भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता और किसान नेता राकेश टिकैत ने बीते कई दिनों से मुजफ्फरनगर में जारी किसान आंदोलन को तेज करने की कवायद की है. गन्ने का दाम घोषित करने, आंदोलन में मारे गए किसानों को मुआवजा दिलवाने समेत कई मांगों को लेकर धरन में बैठे राकेश टिकैत ने आगामी सप्ताह में किसान महापंचायत बुलाई है. इसको लेकर राकेश टिकैत ने किसानों से अपील की है, जिमसें टिकैत ने महापंचायत में 10 साल पुराने ट्रैक्टर लाने को कहा है. मालूम हो कि डीजल वाहनों विशेष रुप से 10 साल से अधिक पुराने ट्रैक्टरों पर प्रतिबंध लगाया गया है. इससे किसान नाराज हैं.
राकेश टिकैत ने आगे दावा किया कि केंद्र ने फसलों के MSP न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों को गुमराह किया गया है और उन्होंने भविष्यवाणी करते हुए कहा कि यह हंगामा सरकार के खिलाफ जारी रहेगा. अपनी समस्याओं के समाधान के लिए बीकेयू से जुड़े सौकड़ों किसान टिकैत के नेतृत्व में मुजफ्फरनगर में पिछले सप्ताह से ही अनिश्चितकालिन हड़ताल पर हैं.
भारतीय किसान यूनियन ने आगामी सप्ताह में आयोजित होने वाली किसान महापंचायत की जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि इस महापंचायत में शामली, मेरठ, सहारनपुर, बागपत और पड़ोसी क्षेत्रों के संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) से जुड़े सभी किसान नेता शामिल होंगे.
महापंचायत के एजेंड़े के बारे में भारतीय किसान यूनियन ने कहा कि महापंचायत में गन्ने का बकाया भुगतान समेत एसएपी, ट्यूवबेल पर लगे बिजली मीटर और न्यूनतम समर्थन मूल्य के बारे में सरकार के किए गय वादे पर बात करेंगे.
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टिकैत ने कहा कि बजट के हिसाब से भी किसानों को कुछ नहीं मिला. इसमें सरकार गन्ना मूल्य निर्धारण और गन्ना बकाया भुगतान को लेकर सरकार खामोश रही. सीधे शब्दों में कहें तो सरकार किसानों को धोखा दे रही है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार उद्योगपतियों को कृषि भूमि दे रही है. वहीं बड़े व्यापारी चाहते हैं कि किसान अपने ही खेतों में मजदूरों के रूप में काम करें. राकेश टिकैत ने यह दावा करना जारी रखा है कि किसानों पर शक्तिशाली निगमों और व्यापारियों को अपनी जमीन बेचने का दवाब बनाया जा रहा है और सरकार किसानों को उत्पादों का उचित मूल्य नहीं दे रही है. उत्पादों का सही मूल्य न मिलने और प्रशासन की लापरवाही के कारण किसानों की स्थिति वास्तव में बद से बदतर होती जा रही है.
टिकैत के साथ ही, प्रयागराज के माघ मेला में भारतीय किसान संघ ने मीडिया प्रतिनिधियों से कहा कि वर्तमान सरकार किसानों के हित में काम नहीं कर रही है.