श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाता है. रक्षाबंधन का पर्व भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक है. इस दिन बहनें अपने भाई को राखी बांधती हैं और भाई, बहन को रक्षा का वचन देते हैं. इस साल रक्षाबंधन पर्व 19 अगस्त यानी कल है. इस वर्ष श्रावण की पूर्णिमा तिथि 19 अगस्त की सुबह 3 बजकर 04 मिनट से आरंभ होगी और रात 11 बजकर 55 मिनट पर समाप्त होगी.
19 अगस्त के दिन रक्षाबंधन पर भद्रा काल का साया रहेगा. ज्योतिषियों का मानना है कि भद्रा में शुभ कार्य नहीं किए जाने चाहिए. इसलिए इस काल को राखी बांधने के लिए अच्छा नहीं माना जाता है. हालांकि, ज्योतिषियों के अनुसार, इस साल रक्षाबंधन के दिन चार शुभ योग भी बन रहे हैं. इस दिन शुभ योग तो बनेंगे ही, वहीं साथ में कुछ अबुझ मुहूर्त भी होंगे. इन मुहूर्तों में रक्षाबंधन मनाना शुभ माना जाता है.
विजय मुहूर्त - यह मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 35 मिनट पर शुरू होगा, जो 3 बजकर 27 मिनट तक रहेगा.
गोधूली मुहूर्त - यह मुहूर्त शाम 6 बजकर 56 मिनट से शुरू होकर 7 बजकर 18 मिनट पर समाप्त होगा.
सायाह्न संध्या मुहूर्त - यह मुहूर्त शाम 6 बजकर 56 मिनट से आरंभ होगा, जो रात 8 बजकर 02 मिनट तक रहेगा.
अमृत काल - यह मुहूर्त रात 8 बजकर 24 मिनट से शुरू होगा जो रात्रि 9 बजकर 50 मिनट तक रहेगा.
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रक्षाबंधन पर ये दो शुभ मुहूर्त रहने वाले हैं. इन मुहूर्तों के दौरान भाई की कलाई पर राखी बांध सकती है. पहला शुभ मुहूर्त दोपहर 01 बजकर 46 मिनट से शुरू होगा, जो शाम 04 बजकर 19 मिनट तक ही रहेगा. यानी कुल 2 घंटे 33 मिनट यह मुहूर्त चलेगा.
दूसरा शुभ मुहूर्त शाम के समय प्रदोष काल में रहेगा. इस समय भी भाई की कलाई पर राखी बांधी जा सकती है. यह शाम 06 बजकर 56 मिनट से शुरू होकर रात्रि 09 बजकर 07 मिनट तक रहेगा.
इस बार रक्षाबंधन पर कुल चार शुभ योग बनने जा रहे हैं. 19 अगस्त को सर्वार्थ सिद्धि योग, शोभन योग, रवि योग और श्रवण नक्षत्र का अनूठा संयोग बन रहा है. सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 5 बजकर 53 मिनट से शुरू होगा, जो 8 बजकर 10 मिनट पर समाप्त होगा. वहीं, शोभन योग सुबह 04 बजकर 28 मिनट से शुरू होकर 20 अगस्त की रात 12 बजकर 47 मिनट पर समाप्त होगा.
ज्योतिषाचार्यों की माने तो 19 अगस्त की रात्रि 2 बजकर 21 मिनट पर भद्रा काल शुरू हो जाएगा. यह सुबह 09 बजकर 51 मिनट से शुरू होकर 10 बजकर 53 मिनट तक पर भद्रा पूंछ रहेगा. बाद में दोपहर 12 बजकर 37 मिनट तक भद्रा मुख रहेगा. भद्रा काल दोपहर 1 बजकर 30 पर समाप्त होगा. ज्योतिष शास्त्रों में भद्रा काल को अशुभ माना गया है. 19 अगस्त को दोपहर 1 बजकर 21 मिनट के बाद से राखी बांधी जा सकती है.