पिछले तीन साल से गेहूं खरीद में बुरी तरह पिछड़ने के बाद राजस्थान खाद्य विभाग ने इस साल नई व्यवस्था की है. गेहूं बेचने के लिए किसानों के पंजीकरण का काम शुरू हो चुका है, इस बार गेहूं खरीद अप्रैल की बजाय मार्च में शुरू करने की तैयारी की जा रही है. इससे गेहूं की फसल तैयार होने से पहले ही क्रय केंद्रों पर खरीद की सभी व्यवस्थाएं पूरी कर ली जाएंगी.
कमीशन एजेंट सरकार द्वारा निर्धारित दर से अधिक कीमत देकर किसानों से गेहूं खरीदते हैं. इस बार सरकार ने गेहूं का प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य 2275 रुपये निर्धारित किया है. पिछले साल समर्थन मूल्य 2125 रुपये तय किया गया था. अधिकारियों को उम्मीद है कि इस बार अधिक किसान गेहूं बेचने के लिए क्रय केंद्रों पर पहुंचेंगे. बिना पंजीकरण के किसान क्रय केंद्रों पर गेहूं नहीं बेच सकते. इसे देखते हुए सभी क्रय केंद्र प्रभारियों को प्रतिदिन कम से कम 10 किसानों का पंजीकरण करने का लक्ष्य दिया गया है. वहीं आपको बता दें कि गेहूं कि खरीद के लिए इस तारीख तक करवा सकते हैं रजिस्ट्रेशन. 10 पॉइंट में समझें पूरी बातें.
इस साल सरकार द्वारा एमएसपी गेहूं खरीद प्रक्रिया के लिए कुछ नए नियम बनाए गए हैं. इनके आधार पर किसानों का पंजीकरण किया जाएगा. गेहूं का पंजीयन फसल, गिरदावरी में दर्ज रकबा और भू-अभिलेख में दर्ज किसान के नाम के आधार पर किया जाएगा. पंजीयन से पहले किसान भाई गिरदावरी की जानकारी का मिलान एमपी किसान एप से कर लें. किसी भी प्रकार की त्रुटि होने पर पंजीयन से पूर्व राजस्व विभाग से गिरदावरी में आवश्यक सुधार करा लें.
किसान के पास जमीन के कागज की फोटो कॉपी, आधार कार्ड, बैंक खाता पासबुक, बैंक खाते से जुड़ा आधार कार्ड होना चाहिए. अगर आधार कार्ड लिंक नहीं है तो भुगतान अटक सकता है. रजिस्ट्रेशन के लिए जमीन के रिकॉर्ड में दर्ज खाता, खसरा और आधार कार्ड का मिलान करना जरूरी है. किसी भी गलत जानकारी की स्थिति में सुधार तहसील कार्यालय में किया जाएगा.