रोहतक: मंडी में गेहूं की बंपर आवक, स्लो लिफ्टिंग से किसान परेशान, श्मशान घाट में अनाज रखने को हुए मजबूर 

रोहतक: मंडी में गेहूं की बंपर आवक, स्लो लिफ्टिंग से किसान परेशान, श्मशान घाट में अनाज रखने को हुए मजबूर 

हरियाणा के रोहतक जिले में महम के पास, मदीना गांव की मंडी में गेहूं रखने के लिए जगह की कमी ने किसानों और आढ़तियों (कमीशन एजेंटों) को गांव के श्मशान घाट में अनाज का ढेर लगाने के लिए मजबूर कर दिया है.

रोहतक में श्मशान घाट में गेहूं रखने को मजबूर हुए किसान, सांकेतिक तस्वीर  रोहतक में श्मशान घाट में गेहूं रखने को मजबूर हुए किसान, सांकेतिक तस्वीर  
क‍िसान तक
  • Rohtak,
  • Apr 23, 2023,
  • Updated Apr 23, 2023, 2:50 PM IST

हरियाणा के रोहतक जिले में महम के पास, मदीना गांव की मंडी में गेहूं रखने के लिए जगह की कमी ने किसानों और आढ़तियों (कमीशन एजेंटों) को गांव के श्मशान घाट में अनाज का ढेर लगाने के लिए मजबूर कर दिया है. ऐसा स्थानीय मंडी और निकटवर्ती राष्ट्रीय राजमार्ग-9 के 1 किमी लंबे खंड और गांव के दोनों सरकारी स्कूलों में अनाज रखने के बाद किया जा रहा है. गौरतलब है कि शनिवार को मदीना गांव के श्मशान घाट में एक चिता के पास अनाज का ढेर रखा गया था, तब चिता से निकली एक छोटी सी चिंगारी से भी अनाज में आग लग सकती थी. बारिश से भी भारी नुकसान हो सकता है. 

किसानों का कहना है कि उन्होंने स्कूल प्रशासन से अनुमति लेकर गेहूं स्कूल परिसर में जमा कर रखा था.

मंडी में बोरी रखने की क्षमता कम 

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, पास के अजायब गांव के समंदर सिंह ने कहा कि मदीना गांव में स्थानीय मंडी लगभग 30 साल पहले स्थापित की गई थी और इसकी क्षमता लगभग 20,000 बोरी रखने की है. शुरुआत में यह गांव की जरूरतें ही पूरी करता था, लेकिन अब आसपास के 8-10 अन्य गांवों के किसान भी मदीना में अपनी फसल लाने लगे हैं, जिससे यह स्थिति पैदा हो गई है.

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किसानों ने फसलों को श्मशान घाट में जमा किया

एक स्थानीय किसान सतीश कुमार, जिन्होंने अपनी फसल को श्मशान घाट में जमा किया था. ने कहा “हम अपने गेहूं को किसी खाली जगह पर रखने के अलावा और क्या कर सकते हैं क्योंकि मौजूदा मंडी में भंडारण के लिए जगह नहीं बचा है. समस्या का एकमात्र समाधान यह है कि सरकार मौजूदा मंडी को बगल की पंचायत भूमि का उपयोग करके विस्तारित कर दे.”  मंडी के आढ़ती राम रतन सिंह ने कहा कि कुछ हद तक इसके लिए लेबर प्रॉब्लम भी जिम्मेदार है. उन्होंने कहा, “जिनके पास पर्याप्त लेबर हैं वे हर दिन 2,000-2,500 बैग उठा रहे हैं, अन्यथा उन्हें इसे बगल के क्षेत्र में रखना पड़ता है.” 

श्मशान घाट में गेहूं के ढेर लगाने की जानकारी नहीं

अजय कुमार, डीसी रोहतक ने बताया कि उन्हें मदीना मंडी में जगह की कमी के बारे में पता है, लेकिन किसानों को श्मशान घाट में गेहूं के ढेर लगाने की जानकारी नहीं है. डीसी ने कहा, "हमने मदीना में लिफ्टिंग बढ़ा दी है और वर्तमान में प्रतिशत 60% है, जो अन्य खरीद केंद्रों में 35% से बहुत अधिक है."

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लिफ्टिंग नहीं होने से मंडियों में जगह नहीं: हुड्डा

शनिवार को रोहतक में पत्रकारों से बात करते हुए पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि प्रदेश की मंडियों में गेहूं की आवक जोरों पर है, लेकिन उठान नहीं होने से मंडियों में जगह कम पड़ गई है. उन्होंने कहा कि सरकार ने समय से अनाज उठान के लिए ट्रांसपोर्टरों को टेंडर देने में देरी की और जब टेंडर दिया गया तो ऐसे लोगों को दिया गया जिनके पास पर्याप्त वाहन नहीं थे. हुड्डा ने बेमौसम बारिश से हुए नुकसान की भरपाई और किसानों को मुआवजे में देरी का मुद्दा भी उठाया. 

 

 

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