कांग्रेसी से भाजपाई बने प्रद्युम्न सिंह तोमर को ग्वलियर सीट से मिली जीत

कांग्रेसी से भाजपाई बने प्रद्युम्न सिंह तोमर को ग्वलियर सीट से मिली जीत

मध्य प्रदेश की राजनीति में प्रदुम सिंह तोमर का नाम भाजपा के कद्दावर नेता के रूप में लिया जाता है. 2023 विधान सभा चुनाव में उन्हें ग्वालियर सीट से जीत  मिली है. वे वर्तमान शिवराज सिंह चौहान मंत्रिमंडल में हुए ऊर्जा मंत्री भी है. मध्य प्रदेश के ग्वालियर सीट से चुनाव जीते हैं. 2008 से ही प्रवेश विधानसभा के सदस्य के रूप में काम किया है. तोमर को ज्योतिराज आदित्य सिंधिया के कट्टर समर्थक माने जाते है

Praduman singh tomarPraduman singh tomar
धर्मेंद्र सिंह
  • Lucknow ,
  • Dec 03, 2023,
  • Updated Dec 03, 2023, 12:16 PM IST

मध्य प्रदेश की राजनीति में प्रदुम सिंह तोमर का नाम भाजपा के कद्दावर नेता के रूप में लिया जाता है.  वर्तमान शिवराज सिंह चौहान मंत्रिमंडल में हुए ऊर्जा मंत्री भी है. मध्य प्रदेश के ग्वालियर सीट से चुनाव जीते हैं. फिलहाल विधानसभा चुनाव 2023 में भाजपा के ग्वालियर प्रत्याशी प्रदुम्न सिंह तोमर को जीत मिली है उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी सुनील शर्मा को चुनाव मैदान में 19140 मतो से हराया है. प्रदुम सिंह तोमर को ज्योतिराज आदित्य सिंधिया के कट्टर समर्थक माने जाते है. प्रदुम्न सिंह तोमर पहले कांग्रेसी थे. 2020 में उन्होंने कांग्रेस का दामन छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए.  इसके बाद  ज्योतिरादित्य सिंधिया के चलते उन्हें ग्वालियर की सीट चुनाव लड़ने का मौका मिला. 2020 में भी ग्वालियर सीट पर हुए उपचुनाव में प्रदुम्न सिंह तोमर ने कांग्रेस प्रत्याशी सुनील शर्मा को 33123 वोटो से हराया था. तोमर इस सीट पर तीन बार विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं. वही ग्वालियर सीट की बात करें तो पिछले 6 विधानसभा चुनाव में भाजपा चार बार और दो बार कांग्रेस ने जीत दर्ज की है.

प्रदुम सिंह तोमर का सियासी सफर

प्रद्युम्न सिंह तोमर का जन्म 1 जनवरी 1970 को हुआ है. ग्वालियर विधानसभा सीट से चुनाव जीतने के बाद 2020 में शिवराज सिंह सरकार में उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया. प्रद्युम्न सिंह तोमर ज्योतिरादित्य सिंधिया के कट्टर समर्थक हैं. इसके पहले भी माधवराव सिंधिया से 1984 से हुए जुड़े रहे हैं. प्रद्युम्न सिंह तोमर का राजनीतिक सफर 1984 से शुरू हुआ. 1990 से 2000 के बीच मध्य प्रदेश युवक कांग्रेस के सचिव और उपाध्यक्ष भी रहे. 2008 में उन्होंने भाजपा के जयभान सिंह पवैया को 2090 वोटो से हराया. इसके बाद 2013 में वह बीजेपी के जयभान सिंह पवैया से 15561 उसे हार गए. 2018 में उन्होंने फिर भाजपा के जयभान सिंह पवैया को 21000 से वोटो से हराकर जीत हासिल की. ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में शामिल होते ही वे भी 2020 में उन्होंने कांग्रेस का दामन छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए और उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया. विधानसभा चुनाव 2023 में भाजपा के ग्वालियर प्रत्याशी प्रदुम्न सिंह तोमर को 19140 मतो से जीत मिली है.

ग्वालियर विधानसभा सीट का राजनीतिक इतिहास

मध्य प्रदेश की ग्वालियर सीट सिंधिया परिवार का गढ़ माना जाता है. इस सीट पर सिंधिया परिवार का ही लंबे समय तक कब्जा  रहा है. ग्वालियर विधानसभा सीट के जातिगत समीकरण में ब्राह्मण, क्षत्रिय  मतदाताओं की संख्या लगभग बराबर है जबकि इस सीट पर मुस्लिम वैश्य और जाता मतदाता भी 15 से 20000 के करीब हैं यहां कुल मतदाताओं की संख्या 2 लाख 81 हजार है. ग्वालियर सीट की स्थिति बदलती रही है. यह कभी कांग्रेस तो कभी बीजेपी का कब्जा रहा है. फिलहाल 2030 विधानसभा चुनाव में ग्वालियर की सीट से भाजपा ने प्रदुम्न सिंह तोमर को अपना प्रत्याशी बनाया है तो इस सीट से कांग्रेस ने सुनील शर्मा को चुनाव मैदान में उतारा है. विधानसभा चुनाव 2023 में भाजपा के ग्वालियर प्रत्याशी प्रदुम्न सिंह तोमर को जीत मिली है. उन्हें कुल 104775 मत मिले थे जबकि उनके सामने कांग्रेस प्रत्याशी सुनील शर्मा को केवल 85635 मत मिले है. इस तरह  प्रदुम्न सिंह तोमर को 19140 मतो से जीत मिली है.

 

 

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