सीफूड एक्सपोर्ट्स के लिए एक और बड़ी खबर है. चीन के बाद यह खबर खाड़ी देश कतर से आई है. मरीन प्रोडक्ट एक्सपोर्ट अथॉरिटी (एमपीडा) और एक्सपोर्ट इंस्पेक्शन काउंसिल (ईआईसी) की कोशिशों के चलते कतर ने कुछ भारतीय सीफूड एक्सपोर्ट्स पर लगा बैन हटा लिया है. फीफा वर्ल्डं कप के दौरान सीफूड एक्सपोर्ट्स पर यह बैन लगा था. एमपीडा के चेयरमैन डीवी स्वामी का कहना है कि इस बैन के हटने से एक्सपोर्ट होने वाले सीफूड की मात्रा बढ़ जाएगी, जिसका बड़ा फायदा मिलेगा. गौरतलब रहे चीन ने भी हाल ही में 99 सीफूड एक्सपोर्ट्स पर लगा बैन हटाया था.
केंद्रीय राज्य मंत्री वाणिज्य और उद्योग अनुप्रिया पटेल का कहना है कि समुद्री उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण द्वारा इस वर्ष की दूसरी छमाही में दिल्ली में जी-20 देशों के बीच सीफूड के लिए नियमों के सामंजस्य पर एक सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा. जो भारत के जी-20 प्रेसीडेंसी के संबंध में आयोजित कार्यक्रमों की श्रृंखला का हिस्सा होगा.
एमपीडा के चेयरमैन डीवी स्वामी ने किसान तक को बताया कि फीफा वर्ल्ड कप के दौरान भारत से कतर को बड़ी मात्रा में सीफूड एक्सपोर्ट किया गया था. इस दौरान कतर का कहना था कि विब्रियो हैजा (Vibrio Cholera) के चलते वो कुछ भारतीय सीफूड एक्सपोर्ट्स को बैन कर रहा है. यह बैन लगने के बाद से ही एमपीडा और ईआईसी सक्रिय हो गए थे.
इस मामले की पैरवी की. इस मामले में कतर में भारतीय दूतावास की मदद भी ली गई. जिसके बाद कतर के सामने सारे हालात आने के बाद इस बैन को हटा लिया गया है. यह भारत के लिए बड़ी बात है. अब एक बार फिर खाड़ी देश कतर में भारतीय सीफूड के एक्सपोर्ट की मात्रा बढ़ जाएगी. एमपीडा लगातार इस तरह के केस पर नजर बनाए हुए हैं.
अनुप्रिया पटेल ने जानकारी देते हुए बताया है कि भारत 100 से अधिक देशों को गुणवत्तापूर्ण समुद्री भोजन की आपूर्ति करने वाले शीर्ष 5 समुद्री खाद्य निर्यातक देशों में से एक है. उन्होंने कहा, हम तीसरे सबसे बड़े मछली उत्पादक, दूसरे सबसे बड़े जलीय कृषि उत्पादक और दुनिया के चौथे सबसे बड़े समुद्री खाद्य निर्यातक हैं. भारत के कृषि निर्यात का लगभग 17 प्रतिशत मछली का उत्पाद है. वहीं 2021-22 के दौरान भारत में झींगा मछली का उत्पादन 10 लाख टन को पार कर गया है और विश्व स्तर पर झींगा उत्पादन में भारत दूसरे स्थान पर पहुंच गया है.