महाराष्ट्र में इस साल जनवरी से अक्टूबर के बीच 2,366 किसानों ने आत्महत्या की है. राहत और पुनर्वास मंत्री अनिल भाईदास पाटिल ने गुरुवार को विधानसभा में इस बात की जानकारी दी. कांग्रेस विधायक कुणाल पाटिल द्वारा पूछे गए एक प्रश्न के लिखित उत्तर में मंत्री ने कहा कि अमरावती राजस्व मंडल में ऐसी सबसे अधिक 951 मौतें हुईं. मंत्री ने बताया महाराष्ट्र सरकार को रिपोर्ट मिली है कि इस साल जनवरी से अक्टूबर तक 2,366 किसानों ने अलग-अलग कारणों से आत्महत्या की है. यह रिपोर्ट अपने आप में चौंकाने वाली है, क्योंकि तमाम कोशिशों के बावजूद महाराष्ट्र से किसानों की आत्महत्या का कलंक नहीं मिट रहा है. यह महाराष्ट्र की कृषि व्यवस्था पर भी बड़ा सवाल है.
रिपोर्ट के अनुसार, अमरावती राजस्व मंडल में 951 किसानों ने अपनी जान दे दी. इसके बाद छत्रपति संभाजीनगर मंडल में 877, नागपुर मंडल में 257, नासिक मंडल में 254 और पुणे मंडल में 27 किसानों ने अपनी जान दे दी. उन्होंने कहा, राज्य सरकार आत्महत्या वाले किसानों के परिजनों को 1 लाख रुपये देती है. लेकिन बड़ा सवाल यही है कि क्या पैसे किसानों की जान की भरपाई कभी हो पाएगी.
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दूसरी ओर, राज्य के कृषि मंत्री धनंजय मुंडे ने गुरुवार को विधान सभा को बताया कि महाराष्ट्र में कम से कम 96,811 किसानों को 'नमो शेतकारी महासंमान निधि योजना' के तहत सहायता नहीं मिल सकी. क्योंकि उनके बैंक खाते और आधार नंबर लिंक नहीं थे. महाराष्ट्र सरकार ने केंद्र की प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों को भुगतान की जाने वाली राशि के अलावा, उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए योजना शुरू की है.
मुंडे ने विधानसभा में एक लिखित उत्तर में कहा कि पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत पैसा पाने वाले लाभार्थियों की कुल सूची में से, 96,811 ऐसे बैंक खाताधारक है, जिन्हें राज्य योजना का लाभ मिलना था, और जिन्हें नहीं मिल सका. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि इस साल 26 अक्टूबर तक उनका आधार नंबर और बैंक अकाउंट लिंक नहीं हुआ था.
राज्य विधानमंडल के चल रहे शीतकालीन सत्र के दौरान एआईएमआईएम विधायक मुफ्ती मोहम्मद इस्माइल अब्दुल खालिक द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में मुंडे कहा कि किसानों के बैंक खातों और आधार नंबरों को जोड़ने का काम तेजी से चल रहा है. मंत्री ने कहा कि लाभार्थियों को व्यक्तिगत रूप से स्थानीय सरकारी कार्यालय से संपर्क करना होगा और बैंक खाते और आधार संख्या को जोड़ने की प्रक्रिया पूरी करनी होगी. उन्होंने कहा, एक बार लिंकिंग पूरी हो जाने के बाद लाभार्थियों को योजना का लाभ मिलता रहेगा.
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