लखीमपुर खीरी जिले के पलिया कस्बे में बजाज चीनी मिल पर किसानों ने ताला जड़ दिया. किसानों की शिकायत है कि उन्हें गन्ने का बकाया भुगतान नहीं मिल रहा है. इससे नाराज होकर किसानों ने मंगलवार को चीनी मिल के मेन गेट पर ताला लगा दिया. भारतीय किसान मजदूर संघ (वीएम सिंह) का संगठन चीनी मिलों के बकाया भुगतान के लिए पिछले 26 दिनों से मिल के गेट पर धरना प्रदर्शन कर रहा है. उनकी मांगें नहीं मानी जा रही हैं. इसी विरोध में किसानों ने चीनी मिल के गेट पर ताला लगा दिया.
अभी कुछ दिन पहले किसान संगठन के लोगों ने शारदा नदी में उतर कर विरोध प्रदर्शन किया था. इसके बाद चीनी मिल के अधिकारियों और प्रशासन के बीच एक समझौता हुआ जिसमें किसानों का एक महीने में 30 करोड़ का भुगतान करने का वादा किया गया. 31 जनवरी को एक महीना पूरा होने पर किसानों ने एक महीने में 10 करोड़ 80 लाख रुपये कम मिलने से नाराज होकर चीनी मिल के गेट पर ताला जड़ दिया. किसान प्रशासन से इस मामले को सुलझाने की मांग करता रहा है, लेकिन उनकी शिकायतें जस की तस बनी हुई हैं.
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भारतीय किसान मजदूर संगठन के जिलाध्यक्ष जगत सिंह ने चीनी मिल के गेट पर ताला लगाने के बाद मीडिया को बताया कि मामला वर्षों पुराना है और उन्हें गन्ने का भुगतान नहीं मिलने से भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि चीनी मिल चलने से पहले किसानों को उनके पूरे बकाये का भुगतान करने का आश्वासन मिला था. लेकिन चीनी मिल पैसा देने के अपने वादे से मुकर रही है. चीनी मिल ने लिखित में कहा था कि एक महीने में बकाया भुगतान हो जाएगा. लेकिन किसानों को 13 करोड़ 80 लाख रुपये कम दिए जा रहे हैं. इसके विरोध में किसानों ने मिल के गेट पर ताला लगा दिया.
किसान संगठन का कहना है कि प्रशासन अगर बकाया भुगतान करा दे तो किसानों को मिल के गेट पर ताला डालने की जरूरत नहीं पड़ती. किसानों ने कहा कि वे कानून-व्यवस्था का पूरी तरह पालन कर रहे हैं और किसी तरह का रोड जाम या किसी का पुतला नहीं फूंका जा रहा है. किसान चीनी मिल से लड़ रहे हैं. अगर चीनी मिल किसानों का पैसा दे दे तो ताला खोल दिया जाएगा. अगर गन्ने का भुगतान नहीं होगा तो गेट पर यूं ही ताला जड़ा रहेगा.
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किसान नेता जग्गा सिंह ने कहा कि चीनी मिल अपनी बात से मुकर रही है. किसानों की मांग बकाये के भुगतान की है जो कि वर्षों से चली आ रही है. चीनी मिल ने किसानों को भरोसा दिया था कि एक महीने के भीतर बकाये का भुगतान कर दिया जाएगा. लेकिन इसी महीने चीनी मिल की ओर से 13 करोड़ 80 लाख कम भुगतान किया जा रहा है. जब मिल अपनी बातों से मुकर रही है, तो आखिर किसान क्या करेगा. विरोध के तौर पर मिल पर ताला लगा दिया गया है, इसमें किसी तरह की आवाजाही नहीं होगी. चीनी मिल के खिलाफ एफआईआर होनी चाहिए थी. किसानों की मांग है कि मिल मालिक की गिरफ्तारी हो. जब गन्ने के बकाये का भुगतान हो जाएगा तो ताला खोल देंगे. अगर कम भुगतान करेंगे तो गेट पर भी ताला लगाया जाएगा.(अभिषेक वर्मा की रिपोर्ट)