जम्मू-कश्मीर में इन दिनों खूब बर्फबारी हो रही है. ऐसे मौसम में फसलों और पालतू पशुओं का खास ध्यान रखना पड़ता है. ताकि किसानों को नुकसान नहीं हो. इसे लेकर आईएमडी की तरफ से कृषि सलाह जारी की गई है. इनका पालन करते हुए किसान अपने फसलों को नुकसान से बचा सकते हैं. पशुओं के लिए जारी सलाह में कहा गया है कि इस वक्त ठंड के मौसम को देखते हुए और सुबह और शाम के समय पशुओं को बाहर ले जाने से बचना चाहिए. ताकि उन्हें ठंड से बचाया जा सके. पशुओं को पीने के लिए गुनगुना पानी दे या फिर सामान्य तापमान का पानी पीने के लिए दें. इसके अलावा पशुओं को खाने के लिए भूमिगत सब्जियां जैसे शलजम, गाजर या मूली दें. पशुओं को देने से पहले इसे छोटे-छोटे टुकड़ो में काट दें.
पशुओं को ठंड से बचाव के लिए उनके रहने वाले कमरों में उचित तापमान बनाए रखें साथ ही अगर कमरे को गर्म करने के लिए आग जलाते हैं तो कमरे से धुएं को बाहर निकालने की पूरी व्यवस्था करें. पशुओं को ऐसे ठंड के मौसम में एसिडोसिस की समस्या हो सकती है. इसके रोकथाम के लिए पशुओं के आहार में भोजन देना बंद कर दें या कम कर दें. इससे उन्हें राहत मिलेगी.नवजात बच्चों में इस दौरान ठंड लगने के कारण संक्रमण हो सकता है.इससे उन्हें बचाने के लिए गर्म और आरामदायक माहौल प्रदान करें. पशु पालन से संबंधित यह सलाह भेड़ और बकरियों के संबंध में जारी की गई थी. इसके साथ ही पॉल्ट्री मुर्गियों के लिए भी सलाह जारी किया गया है.
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पॉल्ट्री मुर्गियों को लेकर जारी किए गए सलाह में कहा गया है कि पॉल्ट्री शेडों में ब्रूडिंग के लिए उचित तापमान बनाए रखें. सलाह के अनुसार पहले सप्ताह से लेकर आखिरी सप्ताह तक इस तरह से तापमान का पालन करें.
इसके अलावा मुर्गियों को टीकारण करने के लिए बनाए गए उचित नियमों का पालन करें. उनके रहने वाले शेड को अच्छी तरह गर्म और हवादार रखें. साथ ही जिस जगह पर वो बैठते हैं उसे गर्म रखने के लिए लकड़ी का चूरा, छीलन, कटा हुआ भूसा या सूखे पत्ते का बेड के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके साथ ही पूरक आहार के तौर पर शाम के तौर पर उन्हें एक मुट्ठी अनाज का मिश्रन खाने के लिए दें. जो मुर्गियां बड़ी हो गई हैं उन्हें कृमि मुक्त करने की दवा देने की सलाह दी जाती है.
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मधुमक्खी पालन को लेकर जारी किए गए सलाह में कहा गया है कि उनके समूह में मक्खियों की संख्या अधिक करें. अधिक मक्खियों की संख्या रहने से उन्हें ठंड से बचने से राहत मिल सकती है. इसके साथ ही ठंड के समय में मधुमक्खियों को खाने के लिए मिश्री उपलब्ध कराएं. इस तरह के उपायों को अपना कर शहद का उत्पादन बढ़ाया जा सकता है.