राष्ट्रीय किसान दिवस के अवसर पर, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को घोषणा की कि राज्य में 50,000 पॉली हाउस बनाए जाएंगे. मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) के मुताबिक, ये सभी पॉली हाउस नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट (नाबार्ड) की मदद से बनाए जाएंगे. वही प्रदेश में दो साल के अंदर इन सभी पॉली हाउस का निर्माण किया जाएगा.
इसके अलावा, राज्य में किसानों की आय बढ़ाने के लिए राज्य के चार मैदानी जिलों-देहरादून, हरिद्वार, उधमसिंहनगर और नैनीताल में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से उपभोक्ताओं को मंडुआ दिया जायेगा. इसके लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 10 हजार मीट्रिक टन मंडुआ खरीदा जाएगा. इससे किसानों की आय बढ़ेगी. सीएमओ के बयान में कहा गया है कि मोटे अनाज को भी बढ़ावा मिलेगा. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य में किसानों की आय दोगुनी करने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है.
पॉली हाउस में खेती (Polyhouse Farming) को ग्रीनहाउस खेती के नाम से भी जाना जाता है. पॉली हाउस एक प्रकार की ढंकी हुई संरचना होती है, जिसमें बेमौसमी या मौसमी सब्जियों से लेकर फूलों तक का उत्पादन प्लास्टिक की छत के नीचे किया जा सकता है. वहीं पॉलीहाउस की संरचना स्टील की मदद से बनाई जाती है जिसे प्लास्टिक की शीट या हरी नेट से ढक दिया जाता है.
पॉली हाउस में खेती करने के कई फायदे हैं-
• फसल को कम पानी, कम कीटनाशकों और कम रसायनों के छिड़काव से नियंत्रित वातावरण में आसानी से उगाया जा सकता है.
• बेमौसमी फसलों की खेती आसानी से की जा सकती है.
• फसल में रोग और कीट बहुत कम लगते हैं.
• जलवायु में बदलाव फसलों की वृद्धि को प्रभावित नहीं करती है.
• उत्पाद की गुणवत्ता उत्तम होती है.
किसान पॉली हाउस में फल जैसे- पपीता, स्ट्रॉबेरी आदि. सब्जियां- करेला, पत्ता गोभी, शिमला मिर्च, रंगीन शिमला मिर्च, फूलगोभी, मिर्च, धनिया, भिंडी, प्याज, मूली, पालक, टमाटर आदि. फूल- कार्नेशन, गुलदाउदी, जरबेरा, ग्लेडियोलस, गेंदा, आर्किड, गुलाब आदि की खेती आसानी से कर सकते हैं.