G20 देशों के कृषि प्रतिनिधियों की दूसरी बैठक 29 मार्च से शुरू हो गई है. 29 से 31 मार्च 2023 तक आयोजित होने वाली G20 देशों के कृषि प्रतिनिधियों की दूसरी बैठक की मेजबानी चंडीगढ़ करेगा. इसको लेकर हरियाणा सरकार ने पूरी तैयारियां कर ली हैं. हरियाणा सरकार में अतिरिक्त मुख्य सचिव एग्रीकल्चर डॉ. सुमिता मिश्रा ने बताया कि G20 देशों के कृषि प्रतिनिधियों की दूसरी बैठक की मेजबानी के लिए चंडीगढ़ का चुनाव होना क्षेत्र के लिए गौरव की बात है. उन्होंने कहा कि विश्वभर से G20 समूह देशों के प्रतिनिधियों का स्वागत करने के लिए कृषि तथा किसान कल्याण विभाग, हरियाणा सरकार
G20 देशों के कृषि प्रतिनिधियों की दूसरी बैठक के विषयों के बारे में जानकारी देते हुए हरियाणा सरकार में अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ सुमिता मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि हरियाणा देश में कृषि क्रांति की इबारत लिखता रहा है. उन्होंने कहा कि कृषि प्रधान देश की अर्थव्यवस्था का मुख्य केंद्र हरियाणा को माना जाता है. उन्होंने बताया कि तीन दिवसीय बैठक में G20 समूह देशों के प्रतिनिधि कृषि उत्पादन बढ़ाने, सतत कृषि, पर्यावरणीय बदलावों के प्रभाव, डिजिटलाइजेशन का उपयोग, कृषि नवाचार, अत्याधुनिक तकनीक का प्रयोग, जैविक कृषि, सतत कृषि, नैनो उर्वरकों आदि के उपयोग के साथ ही खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में विचार-विमर्श करेंगे. उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि इस बैठक से देश ही नहीं विश्व कृषि को एक नई दिशा मिलेगी.
इस महत्वपूर्ण बैठक में भारत के साथ 19 सदस्य राष्ट्र और 10 आमंत्रित देशों तथा 10 अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं. जानकारी के मुताबिक बुधवार यानी आज से शुरू हो रही बैठक में पहले दिन पहले दिन एएमआईएस त्वरित प्रतिक्रिया फोरम का आयोजन किया जाएगा. यह खाद्य बाजार की स्थिति को समझने और उससे निपटने तथा क्षमता निर्माण की अवश्यकताओं की पहचान करने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है. उम्मीद की जा रही है कि इस फोरम की पहल भविष्य की प्रगति के लिए एक मार्ग को प्रशस्त करेगी.
वहीं कृषि प्रतिनिधियों की दूसरी बैठक के दूसरे और तीसरे दिन के दौरान सदस्य देश विज्ञप्ति का मसौदा तैयार करने पर अपना ध्यान केंद्रित करेंगे, जो चार विषयगत क्षेत्रों की जरूरतों को पूरा करने एवं समस्याओं को हल करने से संबंधित होगा. इनमें खाद्य सुरक्षा व पोषण, जलवायु के प्रति स्मार्ट दृष्टिकोण के साथ टिकाऊ कृषि, समावेशी कृषि मूल्य श्रृंखला और खाद्य प्रणाली तथा कृषि परिवर्तन के लिए डिजिटलीकरण शामिल हैं.
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