क‍िसान आंदोलन में जान गंवाने वाले क‍िसानों की याद में बनाए जा रहे गुरुद्वारे पर विवाद, निर्माण का काम रोका

क‍िसान आंदोलन में जान गंवाने वाले क‍िसानों की याद में बनाए जा रहे गुरुद्वारे पर विवाद, निर्माण का काम रोका

सरपंच प्रतिनिधि अरुण कुमार का कहना है कि हमें सूचना मिली थी कि गांव के एक किसान की जमीन पर गुरुद्वारा का न‍िर्माण हो रहा है. लेकिन निर्माण करने वालों के पास अभी पूरे कागजात नहीं हैं. जिसके चलते हमने इसका निर्माण कार्य रुकवा दिया हैकागजात पूरा होने पर निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा. 

 ग्रामीणों ने रोका गुरुद्वारे का निर्माण कार्य ग्रामीणों ने रोका गुरुद्वारे का निर्माण कार्य
पवन राठी
  • Sonipat,
  • Sep 27, 2023,
  • Updated Sep 27, 2023, 3:52 PM IST

किसान आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों की याद में बनाए जा रहे गुरुद्वारे के निर्माण को ग्रामीणों और जिला प्रशासन ने रुकवा द‍िया है. सोनीपत के बड़ी गांव में बाबा अमरीक सिंह पटियाला वाले यह गुरद्वारा बनवा रहे थे. केंद्र सरकार द्वारा किसानों के लिए लाए गए तीन कृषि कानून के विरोध में किसानों ने दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर एक साल से लंबा आंदोलन क‍िया था. आखिरकार किसानों के आंदोलन के सामने सरकार झुकी और तीनों कृषि कानून वापस ले लिए. लेकिन क‍िसान नेताओं का आरोप है क‍ि इस किसान आंदोलन के दौरान करीब 750 किसानों ने दिल्ली की सीमाओं पर आपनी जान गवां दी. उन्हें शहीद का दर्जा देने की मांग उठी. हालांक‍ि, सरकार ने यह बात कभी स्वीकार नहीं की. 

किसान नेताओं ने आंदोलन खत्म होने पर दिल्ली के कुंडली सिंधु बॉर्डर पर उन्हीं क‍िसानों की याद में गुरुद्वारा बनाने का ऐलान किया था, जिसका निर्माण कार्य सोनीपत के बड़ी गांव में शुरू किया गया, जिसे अब जिला प्रशासन व ग्रामीणों ने रोक दिया है. संयुक्त किसान मोर्चा के युवा किसान नेता अभिमन्यु सिंह का कहना है कि किसानों ने दिल्ली की सीमाओं अपनी मांगों को लेकर आंदोलन एक साल से ज्यादा समय तक लड़ा. इस दौरान 750 किसानों की जान गई, जिनकी याद में बाबा अमरीक सिंह पटियाला वाले एक गुरुद्वारा एक गुरु घर बनाने जा रहे हैं. इसके लिए जमीन सोनीपत के गांव बड़ी में ली गई है. अभी जितने भी जरुरी कागजात है उनको पूरा किया जा रहा है. अभी हम वहा एक बड़ी बैठक भी बुलाने जा रहे हैं. 

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क्या है पूरा मामला? 

तीन कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन 01 साल से ज्यादा समय चला. किसानों से जुड़े अन्य मुद्दों को लेकर दिल्ली बॉर्डर पर चल रहा किसान आंदोलन रिकॉर्ड 378 दिन बाद स्थगित हुआ था. गुरु नानक जयंती के अवसर पर 19 नवंबर को पीएम मोदी ने खुद तीनों कृषि कानून की वापसी की घोषणा कर दी थी. लेक‍िन, देश के सबसे बड़े आंदोलन में 750 किसानों ने अपनी जान गंवाई थी. इन्हें मुआवजा देने का मुद्दा भी उठा था. लेक‍िन मुआवजा नहीं म‍िला. 

अब गुरुद्वारा बनाने से रोका 

इसके बाद पंजाब से आए हुए किसान नेताओं और संगठनों ने जान गंवाने वाले क‍िसानों की याद में दिल्ली की सीमा पर एक गुरुद्वारा बनाने का ऐलान किया था. जिसको लेकर सोनीपत के गांव बड़ी में जमीन भी बाबा अमरीक सिंह पटियाला वाले द्वारा ले ली गई थी. जिस पर अब गुरुद्वारा निर्माण कार्य शुरू हो चुका था. लेकिन जिला प्रशासन व ग्रामीणों ने इसके निर्माण को रुकवा दिया है. सरपंच प्रतिनिधि अरुण कुमार का कहना है कि हमें सूचना मिली थी कि गांव के एक किसान की जमीन पर गुरुद्वारा का न‍िर्माण हो रहा है. लेकिन निर्माण करने वालों के पास अभी पूरे कागजात नहीं हैं. जिसके चलते हमने इसका निर्माण कार्य रुकवा दिया है. अगर वह अपने सभी कागजात सरकार से पूरा करवा लेते हैं तो हम दोबारा से निर्माण कार्य शुरू होने देंगे.

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