चीन के हांगजोऊ में आयोजित 19वें एशियन गेम्स में इस बार भारतीय खिलाड़ियों का दबदबा दिख रहा है. भारत की झोली में लगातार कई मेडल्स आ रहे हैं. इसी क्रम में देश को एक किसान के बेटे ने भी स्वर्ण पदक दिलाया है. मध्यप्रदेश के खरगौन के ऐश्वर्य प्रताप सिंह ने यह सफलता हासिल की है. सोमवार को उन्होंने 10 मीटर एयर राइफल प्रतिस्पर्द्धा मेंयह उपलब्धि हासिल की है.
एशियन गेम्स 2023 में खरगौन जिला मुख्यालय से 70 किलोमीटर रतनपुर गांव के रहने वाले ऐश्वर्य प्रताप सिंह के घर में खुशी का माहौल में. जीत की खूशी में मिठाईंया बांटी जा रही है. गांव और आस-पास के रहने वाले लोग घर में आकर ऐश्वर्य के माता पिता को जीत की बधाई दे रहे हैं. गांव में उत्सव जैसा माहौल है. अपने पिताजी वीर बहादुर सिंह से फोन पर बात करते हुए ऐश्वर्य प्रताप सिंह ने कहा कि अंतराष्ट्रीय स्तर पर गांव और जिले का नाम रौशन करना उसका लक्ष्य है.
जैसे ही रतनपुर गांव के लाल ऐश्वर्य प्रताप सिंह चीन के हांगजोऊ से स्वर्ण पदक जीतने की खबर मिली उसके बाद से लोग ऐश्वर्य के घर में बधाई देने के लिए पहुंचने लगे. लोगों ने माला पहनाकर उनके पिता को सम्मानित किया. इस खबर के मिलने के बाद पूरे गांव में उत्सव का माहौल और बस ऐश्वर्य की ही चर्चा है. वहीं ऐश्वर्य का अलग टार्गेट 2024 के ओलिंपिक में गोल्ड मेडल जीतने का है.
एशियन गेम्स में 10 मीटर एयर राइफल टीम इवेंट में ऐश्वर्य प्रताप सिंह, रुद्राक्ष बालासाहेब पाटिल और दिव्यांश सिंह पंवार की तिकड़ी ने यह गोल्ड जीता है. इस जीत से उत्साहित ऐश्वर्य प्रताप सिंह के पिता वीर बहादुर सिंह ने कहा कि बचपन से ही उनके बेटे को शूटिंग का शौक था. जब भी वो अपने बेटे को लेकर शिव जी के मेले में जाते थे तब वो सिर्फ बंदूक से गुब्बारे फोड़ने वाले खेल खेलने की ही जिद करता था. उसी समय से शूटिंग के प्रति उसकी रुचि जगी और इसे देखते हुए उसे हमने इसी क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए कार्य किया.
ऐश्वर्य प्रताप सिंह मध्यप्रदेश के खरगौन जिला अंतर्गत झिरन्या तहसील के रतनपुरा गांव के रहने वाले हैं. यह गांव खरगौन जिला मुख्यालय से 70 किलोमीटर की दूरी पर है. ऐश्वर्य प्रताप सिंह ने कहा कि बचपन से ही उनका सपना है कि वो अपने गांव, तहसील और जिला का नाम अंतराष्ट्रीय स्तर पर रौशन करें. आज उन्होंने गोल्ड जीतकर यह कर दिखाया है. आगे उनकी नजरें ओलिंपिक 2024 पर है. इधर पीएम मोदी ने भी एक्स के जरिए ऐश्वर्य को जीत की बधाई दी है.
किसान परिवार के ऐश्वर्य ने खरगोन के एक निजी विद्यालय में पढ़ाई की है. बचपन से खिलौनों में पिस्टल और राइफल पसंद करने वाले प्रतिभावान खिलाड़ी ऐश्वर्य ने शूटिंग को ही अपना उद्देश्य बनाया. एशियन गेम्स में मेडल जीतने के के अलावा ऐश्वर्य के नाम पर 13 मेडल इंटरनेशनल स्तर पर और 42 मेडल नेशनल लेवल के हैं. देश की रैंकिग में टॉप पर रहने वाले ऐश्वर्य चाहते हैं कि वर्ल्ड रैंकिग में भी टॉप पर रहें.
ऐश्वर्य के बचपन की बात साझा करते हुए उनके पिताजी ने बताया कि शूटिंगके लिए ऐश्वर्य के लगन और शौक को देखते हुए बचपन में उन्होंने छर्रे वाली बंदूक लाकर दी थी. उसे इस खेल में आगे बढ़ने के लिए हमने उसे पूरी तरह से साथ दिया और प्रोत्साहित किया. बचपन से ही इस खेल में आगे जाने के लिए वो बहुत मेहनत करता था. इसी का परिणाम है कि आज ऐश्वर्य के नाम पर कई सारे मेडल हैं और उसने एशियन गेम्स में देश का नाम रौशन किया है.