किसान परिवार का हिस्सा बनेंगे कृषि के छात्र, खेतों में जाकर किसानों के साथ करेंगे खेती

किसान परिवार का हिस्सा बनेंगे कृषि के छात्र, खेतों में जाकर किसानों के साथ करेंगे खेती

बीएससी कृषि फाइनल ईयर में 6 माह का रुरल एग्रीकल्चर एक्सपीरियंस लर्निंग (रावे) प्रोग्राम कोर्स में शामिल होता है. ग्रामीण कृषि कार्य अनुभव कार्यक्रम अंतिम वर्ष की एक प्रमुख गतिविधि है. जिसका उद्देश्य छात्रों को कृषि और ग्रामीण विकास में वर्तमान में उभरते अवसरों और चुनौतियों से अवगत कराया जाना है.

कृषि विश्वविद्यालय कृषि विश्वविद्यालय
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Aug 23, 2024,
  • Updated Aug 23, 2024, 10:43 AM IST

कृषि विश्वविद्यालय में पढ़ाई करने वाले विद्यार्थी अब सिर्फ किताब और यूनिवर्सिटी में रहकर पढ़ाई नहीं करेंगे, बल्कि खेत में उतर कर किसान कैसे खेती करता है, किसान को खेती करने में क्या समस्या आती है, इन सभी चीजों को जानेंगे. ताकि खेती को लेकर इनकी समझ में और अधिक विस्तार हो सके. इसे आगे बढ़ाने के लिए अब कृषि की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थी किसान परिवार का हिस्सा बनेंगे. इससे किसानों और छात्रों दोनों को ही फायदा होगा. किसान परिवार के साथ रहने के दौरान किसान के खेत में अगर फसल उत्पादन में किसी प्रकार की परेशानी होती है छात्र उन्हें सुझाव देंगे.फसलों में रोग लगने पर उपचार करने के साथ बीज बोने का सही तरीका भी बताएंगे। इसके लिए कृषि विवि द्वारा विद्यार्थियों को प्रति माह 3 हजार रुपए दिए जाएंगे. 

दर असल, बीएससी कृषि फाइनल ईयर में 6 माह का रुरल एग्रीकल्चर एक्सपीरियंस लर्निंग (रावे) प्रोग्राम कोर्स में शामिल होता है. ग्रामीण कृषि कार्य अनुभव कार्यक्रम अंतिम वर्ष की एक प्रमुख गतिविधि है. जिसका उद्देश्य छात्रों को कृषि और ग्रामीण विकास में वर्तमान में उभरते अवसरों और चुनौतियों से अवगत कराया जाना है. जिसके तहत स्टूडेट्स किताबी ज्ञान के अलावा ग्राउंड लेवल पर प्रेक्टिकल नॉलेज हासिल करते हैं. किसान के खेतों में कैसे फसल उत्पादन होता है, इंडस्ट्रीज में कृषि उत्पादों का निर्माण किस तरह और किस विधि और मशीनरी से होता है, यह सब सीखने को मिलता है. 

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यह सीखेंगे विद्यार्थी 

जानकारी के अनुसार रावे कार्यक्रम को आठ मॉड्यूल में बांटा गया है, जिसके माध्यम से छात्रों को फार्म प्लानिंग, वाटरशेड डेवलपमेंट प्रोग्राम, एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट प्रोग्राम, रिसर्च स्टेशन, केवीके प्रशिक्षण और विलेज स्टे करवाकर इन रणनीतिक क्षेत्रों का व्यावहारिक अनुभव दिलाया जाएगा.  ग्रामीण प्रवास के दौरान, छात्र ग्रामीण परिवारों के साथ रहते हैं. प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त करने के अलावा, रावे मॉड्यूल छात्रों की मानसिकता, दृष्टिकोण, व्यक्तित्व लक्षण, प्रबंधकीय और उद्यमशीलता कौशल में सकारात्मक बदलाव लाने में सहायक साबित होता हैं.

20 सप्ताह का है रावे प्रोग्राम 

कृषि विवि में स्टूडेंट वेलफेयर डायरेक्टर डॉ. मूलचंद जैन ने बताया कि यूजी फाइनल ईयर के 7वां सेमेस्टर ग्रामीण सेक्टर में कार्य अनुभव का होता है. इसे रावे प्रोग्राम कहा जाता है. 6 माह के इस सेमेस्टर को 20 सप्ताह में बांटा गया है. जिसके तहत प्रथम सप्ताह ऑरियंटेशन होता है. जिसमें विद्यार्थियों को रावे के तहत किस तरह कार्य करना होता है, इसकी पूरी जानकारी दी जाती है. इसके बाद 5 सप्ताह तक विद्यार्थियों को कृषि वैज्ञानिकों द्वारा प्रशिक्षण दिया जाता है. फिर 8 सप्ताह के लिए प्रत्येक विद्यार्थियों को गांवों में भेजा जाता है. जहां किसानों के साथ खेती-किसानी सीखते हैं. इसके बाद 2 सप्ताह प्लांट क्लिनिक, 3 सप्ताह इंडस्ट्री विजिट करवाई जाती है. जिसमें छात्र कृषि उत्पाद कैसे बनाए जाते हैं, किन बातों का ख्याल रखा जाता है, क्या मशीनरी उपयोग में होती है, सहित प्रेक्टिकल नॉलेज सीखते हैं. आखिरी में सम्पूर्ण गतिविधियों की रिपोर्ट तैयार करने के लिए 1 सप्ताह का समय दिया जाता है.

विद्यार्थियों को ट्रेनिंग दे रहे कृषि वैज्ञानिक 

रुरल एग्रीकल्चर एक्सपीरियंस लर्निंग (रावे) प्रोग्राम के तहत करीब 60 विद्यार्थियों को केवीके में कृषि वैज्ञानिकों द्वारा ट्रेनिंग दी जा रही है, जो 5 सप्ताह तक जारी रहेगी. इस दौरान विद्यार्थी वहां आने वाले किसानों की समस्याओं का वैज्ञानिक द्वारा किस तरह समाधान किया जा रहा, रोग ग्रस्त फसलों का उपचार, खेतों में बीजारोपण सहित अन्य कार्य प्रेक्टिकली सीख रहे हैं. जिससे उनके ज्ञान-कौशल में वृद्धि होगी

आठ सप्ताह किसानों के साथ रहेंगे विद्यार्थी

कृषि महाविद्यालय उम्मेदगंज के विद्यार्थियों को केवीके में प्रशिक्षण देने के बाद विभिन्न गांवों में भेज दिया जाएगा.  जहां पर वो छात्र किसानों के साथ रहेंगे. उनके साथ रहकर छात्र कृषि की बारीकियों को सीख और समझ पाएंगे साथ ही किसानों को खेती में सुधारे कि लिए सुझाव भी देंगे.

प्रत्येक विद्यार्थी को मिलेंगे 18 हजार रुपए

कृषि विवि द्वारा विद्यार्थियों को 3 हजार रुपए प्रतिमाह 6 माह तक दिए जाएंगे, ताकि वे अपना खर्चा उठा सके. इस दौरान विद्यार्थियों को 2 सप्ताह प्लांट क्लिनिक में भी फसलों में कीड़े लगने, रोग से ग्रसित बीजों का उपचार करना सीखाया जाएगा. जिससे उनमें व्यवहारिक ज्ञान के साथ प्रैक्टिकल ज्ञान भी मजबूत होगा.

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तीन सप्ताह इंडस्ट्री में सीखेंगे प्रोडक्शन प्रोसेसिंग

रावे के तहत विद्यार्थियों को तीन सप्ताह तक कृषि इंडस्ट्री की विजिट करवाई जाएगी. 5 से 8 विद्यार्थियों का ग्रुप बनाकर कृषि उत्पाद बनाने वाली इंडस्ट्रीज में भेजा जाएगा. इनमें बीज उत्पादन, प्रोसेसिंग, डेयरी प्रोडेक्शन, टमाटर कैचअप, वग्री कम्पोस्ट, यूरिया निर्माण सहित कई अन्य प्रोडेक्शन निर्माण, मशीनरी, चुनौतियां, अवसर सहित अन्य कार्य प्रत्यक्षरूप से सीखेंगे.  कृषि महाविद्यालय उम्मेदगंज के यूजी फाइनल ईयर के विद्यार्थियों को रुरल एग्रीकल्चर एक्सपीरियंस लर्निंग (रावे) प्रोग्राम के तहत 20 सप्ताह की फिल्ड ट्रैनिंग दी जा रही है. प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त करने से छात्रों की मानसिकता, दृष्टिकोण, व्यक्तित्व, प्रबंधकीय और उद्यमशीलता कौशल में सकारात्मक बदलाव आएगा. साथ ही प्रायोगिक ज्ञान और कौशल में बढ़ोतरी होगी.
 

 

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