासों से इस दरार को भर दिया गया. लेकिन पिछले 10 दिनों से उफान पर चल रहा घग्गर नाला अभी भी चिंता का विषय बना हुआ है.

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हरियाणा के हिसार में भारी बारिश का कहर, 80,000 एकड़ जमीन जलमग्न, नहरें भी टूटींHaryana Flood: हरियाणा में ऊफनाई घग्‍गर नदी

पंजाब से सटे हरियाणा में भी मॉनसून की बारिश जमकर कहर ढा रही है. राज्‍य में लगातार बारिश और नहरों में कई बार दरार आने के कारण हिसार जिले में करीब 80,000 एकड़ कृषि भूमि जलमग्न हो गई है. इससे इस खरीफ सीजन में किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. रविवार सुबह और शाम हुई भारी बारिश के बाद बरवाला सब-डिविजन के करीब 20 गांवों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं. 

लाखों एकड़ में फसलें तबाह 

गांववालों के अनुसार शनिवार को पाटन और कैमरी गांवों के बीच घग्गर नाले में आई दरार के बाद 500 एकड़ में खड़ी फसलें जलमग्न हो गईं. सिंचाई अधिकारियों, मनरेगा मजदूरों और स्थानीय लोगों के सामूहिक प्रयासों से इस दरार को भर दिया गया. लेकिन पिछले 10 दिनों से उफान पर चल रहा घग्गर नाला अभी भी चिंता का विषय बना हुआ है. चूली कलां और शाहपुर गांवों के पास 30 फुट चौड़ी एक और दरार रेत की बोरियों को बहा ले गई और कई खेतों में पानी भर गया. 

शनिवार रात घग्गर नाले के फिर से उफान पर आने से लाडवा और गंगवा गांवों में भी जलभराव हो गया, जिससे लगभग 800 एकड़ फसलें जलमग्न हो गईं. अखिल भारतीय किसान सभा के ज़िला अध्यक्ष शमशेर नंबरदार ने कहा, 'पिछले पांच दिनों में 25 गांवों का दौरा करने के बाद, लगभग 1.25 लाख एकड़ जमीन पर लगी फसलें जलभराव के कारण नष्‍ट हो गईं और करीब 10 गांवों के घरों में पानी घुस गया. स्थिति और बिगड़ गई जब रात लाडवा और गंगवा के पास घग्गर बहुउद्देशीय नाला फिर से उफान पर आ गया. 

सरकार से मुआवजे की मांग 

गांववालों का आरोप है 500 ​​क्यूसेक क्षमता वाले इस नाले में वर्तमान में 800 क्यूसेक से ज्‍यादा पानी है जिससे बार-बार टूट-फूट हो रही है. इससे पहले, पाटन, शाहपुर और मात्रश्याम गांवों में भी दरारों की सूचना मिली थी. गंगवा से जिला परिषद सदस्य मनोज टाक के हवाले से अखबार ट्रिब्‍यून ने लिखा है, 'सैकड़ों एकड़ फसलें बर्बाद हो गई हैं और लोग विस्थापित हो गए हैं. सरकार को तत्काल मुआवजा देना चाहिए.' 

इस बार हुई ज्‍यादा बारिश 

बरवाला उपखंड सबसे ज़्यादा प्रभावित उपखंडों में से एक है. तीन घंटे की भारी बारिश के कारण सड़कों पर जलभराव हो गया और बरवाला बस स्टैंड के पास 33 केवी बिजली घर में पानी भर गया, जिससे शहर अंधेरे में डूब गया. स्थानीय लोगों ने बताया कि आस-पास की कॉलोनियों का पानी बिजलीघर में घुस गया, जिससे अधिकारियों को दुर्घटनाओं को रोकने के लिए आपूर्ति बंद करनी पड़ी.

सुलखनी गांव में, आंगनवाड़ी केंद्र और घरों में पानी घुस गया, जिससे निवासियों को अपना सामान लेकर बाहर निकलना पड़ा. राजली गांव में भी जलभराव की ऐसी ही तस्‍वीरें सामने आ रही हैं. मौसम विभाग ने बताया कि हिसार जिले में इस मानसून में 507.8 मिमी बारिश दर्ज की गई है - जो सामान्य से 54 फीसदी ज्‍यादा है. 

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