आजकल केले का भाव आसमान चढ़ा हुआ है. वह भी तब जब लोग नवरात्रि का उपवास रख रहे हैं. केले को फलाहार में लेते हैं और लोग फास्टिंग में इसका सेवन करते हैं. सेहत की दृष्टि से भी यह उत्तम माना जाता है. लेकिन आजकल इसका भाव 80 रुपये से 100 रुपये दर्जन तक पहुंच गया है. ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि अभी केले की मांग अधिक है जबकि सप्लाई कम है. डिमांड और सप्लाई में अंतर की वजह से दाम में आग लगे हैं. इसके अलावा दो प्रमुख वजह हैं जिससे केले के दाम बढ़े हैं. 1-बारिश से केले की फसल चौपट और 2-केले पर रोग का प्रभाव. इससे केले की पैदावार गिरी है.
बेमौसम बारिश के कारण केले की खेती को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा है. इसके चलते किसानों को भारी घाटा उठाना पड़ रहा है. केला उत्पादन वाले राज्यों में बारिश की वजह से फसलों पर बुरा असर पड़ा है. महाराष्ट्र, केरल, तमिलनाडु जैसे राज्यों में केले की सबसे अधिक खेती होती है. वहां इस साल कम उत्पादन की आशंका जताई जा रही है. वहीं त्योहारी सीजन होने की वजह से केले की अधिक डिमांड की वजह से भी केले के दाम बढ़ने की संभावना है. उत्पादन में कमी होने के कारण किसान परेशान हैं. वहीं कीमतों में बढ़ोतरी होने से लोगों के जेब पर भी असर पडेगा.
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इस बार केले की फसल को पनामा विल्ट रोग से बहुत नुकसान हुआ है. पनामा विल्ट रोग फुसैरियम विल्ट टीआर-2 नामक कवक से फैलता है. इससे केले के पौधों का बढ़वार रुक जाता है. इस रोग के कारण केले के पौधे की पत्तियां भूरी होकर गिर जाती हैं और तना भी सड़ने लगता है. केले के लिए यह एक बहुत ही खतरनाक बीमारी है जो केले की पूरी फसल को बर्बाद कर देती है. इस बार इस रोग से पैदावार गिरी है जिससे सप्लाई कम हुई है.
पनामा विल्ट रोग फंगस से होने वाली बीमारी है जो पिछले कुछ सालों में भारत के अलावा अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, ताइवान समेत दुनिया के कई देशों में देखी गई है. इस बीमारी ने वहां के किसानों की भी केले की फसल पूरी तरह बर्बाद कर दी. अब यह बीमारी कुछ सालों से देश के किसानों के लिए परेशानी का सबब बन गई है. इस बार इस बीमारी का बहुत बड़ा असर है जिससे दाम में उछाल है.