हरियाणा के रोहतक और आसपास के इलाके में देर शाम हो हुई बारिश ने किसानों की एक बार फिर से परेशानी बढ़ा दी है. मार्च और अप्रैल माह में हुई बेमौसमी बारिश के कारण पहले ही किसानों की गेहूं और सरसों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है. अब बारिश से मंडी और खेत में रखी गेहूं की फसल भीग गई है. रोहतक की अनाज मंडी की बात करें तो खुले आसमान के नीचे लाखों क्विंटल गेहूं पड़ा हुआ है. वहीं, बारिश की वजह से किसानों से गेहूं की खरीद लेट शुरू हुई है. हरियाणा सरकार ने भले ही एक अप्रैल से गेहूं की खरीद शुरू कर दी थी, मगर बेमौसमी बारिश और ओलावृष्टि की वजह से गेहूं की कटाई इस बार देरी से हुई और 10 अप्रैल तक गेहूं में नमी की मात्रा ज्यादा होने के कारण सरकार ने एक भी दाने की खरीद नहीं की.
अब गेहूं की आवक मंडियों में तेज हो चुकी है. मंडी में समय पर उठान नहीं होने से मंडियों में पैर रखने तक की जगह नहीं है. बीते दिन हुई बारिश ने किसानों की चिंताएं और बढ़ा दी है. नमी के कारण फिर से उन्हें गेहूं बेचने के लिए एक-दो दिन का इंतजार करना पड़ेगा और जो गेहूं की पेमेंट है उसमें भी देरी होगी.
किसानों का आरोप है सरकार खोखले दावे कर रही है. सरकार कहती है कि किसानों को कोई दिक्कत नहीं आने दी जाएगी. लेकिन मंडी में उठान नहीं होने के कारण उनका गेहूं मंडी और खेत में भीग गया है. वहीं खरीद के बाद 72 घंटे में किसानों की पेमेंट हो जायेगी यह भी झूठ है. किसानों को फसल बेचे कई दिन हो गए हैं, मगर अब तक कोई पेमेंट नहीं हुई है. इसके अलावा, बेमौसमी बारिश की वजह से गेहूं की फसल खराब हुई उसकी भी कोई गांव में गिरदावरी करने नहीं आया है. पिछले साल का भी गेहूं खराबे का मुआवजा अब तक नहीं मिला है.
इसे भी पढ़ें- बुलाने पर भी नहीं आ रहे किसान, हापुड़ में गेहूं खरीद केंद्र 20 दिन बाद भी सूने
आपको एक मंडी का हाल बताया गया है. रोहतक में तीन बड़ी अनाज मंडियां हैं, जबकि 6 गेहूं खरीद केंद्र हैं. गेहूं खरीद केंद्रों में कोई व्यवस्था नहीं होने के कारण किसान कच्चे खेत सड़क पर गेहूं डाल रहे हैं. बारिश की वजह से वहां क्या हाल हो गया होगा और किसानों को क्या दुर्गति हुई होगी आप सोच सकते हैं.