हरियाणा के सहकारिता मंत्री डॉ. बनवारी लाल ने कहा है कि सहकारी चीनी मिलों का प्रदर्शन इस बार अच्छा रहा है. इस बार 10.75 प्रतिशत चीनी रिकवरी के साथ शाहबाद मिल ने 7.50 लाख क्विंटल चीनी उत्पादन का रिकॉर्ड कायम किया है. सहकारिता मंत्री ने बृहस्पतिवार को राज्य के शाहबाद (कुरुक्षेत्र) में चल रहे इथेनॉल प्लांट, चीनी मिल और वीटा प्लांट का दौरा कर उत्पादन का अवलोकन किया. राज्य की चीनी मिल में यह एकमात्र इथेनॉल प्लांट है. उन्होंने मिल में चीनी और बिजली उत्पादन सहित प्रतिदिन की जा रही क्रेशिंग के बारे में भी जानकारी ली. हरियाणा में कुल 11 सहकारी चीनी मिलें हैं. इन सभी में इथेनॉल प्लांट लगाकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जाएगा.
सहकारिता मंत्री ने कहा कि चीनी मिल ने किसानों की 80 प्रतिशत गन्ने रकम का भुगतान कर दिया है. यह रकम करीब 263 करोड़ रुपये है. बाकी रकम का जल्द ही भुगतान कर दिया जाएगा. सरकार का प्रयास है कि समय पर किसानों को गन्ने की पेमेंट मिले और चीनी मिलें भी आत्मनिर्भर बनें. शाहबाद प्लांट को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए भी विशेष ध्यान रखा जा रहा है. मिलों में लगातार नई चीजों को बनाने का प्रयास जारी है ताकि दूसरी गतिविधियों से भी कमाई बढ़े. यहां गन्ना का दाम 372 रुपये प्रति क्विंटल है.
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मंत्री ने बताया कि चीनी मिलों में किसानों के लिए कैंटीन एवं विश्राम गृह की भी सुविधाएं भी मुहैया करवाई गई हैं. शाहबाद मिल हर रोज हजारों क्विंटल गन्ने की पिराई कर रही है. इसके अलावा मिल में 60 केएलपी इथेनॉल बनाए जाने के लक्ष्य के विरुद्ध लगभग 53 केएलपी इथेनॉल का उत्पादन किया गया है. इथेनॉल उत्पादन का लक्ष्य अवश्य पूरा किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस प्लांट के प्रदर्शन के आधार पर ही राज्य की अन्य मिलों में भी इथेनॉल प्लांट लगाए जा रहे हैं. ताकि मिलों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जा सके.
डॉ. बनवारी लाल ने कहा कि मिल ने 5 करोड़ यूनिट बिजली उत्पादन का लक्ष्य भी पूरा कर लिया है. सरकार मिलों से 4.10 रुपये प्रति यूनिट बिजली खरीद रही है, लेकिन 6.10 रुपए बिजली दे रही है. इस प्रकार मिलों को प्रति यूनिट लगभग 2 रुपए का नुकसान हो रहा है. इस बारे में मुख्यमंत्री मनोहर लाल से विचार विमर्श किया जाएगा. ताकि मिलों के इस घाटे को पूरा किया जा सके.
मंत्री ने कुरुक्षेत्र के वीटा मिल्क प्लांट का दौरा किया और अधिकारियों को प्लांट का उत्पादन बढ़ाने के निर्देश दिए. प्लांट में प्रतिदिन 14 हजार लीटर दूध और घी की पैकिंग कर वार्षिक 126 करोड़ का कारोबार किया जा रहा है. सहकारिता मंत्री ने जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ भी बैठक की. उनके साथ पेयजल योजनाओं की समीक्षा की. गर्मी के मौसम में अधिकारियों को पेयजल की समस्याओं का हर संभव निदान करने के निर्देश दिए.
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