मोटे अनाज से तैयार क‍िए चॉकलेट समेत कई आयटम, बच्चों को मिलेट्स से जोड़ने की पहल

मोटे अनाज से तैयार क‍िए चॉकलेट समेत कई आयटम, बच्चों को मिलेट्स से जोड़ने की पहल

रागी, बाजरा और ज्वार से बनी चॉकलेट 30 से 40 रुपये की है. नूडल्स का 360 ग्राम का पैकेट 60 रुपये का है. रागी से बनी एक कुकीज की कीमत पांच रुपये है. इसी तरह बाजार पाउडर के मुकाबले मिलेट्स से बना दूध और पानी में डालकर पीया जाने वाला एनर्जी पाउडर भी है. 

गांव का बाजार की देविका बच्चों के साथ. गांव का बाजार की देविका बच्चों के साथ.
नासि‍र हुसैन
  • Noida ,
  • Mar 26, 2023,
  • Updated Mar 26, 2023, 12:02 PM IST

फास्ट-फूड से हटाकर कैसे छोटे बच्चे ही नहीं बड़ों को भी मिलेट्स से जोड़ा जाए, स्वाद के साथ ही उन्हें हेल्दी खाने को भी मिले. इसके लिए गांव का बाजार नाम से शुरू हुआ स्टार्ट अप देशभर में घूम-घूमकर अपने सामान का प्रचार कर रहा है. इस स्टार्ट अप मिलेट्स से नमकीन, कुकीज, चॉकलेट, पास्ता, नूडल्स तैयार किए हैं. इतना ही नहीं स्वाद के चलते बच्चा  दूध नहीं पीता है तो उसके लिए मिलेट्स से एक पाउडर भी बनाया है, जो दूसरे एनर्जी पाउडर की तरह से ही बच्चों  को फायदा पहुंचाता है.वहीं स्टार्टअप रागी से बनी चार तरह के नमकीन भी उपलब्ध करा रहा है. 

अगर आप थोड़ा मीठा नमकीन पसंद करते हैं तो वैसा नमकीन भी है. अगर कोई तीखा नमकीन खाना चाहता है तो तीखा भी मिलेगा. इस नमकीन में तेल का इस्तेमाल नहीं किया गया है. नमकीन में मौजूद हर एक आइटम को भूना गया है. बाजरा और रागी की चॉकलेट भी बनाई गई है. 

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 रागी, ज्वार, बाजरे की रोटी नहीं चॉकलेट, पास्ता-नूडल्स  कर रहे पंसद 

ओडिशा की रहने वालीं देविका मुखर्जी और उनकी साथी ने ये र्स्टाट अप शुरू क‍िया है. भुवनेश्वर में उन्होंने मिलेट्स कैफे भी खोला हुआ है. कैफे में लोग मैगी नहीं मिलेट्स के नूडल्स ऑर्डर करते हैं. देविका ने किसान तक को बताया कि हम देशभर में मिलेट्स से संबंधित होने वाले कार्यक्रम में घूमते हैं. ऐसे कार्यक्रम में आने वाले बच्चों से जब रागी, ज्वार, बाजरे की रोटी खाने की बात करों तो वो तैयार ही नहीं होते हैं. तमाम तरह के सवाल करने लगते हैं. उनका कहना होता है कि उन्होंने तो ऐसी रोटी नहीं देखी है. 

मजे की बात यह है कि हम सभी तरह के मिलेट्स से चार तरह का नमकीन, दो स्वा्द में कुकीज, तीन अलग-अलग स्वाद वाली चॉकलेट बना रहे हैं. इतना ही नहीं पास्ता, नूडल्सन वगैरह भी बना रहे हैं. इन्हें बच्चे इतने मजे से खा रहे हैं कि स्वाद को लेकर भी कोई शिकायत नहीं करते हैं. श्री अन्न कार्यक्रम जैसी जगहों पर तो चॉकलेट समेत हमारे कई प्रोडक्ट फटाफट बिक जाते हैं. 

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किसानों को भी ऐसे फायदा पहुंच रहा  

देविका ने बताया कि हमारा स्टार्ट अप 12 एफपीओ से जुड़ा हुआ है. यह सभी एफपीओ करीब 200 किसानों के हैं. हम अपना प्रोडक्ट बनाने के लिए कच्चा माल बाजार से न लेकर सीधे किसानों से लेते हैं. ऐसा करने से हमे कच्चा माल चार पैसे सस्ता मिल जाता है. वहीं किसान को यह फायदा होता है कि उसका माल घर बैठे नकद में बाजार रेट से अच्छे  दाम पर बिक जाता है.    

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