चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (HAU), हिसार में छात्रों में अशांति की लहर फैली हुई है, क्योंकि 10 जून को प्रदर्शनकारी छात्रों पर हिंसक कार्रवाई की गई थी, जिसमें लगभग 20 छात्र घायल हो गए थे. घटना के बाद अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे एक छात्र ने कुलपति डॉ बलदेव राज कंबोज के तत्काल इस्तीफे की मांग की है. छात्रों पर हिंसक कार्रवाई को लेकर स्टूडेंट्स ने उन पर छात्रों की सुरक्षा करने में विफल रहने और अपने पद का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है. छात्रों ने प्रोफेसर राधेश्याम की गिरफ्तारी और उन्हें बर्खास्त करने की भी मांग की है. उनका आरोप है कि उन्होंने कई प्रदर्शनकारियों पर शारीरिक हमला किया, जिससे उन्हें गंभीर चोटें आईं.
"दि ट्रिब्यून" के मुताबिक, छात्रों ने परिसर में हुई हिंसा के लिए रजिस्ट्रार डॉ. पवन कुमार, छात्र कल्याण निदेशक डॉ. एमएल खीचड़ और मुख्य सुरक्षा अधिकारी सुखबीर सिंह को हटाने और उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की मांग की है. बता दें कि छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं और विश्वविद्यालय प्रशासन से विवादास्पद संशोधन को वापस लेने का आग्रह कर रहे हैं, जिसके कारण छात्रवृत्ति में कटौती हुई है और आईसीएआर के नियमों के अनुसार मूल ढांचे को बहाल करने का आग्रह कर रहे हैं.
सिरसा की कांग्रेस सांसद कुमारी शैलजा ने आज आंदोलनकारी छात्रों से मुलाकात की और कहा कि लाठीचार्ज की घटना विश्वविद्यालय प्रशासन के तानाशाही रवैये को दर्शाती है. उन्होंने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से छात्रों को आई गंभीर चोटों पर तत्काल संज्ञान लेने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा कि मुझे पता चला है कि घटना को दबाने की कोशिश की जा रही है जो एक गतल है. मैं हिसार एसपी से मामले को गंभीरता से लेने और इस मामले में संवेदनशीलता दिखाने का आग्रह करती हूं. पुलिस को कोई गलत मिसाल कायम नहीं करनी चाहिए, उन्होंने कहा कि घटना की पूरी जिम्मेदारी कुलपति की है.
बता दें कि यह घटना 10 जून, 2025 को कुलपति कार्यालय के बाहर छात्रों द्वारा शांतिपूर्ण धरना शुरू करने के बाद हुई. इन घटनाओं से आहत छात्रों ने 12 जून को राष्ट्रपति, भारत के मुख्य न्यायाधीश और प्रधानमंत्री को औपचारिक शिकायत की है. छात्रों ने हस्तक्षेप और न्याय की गुहार लगाते हुए लिखा, "हम असहाय, भयभीत और मनोवैज्ञानिक रूप से परेशान महसूस कर रहे हैं."
ओलंपिक पदक विजेता और कांग्रेस नेता बजरंग पुनिया ने भी घायल छात्रों से मुलाकात की. उन्होंने कहा कि वे छात्रों के साथ हैं और विश्वविद्यालय प्रशासन से छात्रों की सभी मांगें मानने की मांग की है. पुनिया ने कहा कि राज्य सरकार को तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए और शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर हमले के लिए जिम्मेदार पाए गए विश्वविद्यालय के अधिकारियों को बर्खास्त करना चाहिए.