Jellyfish: जेलिफिश में छिपा है करोड़ों का कारोबार, जानें इसके बारे में कुछ चौंकाने वाली बात 

Jellyfish: जेलिफिश में छिपा है करोड़ों का कारोबार, जानें इसके बारे में कुछ चौंकाने वाली बात 

जेलिफिश खासतौर पर चीन को बड़ी मात्रा में एक्सपोर्ट की जा रही है. आईसीएआर के सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ फिशरीज टेक्नोलॉजी में फिश प्रोसेसिंग डिपार्टमेंट के हैड बिंदू जे. का कहना है कि भारत ने 2022-23 के दौरान 13.12 करोड़ रुपये के जेलीफिश के प्रोडक्ट एक्सपोर्ट किए गए थे. खास बात ये है कि ज्यादातर का खरीदार चीन था. 

World Jellyfish Day 2023World Jellyfish Day 2023
नासि‍र हुसैन
  • नई दिल्ली,
  • Nov 29, 2023,
  • Updated Nov 29, 2023, 6:59 PM IST

जानकारों की मानें तो खतरनाक और बेकार समझी जाने वाली जेलिफिश में भी करोड़ों का कारोबार छिपा है. जेलिफिश की 100 से ज्यादा वैराइटी समुंद्र में पाई जाती हैं. खतरनाक इसलिए कहा जाता है कि इसका डंक अगर इंसान को लग जाए तो उसकी मौत तक हो सकती है. इसमे 95 तक पानी होता है. लेकिन चीन समेत कई दूसरे देशों में इसे बड़े शौक से खाया जाता है. बीते साल ही भारत ने लाइव जेलिफिश के साथ ही इससे बने प्रोडक्ट एक्सपोर्ट किए थे. इसी को देखते हुए जेलिफिश में रोजगार और कारोबार की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं. 

इसी संबंध में सेंट्रल मरीन फिशरीज रिसर्च इंस्टी्ट्यूट (CMFRI), कोच्चि में एक सेमिनार का आयोजन किया गया था. जहां रोजगार और कारोबार की संभावनाओं पर चर्चा की गई. सेमिनार में फिशरीज से जुड़े कई बड़े एक्सपर्ट मौजूद थे. इस मौके पर सीएमएफआरआई के डायरेक्टर ए. गोपाल कृष्णन भी मौजूद थे.

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डायरेक्टर CMFRI ने बताई जेलिफिश के बाजार की स्ट्रेजी 

सीएमएफआरआई के डायरेक्टर ए. गोपाल कृष्णन ने सेमिनार के विषय जेलिफिश मत्स्य पालन और व्यापार: स्थिति, रुझान और आजीविका पर बोलते हुए कहा कि जेलिफिश समुद्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. इतना ही नहीं हाल के दिनों में विश्वस्तर पर सीफूड मार्केट में जेलिफिश का महत्व बढ़ रहा है. जेलिफिश अतिरिक्त आय का एक अच्छा संभावित रास्ता है. लेकिन अभी नजर इस पर बनी हुई है कि बाजार में लगातार इसकी सप्लाई बनी रहे. इतना ही नहीं तटीय जल में मछली पकड़ने की लगातार कोशिश और जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभाव को देखते हुए जेलीफिश मछली पालन के विकल्प  की संभावनाओं पर खरी उतर सकती है. इससे मछुआरों की एक्सट्रा इनकम होगी.  

साल 2021 में पकड़ी गई थी 11756 टन जेलिफिश 

सीएमएफआरआई ने एक आंकड़ा जारी कर बताया है कि भारत में साल 2021 में 11756 टन (गीला वजन) जेलीफिश पकड़ी गई थी. ये इस बात का संकेत है कि इसका कारोबार अभी और बढ़ेगा. सेमिनार में बोल रहे एक्सपर्ट का कहना है कि अभी भारत में जेलिफिश के इस्तेमाल को लेकर उपभोक्ता परंपरा और जागरूकता की कमी है.

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इस कमी को दूर करने के लिए सार्वजनिक धारणा को बदलने और देश के अंतर जेलीफिश को एक नए खाद्य पदार्थ के रूप में स्वीकार करने के लिए प्रचारात्मक पहल की जरूरत है. वहीं जेलिफिश के एक्सपोर्ट को बढ़ाने के लिए मछली पालन के तरीकों, कटाई के बाद की हैंडलिंग और प्रोसेसिंग, गुणवत्ता मानकों के ज्ञान की कमी के कारण जेलीफिश का दायरा सीमित है.

 

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