बीन्स लता वाले समूह का एक पौधा है. इसके पौधों पर निकलने वाली फलियां सेम या बीन्स कहलाती हैं जिन्हें सब्जी के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. इसकी फलियां अलग-अलग आकार की होती हैं जो देखने में पीली, सफेद और हरे रंग की होती हैं. बीन्स की मुलायम फलियां सब्जी के रूप में अधिक इस्तेमाल की जाती हैं. इसमें प्रोटीन, विटामिन और कार्बोहाइड्रेट की पर्याप्त मात्रा पाई जाती है. वहीं यह सब्जी कुपोषण को दूर करने में अधिक लाभकारी होती है. इसके अलावा किसान बीन्स के पौधों से हरी खाद भी बनाते है और पत्तियों को पशुओं के चारे के लिए उपयोग किया जाता है.
वहीं किसान इसकी खेती कर बेहतर मुनाफा भी कमा सकते हैं. अगर आप भी बीन्स की खेती करना चाहते हैं और उसकी उन्नत वैरायटी कोहिनूर 51-IUS का बीज मंगवाना चाहते हैं तो आप नीचे दी गई जानकारी की सहायता से बीन्स का बीज ऑनलाइन अपने घर पर मंगवा सकते हैं.
राष्ट्रीय बीज निगम (National Seeds Corporation) किसानों की सुविधा के लिए ऑनलाइन बीन्स की उन्नत किस्म कोहिनूर 51-IUS का बीज बेच रहा है. इस बीज को आप ओएनडीसी के ऑनलाइन स्टोर से खरीद सकते हैं. यहां किसानों को कई अन्य प्रकार की फसलों के बीज भी आसानी से मिल जाएंगे. किसान इसे ऑनलाइन ऑर्डर करके अपने घर पर डिलीवरी करवा सकते हैं.
बीन्स की कोहिनूर 51-IUS किस्म का फल हरे रंग का होता है. इसके फल अन्य किस्मों से लंबे होते हैं. इस बीन्स की बीज को लगाने के 48-58 दिनों के अंदर पहली तुड़ाई शुरु हो जाती है. वहीं ये किस्म 90 से 100 दिनों में पूरी तरह से तैयार हो जाती है. इस किस्म की खेती किसान तीनों सीजन यानी रबी, खरीफ और जायद में कर सकते हैं.
अगर आप भी बीन्स की कोहिनूर 51-IUS किस्म की खेती करना चाहते हैं तो इस किस्म के बीज का 500 ग्राम का पैकेट फिलहाल 42 फीसदी की छूट के साथ 550 रुपये में राष्ट्रीय बीज निगम की वेबसाइट पर मिल जाएगा. इसे खरीद कर आप आसानी से बीन्स की खेती कर सकते हैं.
भिंडी एक लोकप्रिय सब्जी है. सब्जियों में भिंडी का प्रमुख स्थान है जिसे लोग लेडी फिंगर या ओकरा के नाम से भी जानते हैं. भिंडी की अर्का अनामिका किस्म येलो वेन मोजेक विषाणु रोग से खुद का बचाव करने में सक्षम है. इसके पौधे की लंबाई 120-150 सेमी. तक होती है और इसमें कई शाखाएं भी होती हैं. इस किस्म की भिंडी के फलों में रोएं नहीं होते और वह मुलायम होती है. अगर आप भी भिंडी की इस किस्म की खेती करना चाहते हैं तो इसके बीज का 100 ग्राम का पैकेट मात्र 25 रुपये राष्ट्रीय बीज निगम के वेबसाइट पर मिल जाएगा.
मूली कच्ची सब्जी के रूप में इस्तेमाल करने के लिए उगाई जाती है. इसकी खेती कंद सब्जी के रूप में की जाती है. मूली की जापानी सफेद वैरायटी विदेशी है और पहाड़ी इलाकों में इसे अधिक उगाया जाता है. इसकी ख़ासियत यह है कि बुवाई के दो महीने बाद ही ये किस्म तैयार हो जाती है. इस मूली का स्वाद मीठा होता है और प्रति हेक्टेयर इसकी उत्पादन क्षमता औसतन 25 से 30 टन है. अगर आप भी इस किस्म की खेती करना चाहते हैं तो इस बीज का 100 ग्राम का पैकेट 30 रुपये में मिल जाएगा.