संसद पर हमले की आरोपी नीलम की रिहाई को लेकर हरियाणा में किसानों की बैठक हुई. जींद की उचाना में चली बैठक में नीलम की रिहाई की मांग उठाई गई. संयुक्त किसान मोर्चा के सदसय आजाद पालवा ने यह बैठक आयोजित की थी. बैठक में नीलम की रिहाई को लेकर 3 प्रस्ताव पास किए गए. प्रस्ताव में कहा गया है कि नीलम को सरकार तुरंत रिहा करे. बैठक में मांग रखी गई कि आरोपियों पर जो UAPA की धारा लगाई गई है, उसे हटाया जाए. बैठक में किसान नेताओं ने कहा कि संसद में सुरक्षा चूक के सभी युवकों की मंशा गलत नहीं थी, इसलिए संगीन एक्ट को हटाया जाए. किसानों का कहना है कि युवकों ने सरकार को जगाने का काम किया है. सरकार ने मांगें नहीं मानी तो जल्द पूरे हरियाणा की खापें, किसान संगठन इकट्ठे होकर कोई बड़ा फैसला लेंगे.
आरोपी नीलम के पक्ष में गुरुवार को किसान संगठन ने प्रदर्शन किया. किसानों का कहना है कि अगर नीलम को जल्दी से जल्दी रिहा नहीं किया गया तो जींद की ऐतिहासिक धरती से बड़ा फैसला लिया जाएगा. जींद के उचाना में 11:00 बजे के आसपास किसान इकट्ठा हुए और नीलम के पक्ष में रैली की. किसान नेता आजाद पालव का कहना है कि नीलम ने जो किया, वह सही किया है क्योंकि लगातार देश के अंदर बेरोजगारी बढ़ रही है.
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एक दिन पहले जींद में नीलम की मां ने कहा, वह बेरोजगारी को लेकर चिंतित थी.मैंने उससे बात की थी लेकिन उसने मुझे दिल्ली के बारे में कभी कुछ नहीं बताया. वह मुझसे कहती थी वह इतनी पढ़ी लिखी है लेकिन उसके पास कोई नौकरी नहीं है, इसलिए मर जाना बेहतर है. नीलम की मां ने कहा कि 2 दिन पहले घर पर ही थी और हिसार से पढ़ाई करती थी. घर से जब गई तो हिसार जाने की बात कह के गई थी. वहीं भाई का कहना है कि वो किसान आंदोलन के साथ जुड़ी रही है. छात्रों की आवाज बुलंद करने का काम किया है. टीचिंग लाइन में जॉब के लिए पढ़ाई करती थी. पहले भी नीलम टीचिंग लाइन में HTET का एग्जाम दे चूकी है. भाई का ये भी कहना है कि वो किसी पार्टी से जुड़ी नहीं रही है.
किसान और खापों की ओर से समर्थन मिलने के बाद अब राजनीतिक पार्टियां भी समर्थन में उतर आई हैं. हरियाणा की आईएनएलडी पार्टी के महासचिव अभय चौटाला ने खुल कर समर्थन करते हुए कहा कि नीलम ने गलत नहीं किया है. आज तो संसद में घुसकर किया, ये युवा इनके नेताओं के घर में भी घुसने का काम करेंगे. अभय चौटाला ने कहा है कि अभी तो यह संसद में हुआ है, बेरोजगारी का यह आलम रहा तो यह इनके हर नेता के घर में घुसेंगे. इन्होंने युवाओं को झूठ बोल कर वोट तो ले लिए मगर इनके लिए क्या किया है. इन्होंने जो किया वह गलत नहीं किया, यह उनका अधिकार है अपनी आवाज उठाना. (परमजीत पंवार का इनपुट)
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