अपनी अलग-अलग मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे 19 किसान-मजदूर संगठनों ने अपने पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत गुरुवार को तीन दिवसीय रेल रोको आंदोलन शुरू किया जो 28,29 और 30 सितंबर तक जारी रहेगा. पंजाब में किसान संगठनों ने मोगा रेलवे स्टेशन, मोगा जिले के अजीतवाल और डगरू, होशियारपुर, गुरदासपुर और डेरा बाबा नानक, जालंधर कैंट, तरनतारन, संगरूर के सुनाम, पटियाला के नाभा, फिरोजपुर के बस्ती टैंकावाली और मल्लांवाला, बठिंडा के रामपुराफूल पर विरोध प्रदर्शन किया है. , अमृतसर के देवीदासपुरा और मजीठा, फाजिल्का रेलवे स्टेशन, मालेरकोटला के अहमदगढ़ में 3 दिनों तक 17 जगहों पर विरोध प्रदर्शन हुए, जिससे ट्रेनों की रफ्तार अब थम गई है. हालांकि इसका सीधा असर आम जनता पर दिखाई दे रहा है.
किसान संगठनों के आंदोलन के कारण कुल 91 ट्रेनें प्रभावित हुईं. फिरोजपुर मंडल के अनुसार, 51 ट्रेनें रद्द कर दी गईं और 29 ट्रेनों को बीच में ही समाप्त कर वापस लौटा दिया गया, जबकि 11 लंबी दूरी की ट्रेनों का मार्ग बदल दिया गया. ट्रेनों के रद्द होने या कम समय में समाप्त होने के कारण लोगों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ा. तीन दिनों तक चले इस आंदोलन के कारण जिन लोगों ने शनिवार से छुट्टियों पर जाने और ट्रेन से यात्रा करने की योजना बनाई थी, उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वे अपनी यात्राओं को पुनर्निर्धारित करने की कोशिश कर रहे हैं. गौरतलब है कि शनिवार से सोमवार तक लोगों की एक साथ 3 छुट्टियां पड़ रही हैं. ऐसे में उन्हें इस आंदोलन से सबसे अधिक नुकसान होता दिखाई दे रहा है.
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तालमेल कमेटी के नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि स्थिति चिंताजनक है क्योंकि मोदी सरकार की लगातार उपेक्षा के कारण बाढ़ से नुकसान झेल रहे उत्तर भारत के राज्यों को केंद्र से पर्याप्त मदद नहीं मिल रही है. उत्तर भारत के बाढ़ प्रभावित राज्यों के लिए 50 हजार करोड़ रुपये का राहत पैकेज, दिल्ली मोर्चा के दौरान एमएसपी गारंटी कानून बनाने और स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार फसलों के दाम तय करने, किसानों और मजदूरों की संपूर्ण कर्ज मुक्ति, मनरेगा के तहत 200 दिन का रोजगार, उत्तर भारत में स्मैक और हेरोइन जैसे घातक नशे पर प्रतिबंध लगाने की अधूरी मांग को पूरा करना, दिल्ली आंदोलन के दौरान दर्ज मुकदमों पर नियंत्रण, रद्दीकरण और लखीमपुर नरसंहार के दोषियों पर कार्रवाई, भारत माला परियोजना के तहत अधिग्रहीत की जा रही जमीन की दरों में 6 गुना वृद्धि, आबादकार किसानों और मजदूरों को उनकी जमीन का स्थायी मालिकाना हक देने की मांग की गयी. पंजाब से भारतव्यापी रेल रोको मोर्चा शुरू किया गया है. जो कल तक चलेगा.